दुर्ग: जिले में कोरोना संक्रमितों का आकंड़ा 6 हजार के पार हो चुका हैं. जिले में अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी हैं. मृतकों की संख्या बढ़ते ही जिला प्रशासन को अब कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा हैं, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए एसओपी का पालन करते हुए शवों के अंतिम संस्कार करने के निर्देश निगम प्रशासन को दिए हैं.
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कोविड-19 काल के दौरान दुर्ग-भिलाई के सार्वजनिक मुक्तिधामों में प्रतिदिन 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार होता हैं, जिसमें कोविड के मृतकों को भी शामिल किया जा रहा हैं. मुक्तिधाम के आसपास रहने वाले रहवासियों का मानना है कि मुक्तिधाम मे आने वाले अन्य मृतकों के परिजनो में भी उससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया हैं. रामनगर मुक्तिधाम के केयरटेकर कृष्णा देखमुख ने बताया कि कोविड-19 आने से पहले हर साल लगभग 2 हजार 300 लाशों को जलाया जाता था.
- वर्तमान में कोविड-19 के समय एक अप्रैल से 30 अगस्त तक 865 शवों को जला चुके हैं.
- 1 सितंबर 2020 से 13 सितंबर 2020 तक 188 शवों को जला चुके हैं,इनमें से 67 शव कोरोना पॉजिटिव मरीजों के हैं.
आपको बता दे कि लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों को लेकर जिला प्रसाशन तमाम दावे कर रहा हैं, लेकिन ये दावे खोखले साबित होते दिख रहे हैं. रोजाना 200 से ज्यादा अब भी संक्रमित पाए जा रहे हैं. कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे ने बताया कि कोरोना संक्रमण से हुई मौत में औसत 60 साल से ऊपर उम्र के मरीज है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से एहतियात बरतने की अपील कर रहा है.