दुर्ग: भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में डीजीएम प्रोजेक्ट रह चुके हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के पूर्व सीएमडी संतोष कुमार शर्मा के निवास पर सीबीआई (CBI raids the house of former CMD) का छापा मारा है. सेक्टर 2 भिलाई सहित इंटरनेशनल कालोनी तालपुरी व रिसाली के मैत्री नगर स्थित निवास पर सीबीआई का छापा पड़ा है. दिल्ली से पहुंची पांच सदस्यीय टीम ने सुबह उनके निवास पर दस्तक देकर छानबीन शुरू किया है. लेकिन इस मामले को हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड द्वारा मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में मलाजखंड में एक प्लांट निर्माण में हुई आर्थिक अनियमितता से जोड़कर देखा जा रहा है. इस बीच सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के दो पूर्व सीएमडी और कार्यकारी निदेशक सहित कंपनी के 5 अधिकारियों समेत कई लोगों के यहां तीसरे दिन भी छापे की कार्रवाई जारी रही. 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है
CBI की पांच सदस्यीय टीम कर रही छानबीन: दिल्ली से पहुंची पांच सदस्यीय टीम ने भिलाई टाउनशिप के एवेन्यू में कार्टर नं 11डी सेक्टर 2 में छापा मारा है. इस आवास को संतोष कुमार शर्मा ने भिलाई इस्पात संयंत्र से लीज में खरीदा है. इसके अलावा उनके तालपुरी व मैत्री नगर निवास पर भी कार्रवाई की जा रही है. वर्तमान में संतोष कुमार शर्मा कर्नाटक के एक कंपनी में डीजीएम कंसल्टेंट के पद पर कार्यरत हैं. इससे पहले वे भिलाई इस्पात संयंत्र में डीजीएम प्रोजेक्ट रह चुके हैं.
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इसलिए पड़ा CBI का छापा: वर्ष 2013 में उन्होंने बीएसपी की नौकरी छोड़कर जीएम के पद पर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (Hindustan Copper Limited) में नई शुरुआत की थी. बताया जाता है कि तीन साल पहले संतोष कुमार शर्मा हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के कोलकाता मुख्यालय से सीएमडी के पद से सेवानिवृत्त हुए. उनके सेवानिवृत्ति से दो साल पहले हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने लगभग 200 करोड़ रूपए की लागत से मध्यप्रदेश में बालाघाट जिले के मलाजखंड में कॉपर के रॉ मटेरियल से सोना निकालने का एक संयंत्र निर्माण करने की योजना बनाई. इसके लिए एक कंपनी को ठेका दिया गया. इस ठेका में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के सीएमडी के नाते संतोष कुमार शर्मा की भूमिका को अहम माना गया. लेकिन जिस कंपनी को मलाजखंड में संयंत्र स्थापित करने का काम मिला था. उसे काम शुरू होने से पहले ही 10 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया. इस भुगतान को लेने के बाद ठेका कंपनी काम छोड़कर गायब हो गई. मामले की प्रारंभिक जांच हुई, तो संतोष कुमार शर्मा और एक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर दोषी पाए गए. बाद में मामला सीबीआई के हवाले किया गया.
CBI ने 60 लाख रुपए का अंतिम भुगतान रोका: आज संतोष कुमार शर्मा के ठिकानों पर सीबीआई की चल रही कार्रवाई को इसी मामले से जोड़कर देखा जा रहा है. यह भी जानकारी मिली है कि संतोष कुमार शर्मा जब तीन साल पहले सेवानिवृत्त हुए, तब हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने सीबीआई के निर्देश पर उनके 60 लाख रुपए का अंतिम भुगतान रोक दिया. वहीं एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर को भी निलंबित कर भुगतान रोका गया. संतोष कुमार शर्मा ने् 1982 में रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पास आऊट हुए थे. संतोष कुमार शर्मा से पहले हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड में बीएसपी छोड़कर गए केवी दीवान ने सीएमडी का पद हासिल किया था. दीवान के पहल पर ही संतोष कुमार शर्मा ने बीएसपी छोड़ हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ज्वाइन किया था.