दुर्ग : कोरोना के तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए भिलाई स्टील प्लांट अलर्ट हो गया है. बीएसपी लगभग 500 बिस्तरों की कोविड चिकित्सा सुविधा स्थापित करने की योजना पर तेजी से कार्य कर रहा है. बीएसपी के नेहरू चिकित्सालय और अनुसंधान केंद्र, सेक्टर-9 में वर्तमान सुविधाओं के अलावा इस नई सुविधा में कोविड का उपचार संयंत्र से सीधे गैसीय ऑक्सीजन के सहयोग से किया जाएगा. तीसरी लहर को लेकर अंदेशा लगाया जा रहा है कि दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक होगा. ऐसे में प्रबंधन पूरी तरह से सतर्क हो गई है, ताकि किसी प्रकार की कोई लापरवाही न हो और मरीजों को ऑक्सीजन की तत्काल सुविधा मिल सके.
![BSP has started construction of a 500-bed hospital in bhilai](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-drg-02-bsp-covid-care-senter-image-7209649_22052021222830_2205f_1621702710_739.jpg)
पहले चरण में बीएसपी के मानव संसाधन विकास विभाग के खाली पड़े वर्कशॉप्स और क्लास रूम में 110 बेड से अधिक कोविड केयर सेंटर स्थापित करने की योजना पर कार्य शुरू हो गया है. प्लांट में पाइप लाइन के माध्यम से गैसीय ऑक्सीजन सीधे मानव संसाधन विकास विभाग के इस वर्कशॉप तक लाया जा रहा है. इस योजना पर युद्ध स्तर पर कार्य जारी है. प्रारंभिक योजना के अनुसार यह नया कोविड केंद्र जून, 2021 के प्रथम सप्ताह तक तैयार हो जाने की योजना है.
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प्लांट से सीधे मिलेगी गैसीय ऑक्सीजन
स्थापित होने वाले इन नये कोविड केन्द्रों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उपयोग करने के बजाय सीधे संयंत्र से प्राप्त गैसीय ऑक्सीजन का उपयोग किया जाएगा. मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए भिलाई स्टील प्लांट से सीधे एक समर्पित गैस लाइन इन कोविड केन्द्रों में पहुंचायी जा रही है. वर्तमान में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बहुत अधिक है इसलिए सेल-बीएसपी ऑक्सीजन के अतिरिक्त स्रोत के रूप में सीधे गैसीय ऑक्सीजन का इस्तेमाल करेगी.
![BSP has started construction of a 500-bed hospital in bhilai](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-drg-02-bsp-covid-care-senter-image-7209649_22052021222830_2205f_1621702710_777.jpg)
निर्माण कार्य और उपकरण खरीद की प्रक्रिया जारी
एचआरडीसी में स्थापित होने वाले इस कोविड सेंटर में काम जोरो पर है. भवन की पुर्नसंरचना, कमरों में लाइट, पंखा और अन्य उपकरणों के लिए वायरिंग के कार्य सेंटर में विद्युत आपूर्ति हेतु अंडरग्राउंड केबलिंग, गैस लाइन बिछाने का कार्य, टायलेट व बाथरूम का निर्माण किया जा रहा है. दूसरे मंजिल तक मरीजों को पहुंचाने के लिए रैम्प का निर्माण, डॉक्टर्स रूम और नर्सिंग स्टेशन की व्यवस्था, चेंजिंग रूम की व्यवस्था, बेड्स और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है.
ऑक्सीजन बैकअप की भी प्लानिंग
इस कोविड सेंटर में गैसीय ऑक्सीजन लाइन लाने के साथ ही सिलेंडर बैकअप की भी व्यवस्था की जा रही है. इसके अतिरिक्त लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का बैकअप भी प्लान किया जा रहा है. लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए आंतरिक संसाधनों के तहत एसएमएस-1 में अनुपयोगी पड़े लिक्विड आर्गन टैंक को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक में परिवर्तित किया जा रहा है.
एलएमओ की होगी बचत
भिलाई इस्पात संयंत्र ने इस कार्य में सिविल, मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्रोजेक्ट, परचेस जैसे कई विभागों की टीम युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. इन 500 बिस्तरों को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जायेगा. पहले चरण में कंपनी लगभग 110 बिस्तरों की सुविधा कायम करेगी और इसे विभिन्न चरणों में 500 बेड्स तक बढ़ाया जायेगा. इस नई कोविड उपचार केन्द्र के निर्माण से न सिर्फ जिले में कोविड उपचार के बिस्तरों की संख्या में इजाफा होगा. बल्कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की बचत भी होगी. लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के परिवहन व्यय और समय की भी बचत होगी.