धमतरी: कहते हैं अगर हौसले बुलंद होते हैं तो कोई मुश्किल रास्ता नहीं रोक सकती. यूपीएससी के इम्तेहान में अपनी काबिलियत का जलवा दिखाने वाले तीन बेटे-बेटियों ने जिले का नाम रौशन किया है. धमतरी शांति कॉलोनी निवासी विजय अग्रवाल और सविता अग्रवाल के सुपुत्र ईशु अग्रवाल चार्टर्ड एकाउंटेंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद तीन साल तक आईएएस की तैयारी में जुटे रहे. उन्हें इस बार सफलता मिल ही गई. ईशु अग्रवाल ने यूपीएससी के रिजल्ट में 81 वां स्थान पाकर शहर को गौरान्वित किया.
यूपीएससी में धमतरी के छात्रों का चयन: ईशु अग्रवाल ने बताया ''मेरा बचपन का सपना था कि आईएएस बनकर समाज सेवा के क्षेत्र में आऊं और यह सपना लगन के साथ पढ़ाई करने से पूरा हो गया.'' उन्होंने बताया कि जब वह आठवीं कक्षा के छात्र थे तब सामान्य ज्ञान की परीक्षा के दौरान तत्कालीन कलेक्टर टीसी महावर ने उन्हें प्रेरित किया था. उसके बाद कलेक्टर आरपीएस त्यागी से भी उन्हें प्रेरणा मिली थी. ईशु अग्रवाल ने सेल्फ स्टडी के साथ-साथ ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम से आईएएस की तैयारी की. उन्होंने इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हुए कहा कि घर में पढ़ाई के प्रति उन्हें हमेशा मार्गदर्शन और अच्छा माहौल देते रहे हैं. यदि आईपीएस में उनका चयन होता है तो वह उसे ड्रॉप कर आईएस के लिए फिर से तैयारी करेंगे.
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पूरा हुआ सपना: पंचवटी कॉलोनी निवासी एवं जिला कलेक्ट्रेट में इलेक्शन सुपरवाइजर ओमप्रकाश चंद्राकर के बेटे प्रखर चंद्राकर ने 102 रैंक हासिल किया है. प्रखर शुरू से ही मेधावी छात्र रहे हैं. 12वीं तक की शिक्षा मॉडल इंग्लिश स्कूल से पूरी करने के बाद एनआईटी रायपुर से बीटेक की डिग्री हासिल कर गेट की परीक्षा उत्तीर्ण की. एनटीपीसी में बतौर इंजीनियर के पद पर सर्विस की शुरूवात करते हुए आईइएस की एग्जाम दी. जिसमें सफलता मिलने के बाद उनका चयन रेलवे में सहायक अभियंता के रूप में हुआ. उनकी नियुक्ति संबलपुर ओडिशा में हुई. स्कूली शिक्षा से ही प्रखर के मन में आईएएस अफसर बनने की तमन्ना थी. एक वर्ष पहले यूपीएससी की एग्जाम दी थी. जिसमें सफलता नहीं मिलने पर फिर से तैयारी कर यूपीएससी का एग्जाम दिया. इस बार ऑल इंडिया रैंक में 102 वां स्थान प्राप्त किया है. प्रखर ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिजनों को दिया है. प्रखर की माता चंपा चंद्राकर माध्यमिक शाला हटकेशर में प्रधान पाठिका के पद पर पदस्थ हैं.
गांव की बेटी बनी अधिकारी: धमतरी मगरलोड ब्लॉक की पूजा साहू ने बताया कि केसीपीएस से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद रायपुर एनआईटी में बायोमेडिकल से इंजीनियरिंग करते ही वह दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करने लगीं. 2 बार में सफलता नहीं मिलने पर तीसरे अटेम्प्ट में उन्हें सफलता मिली है. अभी उनका 199 वां रैंक आया है. आईएएस, आईपीएस जो भी मिल जाए, वह जरूर लेकर लोगों की सेवा करना चाहेगी. पिता शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. मां मगरलोड में शिक्षिका हैं. पिता एनआर साहू ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की बेटी का इस तरीके से सफलता प्राप्त करना बड़े गौरव की बात है. वह शुरू से ही प्रतिभाशाली रही है.