धमतरी: जिले में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयादशमी (दशहरा) परंपरागत ढंग से मनाया गया. नगर निगम प्रशासन की ओर से 30 फीट ऊंचे पुतले को जैसे ही दहन किया गया. रामलीला मैदान जय-जय श्रीराम की जयघोष से गूंज उठा. हालांकि कुछ ही देर बाद ऐसा कुछ हुआ कि रावण दहन चर्चा का विषय बन गया. दरअसल रावण दहन के कुछ ही देर बाद रावण के पुतले का पूरा शरीर तो जल गया लेकिन रावण के 10 सिर नहीं जल पाए. कार्यक्रम के बाद 10 सिरों को नीचे उतारा गया और उसके बाद उन्हें एक जगह रखकर जलाया गया. पुतला बनाने में लापरवाही पर नगर पालिक निगम के कर्मचारी राजेंद्र यादव को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं 4 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. Ravana head not burn on Dussehra
क्या है पूरा मामला: दरअसल बुधवार को शहर समेत अंचल में दशहरा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. शहर में रावण दहन का मुख्य कार्यक्रम नगर निगम की ओर से शाम साढ़े सात बजे रामबाग स्थित गौशाला मैदान में हुआ. इसके पूर्व ग्राम अछोटा की भूले बिसरे रामलीला मंडली के कलाकारों ने शोभायात्रा निकालकर भगवान श्रीरामचन्द्र दरबार की पूजा अर्चना की. इसके बाद रामलीला का मंचन किया गया. करीब डेढ़ घंटे तक चली रामलीला मंचन में कलाकारों ने सीता हरण, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने, कुंभकर्ण वध के बाद भगवान श्रीराम और रावण वध का लीला मंचन किया, जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. इसके बाद रावण दहन किया गया. चंद मिनटों में ही रावण तो जल गया लेकिन उसकी मुंडिया बच गईं. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद एक युवक ने ऊपर चढ़कर रावण के सिर को गिराया और सभी को इकट्ठा कर उसे जलाया गया.
नगर निगम की किरकिरी: दशहरा पर्व के दिन रावण का पुतला तैयार करने में बरती गई लापरवाही से अब नगर निगम धमतरी की किरकिरी हो रही है. पतले दुबले रावण के पुतले को लेकर सोशल मीडिया में नागरिक तीखी प्रक्रिया दे रहे हैं. इस मामले में एक लिपिक को निलंबित कर दिया गया है. चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस बार रावण का पुतला 30 फीट का था. इसकी लागत करीब 45 हजार बताई जा रही है. रावण का पुतला इस बार पहले से ही चर्चा का विषय रहा. रावण इतना पतला था कि लोग उसे कुपोषण का शिकार तक कह रहे थे.