धमतरी: शहर में धूल आज प्रमुख समस्याओं में से एक है. जो घर से नहा धो के काम पर निकलते है. वो अपने दफ्तर या दुकान तक पहुचते पहुँचते फिर धूल धूसरित हो जाते है. इस समस्या की तरफ खबरों और शिकायतों के जरिये बार बार ध्यान खींचा गया. लेकिन जिम्मेदार लोगों के कान में जूं तक नही रेंगी, अब शहर के युवाओं ने धूल की समस्या पर अनोखे ढंग से कटाक्ष किया है. शहर के घड़ी चौक पर धमतरी धूल उत्सव मनाया गया. आतिशबाजी की गई, ढोल नगाड़े बजे और केक भी काटा गया और बांटा भी गया. केक को भी इस ढंग से डिजाइन किया गया था कि उसमें सड़को पर धूल संकट को उभारा गया था. उम्मीद की जा रही है कि. सीधे सीधे नही तो कम से कम इस उत्सव वाले कटाक्ष से जिम्मेदारों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास होगा. Dhamtari Dust Festival day
धूल से परेशान: दरअसल धमतरी जिले में धूल की समस्या ज्यादा है. बारिश रुकने के बाद कीचड़ से राहत मिली तो अब धूल की आफत आ गई, सड़कों पर इतनी धूल है कि धुंध जैसा दिखाई देता है. इसका लोगों की सेहत पर उल्टा असर हो रहा है. निगम की सफाई भी नाकाफी साबित हो रही है. धूल से नई मुसीबत आ गई है. सड़कों का कीचड़ सूख कर धूल बन गया है. हर गुजरती गाड़ियों के पीछे धूल का गुबार बन जाता है. कुछ सड़कों पर तो इतनी ज्यादा धूल है कि लगता है धुंध छाई है. थोड़ी दूर में क्या है ये दिखाई नहीं देता.
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युवाओं का अनोखा प्रदर्शन: धूल से पूरा शहर, हर नागरिक, दुकानदार सभी त्रस्त हो चुके हैं. समाचार, शिकायत और आवेदन निवेदन के बाद भी जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंगने के बाद अब शहर के युवाओं ने अनोखा प्रदर्शन किया है. शहर के घड़ी चौक में केक काटकर धमतरी धूल दिवस मनाया गया.
धमतरी धूल दिवस मनाया: युवाओं ने बताया कि ''धमतरी में सड़क है ही नहीं और अगर है भी तो गड्ढे और धूल से अटी पड़ी है. इस समस्या को लेकर कई बार शासन प्रशासन का ध्यान खींचा गया लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया है. इसी के चलते धमतरी धूल दिवस मनाया गया है. केक काटकर, आतिशबाजी और बाजे गाजे के साथ उत्सव मनाया गया है.'' फिलहाल उम्मीद की जा रही है कि सीधे सीधे नहीं तो कम से कम इस उत्सव वाले कटाक्ष से जिम्मेदारों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास होगा.