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धमतरी में बारिश से हजारों क्विंटल धान भीगा

धमतरी में बीते दो दिन हुई बारिश से (Rain in Dhamtari) लगभग 3300 क्विंटल धान बर्बाद (Paddy wet due to rain in Dhamtari ) हो गया है. प्रशासन ने नुकसान हुए धान की रिपोर्ट तैयार कर ली है. बारिश से भीगे धान को सुखाया जा रहा है.

due to rain Paddy wet in societies of dhamtari
बारिश से धमतरी की सोसायटियों में भीगा धान
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Published : Dec 31, 2021, 10:41 AM IST

धमतरी: जिले में बीते 2 दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश (Rain in Dhamtari) ने आम लोगों के जनजीवन को तो प्रभावित किया ही. किसानों और प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें भी ला दी है. बारिश का असर किसानों की फसल और प्रदेश में चल रही धान खरीदी पर भी पड़ा है. इस बारिश से अधिकांश सोसायटियों में रखा धान भीग (Paddy wet due to rain in Dhamtari) गया है. जिससे सोसायटी प्रबंधक चिंता में आ गए हैं. प्रशासन ने बारिश से नुकसान का आंकलन तैयार कर लिया है.

धमतरी में 96 खरीदी केंद्रों में धान खरीदी (Paddy Purchase Center of Dhamtari) की जा रही है. लेकिन बीते दो दिनों में अचानक हुई बारिश से सब अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश से सोसायटियों में खुले में रखा धान भीग गया है. सबसे ज्यादा नुकसान ऐसी सोसायटियों में हुआ है जहां तौलाई के बाद धान खुले में रखा था. इसी दौरान अचानक बारिश हो गई. जिले के सरसीवा, कुर्रा, देमार, संबलपुर, लिमतरा, अछोटा, शंकरदाह जैसे दर्जनों उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी प्रभावित हुई है. कुछ खरीदी केंद्रों की स्थिति काफी खराब है. धान के साथ ही खुले में रखे सैकड़ों बारदाने भी खराब हो गए हैं. जिले में समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से धान खरीदी हो रही है. 28 दिनों में 22.33 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है. जिसकी कीमत 435 करोड़ है, जबकि 96 केंद्रों में अभी भी 11.38 लाख क्विंटल धान जाम है.

सीएम भूपेश बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टर को बारिश से हुए नुकसान का आंकलन करने पहले ही कह दिया था. धमतरी प्रशासन ने भी बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर ली है. कलेक्टर पीएस एल्मा के मुताबिक बेमौसम बारिश से 96 खरीदी केंद्रों में से 31 खरीदी केंद्रों में 3300 क्विंटल धान का नुकसान हुआ है. जिन्हें सुखाया जा रहा है. मौसम खराब होने के चलते धान खरीदी अभी बंद की गई है. मौसम साफ होते ही धान खरीदी फिर से शुरू हो जाएगी.

chhattisgarh weather report today: बादल छंटने से बढ़ी ठंड और घना कोहरा

कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि

छत्तीसगढ़ में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता (Activation of Western Disturbances) से बीते दो कई जिलों में गरज चमक के साथ जोरदार बारिश हुई. सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर जिले में बारिश के साथ ही सूरजपुर के प्रतापपुर धर्मपुर क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई. जबकि बलरामपुर के रामानुजगंज सनावल क्षेत्र से भी ओलावृष्टि की सूचनाएं मिली .

दो जनवरी के बाद सरगुजा में शीतलहर

मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने गुरुवार शाम तक विक्षोभ छत्तीसगढ़ से निकलने की संभावना जताई थी. 31 दिसंबर को आसमान के पूरी तरह से साफ होने की संभावना जताई थी. साथ ही ये भी बताया था कि 1 जनवरी को एक विक्षोभ जम्मू कश्मीर में प्रवेश करेगा. लेकिन उत्तराखंड पहुंचते-पहुंचते यह विक्षोभ शांत हो जाएगा.

धमतरी: जिले में बीते 2 दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश (Rain in Dhamtari) ने आम लोगों के जनजीवन को तो प्रभावित किया ही. किसानों और प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें भी ला दी है. बारिश का असर किसानों की फसल और प्रदेश में चल रही धान खरीदी पर भी पड़ा है. इस बारिश से अधिकांश सोसायटियों में रखा धान भीग (Paddy wet due to rain in Dhamtari) गया है. जिससे सोसायटी प्रबंधक चिंता में आ गए हैं. प्रशासन ने बारिश से नुकसान का आंकलन तैयार कर लिया है.

धमतरी में 96 खरीदी केंद्रों में धान खरीदी (Paddy Purchase Center of Dhamtari) की जा रही है. लेकिन बीते दो दिनों में अचानक हुई बारिश से सब अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश से सोसायटियों में खुले में रखा धान भीग गया है. सबसे ज्यादा नुकसान ऐसी सोसायटियों में हुआ है जहां तौलाई के बाद धान खुले में रखा था. इसी दौरान अचानक बारिश हो गई. जिले के सरसीवा, कुर्रा, देमार, संबलपुर, लिमतरा, अछोटा, शंकरदाह जैसे दर्जनों उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी प्रभावित हुई है. कुछ खरीदी केंद्रों की स्थिति काफी खराब है. धान के साथ ही खुले में रखे सैकड़ों बारदाने भी खराब हो गए हैं. जिले में समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से धान खरीदी हो रही है. 28 दिनों में 22.33 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है. जिसकी कीमत 435 करोड़ है, जबकि 96 केंद्रों में अभी भी 11.38 लाख क्विंटल धान जाम है.

सीएम भूपेश बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टर को बारिश से हुए नुकसान का आंकलन करने पहले ही कह दिया था. धमतरी प्रशासन ने भी बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर ली है. कलेक्टर पीएस एल्मा के मुताबिक बेमौसम बारिश से 96 खरीदी केंद्रों में से 31 खरीदी केंद्रों में 3300 क्विंटल धान का नुकसान हुआ है. जिन्हें सुखाया जा रहा है. मौसम खराब होने के चलते धान खरीदी अभी बंद की गई है. मौसम साफ होते ही धान खरीदी फिर से शुरू हो जाएगी.

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कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि

छत्तीसगढ़ में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता (Activation of Western Disturbances) से बीते दो कई जिलों में गरज चमक के साथ जोरदार बारिश हुई. सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर जिले में बारिश के साथ ही सूरजपुर के प्रतापपुर धर्मपुर क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई. जबकि बलरामपुर के रामानुजगंज सनावल क्षेत्र से भी ओलावृष्टि की सूचनाएं मिली .

दो जनवरी के बाद सरगुजा में शीतलहर

मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने गुरुवार शाम तक विक्षोभ छत्तीसगढ़ से निकलने की संभावना जताई थी. 31 दिसंबर को आसमान के पूरी तरह से साफ होने की संभावना जताई थी. साथ ही ये भी बताया था कि 1 जनवरी को एक विक्षोभ जम्मू कश्मीर में प्रवेश करेगा. लेकिन उत्तराखंड पहुंचते-पहुंचते यह विक्षोभ शांत हो जाएगा.

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