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धमतरी के किसानों के लिए बुरी खबर - धमतरी के बांधों में पानी की कमी

Water shortage in Dhamtari dams: धमतरी में किसानों को इस साल दोहरी परेशानी झेलनी पड़ रही है. एक तरफ ठीक से बारिश नहीं हो रही है तो दूसरी तरफ प्रशासन भी किसानों का साथ नहीं दे रहा है. प्रशासन को चिंता है कि डेम में बचा पानी अगर किसानों की फसल सिंचाई के लिए छोड़ दिया जाएगा तो कई जिलों के लोगों के लिए पेयजल की समस्या खड़ी हो जाएगी.

farmers not get water from dam of Dhamtari
धमतरी के किसानों के लिए बुरी खबर
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Published : Jul 9, 2022, 7:10 AM IST

Updated : Jul 9, 2022, 11:47 AM IST

धमतरी: पहले से कम बारिश से परेशान किसानों के लिए एक और बुरी खबर है. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के किसानों को बांध का पानी नहीं मिलेगा. धमतरी जिला प्रशासन ने जिले के चार बांध के खराब हालात के चलते पानी देने से मना कर दिया है. ऐसे में किसानों को अब बारिश ही एक मात्र सहारा रह गया है. धमतरी में 8 जुलाई तक 195.5 मिमी औसत बारिश हुई है. (farmers not get water from dam of Dhamtari)

धमतरी के किसानों को नहीं मिलेगा बांध का पानी

धमतरी के बांधों में पानी की कमी: धमतरी में इस साल कम बारिश ने किसान और जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. कम बारिश के कारण धमतरी के बांधों में पानी का लेवल अपेक्षा से काफी कम है. ऐसे में कलेक्टर पीएस एल्मा ने साफ कह दिया है कि "किसानों को हम पानी देने की स्थिति में बिल्कुल नहीं है". जिससे किसान बुवाई के बाद पानी के लिए चिंतित है. (Dhamtari Collector statement regarding dam water )

छत्तीसगढ़ में औसत से 17% कम बारिश दर्ज

पानी की कमी से प्रशासन की बढ़ी चिंता: धमतरी में चार बांध है. जिनमे गंगरेल के अलावा सोंढुर, दुधावा और मॉडम सिल्ली बांध शामिल हैं. मॉडम सिल्ली इस समय पूरी तरह से सूखा है. सोंढुर और दुधावा में नाम मात्र का पानी है. गंगरेल में जो रिजर्व है. वो भिलाई इस्पात संयंत्र, रायपुर और धमतरी में पेय जल सप्लाई के लिए आरक्षित है. गंगरेल बांध में 17. 84 टीएमसी ही पानी बचा हुआ है. 32 टीएमसी वाले गंगरेल बांध में आधा ही पानी बचा है. जिससे प्रशासन पहले से ही परेशान है.

धमतरी के किसानों को बांध से नहीं मिलेगा पानी: जिले में रोपाई बुआई भी पिछड़ी हुई है. अभी तक जिले में 40 फीसदी ही बुआई हुई है. जिन किसानों के पास बोरवेल है वहीं रोपाई बुआई कर पा रहे हैं. बाकी के किसान बारिश के इंतजार में है. धमतरी जिला प्रशासन ने अल्प वर्षा की स्थिति में धान को छोड़ दूसरी फसलों की तरफ जाने का मन बनाया है. लेकिन अभी उम्मीद पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. अभी भी अगर अच्छी बारिश होती है तो किसानों को राहत मिल सकती है. बांध भी भर सकते हैं. ऐसी स्थिति में आने वाले 15 दिन बारिश के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं. पिछले साल प्रशासन ने किसानों के लिए पानी की व्यवस्था की थी. बांध से पानी छोड़ा गया था. इस बार किसान पानी नहीं मिलने से काफी चिंतित है. किसान प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे है. जबकि प्रशासन पानी नहीं देने की बात कह रहा है. गंगरेल बांध से धमतरी, बालोद, रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के किसानों को पानी मिलता है. पानी नहीं मिलने से खेती किसानी प्रभावित हो जाएगी.

धमतरी: पहले से कम बारिश से परेशान किसानों के लिए एक और बुरी खबर है. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के किसानों को बांध का पानी नहीं मिलेगा. धमतरी जिला प्रशासन ने जिले के चार बांध के खराब हालात के चलते पानी देने से मना कर दिया है. ऐसे में किसानों को अब बारिश ही एक मात्र सहारा रह गया है. धमतरी में 8 जुलाई तक 195.5 मिमी औसत बारिश हुई है. (farmers not get water from dam of Dhamtari)

धमतरी के किसानों को नहीं मिलेगा बांध का पानी

धमतरी के बांधों में पानी की कमी: धमतरी में इस साल कम बारिश ने किसान और जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. कम बारिश के कारण धमतरी के बांधों में पानी का लेवल अपेक्षा से काफी कम है. ऐसे में कलेक्टर पीएस एल्मा ने साफ कह दिया है कि "किसानों को हम पानी देने की स्थिति में बिल्कुल नहीं है". जिससे किसान बुवाई के बाद पानी के लिए चिंतित है. (Dhamtari Collector statement regarding dam water )

छत्तीसगढ़ में औसत से 17% कम बारिश दर्ज

पानी की कमी से प्रशासन की बढ़ी चिंता: धमतरी में चार बांध है. जिनमे गंगरेल के अलावा सोंढुर, दुधावा और मॉडम सिल्ली बांध शामिल हैं. मॉडम सिल्ली इस समय पूरी तरह से सूखा है. सोंढुर और दुधावा में नाम मात्र का पानी है. गंगरेल में जो रिजर्व है. वो भिलाई इस्पात संयंत्र, रायपुर और धमतरी में पेय जल सप्लाई के लिए आरक्षित है. गंगरेल बांध में 17. 84 टीएमसी ही पानी बचा हुआ है. 32 टीएमसी वाले गंगरेल बांध में आधा ही पानी बचा है. जिससे प्रशासन पहले से ही परेशान है.

धमतरी के किसानों को बांध से नहीं मिलेगा पानी: जिले में रोपाई बुआई भी पिछड़ी हुई है. अभी तक जिले में 40 फीसदी ही बुआई हुई है. जिन किसानों के पास बोरवेल है वहीं रोपाई बुआई कर पा रहे हैं. बाकी के किसान बारिश के इंतजार में है. धमतरी जिला प्रशासन ने अल्प वर्षा की स्थिति में धान को छोड़ दूसरी फसलों की तरफ जाने का मन बनाया है. लेकिन अभी उम्मीद पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. अभी भी अगर अच्छी बारिश होती है तो किसानों को राहत मिल सकती है. बांध भी भर सकते हैं. ऐसी स्थिति में आने वाले 15 दिन बारिश के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं. पिछले साल प्रशासन ने किसानों के लिए पानी की व्यवस्था की थी. बांध से पानी छोड़ा गया था. इस बार किसान पानी नहीं मिलने से काफी चिंतित है. किसान प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे है. जबकि प्रशासन पानी नहीं देने की बात कह रहा है. गंगरेल बांध से धमतरी, बालोद, रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के किसानों को पानी मिलता है. पानी नहीं मिलने से खेती किसानी प्रभावित हो जाएगी.

Last Updated : Jul 9, 2022, 11:47 AM IST
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