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धान खरीदी की घोषणा बाद भी किसानों में क्यों है मायूसी? - paddy procurement announcement

धान खरीदी को लेकर मची सियासत के बीच छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने एक दिसम्बर से धान खरीदी की घोषणा कर दी है लेकिन इस घोषणा के बाद भी धमतरी में कई किसानों में मायूसी दिख रही है.

farmers are in despair
किसानों में है मायूसी
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Published : Oct 28, 2021, 4:14 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 8:50 PM IST

धमतरीः धान खरीदी को लेकर मची सियासत के बीच छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने एक दिसम्बर से धान खरीदी की घोषणा कर दी है लेकिन इस घोषणा के बाद भी धमतरी में कई किसानों में मायूसी दिख रही है. किसानों के साथ-साथ खेतों में मजदूरी करने पहुंचे ग्रामीणों को भी अपनी मजदूरी भुगतान के लिए लंबे वक्त का इंतजार करना पड़ सकता है. किसानों का कहना है कि धान खरीदी लेट होने से उन्हे कई सारी दिक्कतों का सामना करना पडे़गा. इसके साथ ही कई किसानों को साहूकारों का सितम झेलना भी पडे़गा.

किसानों में है मायूसी

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और यहां पर धान की बंपर पैदावारी होती है.प्रदेश के ज्यादातर किसान धान की फसल पर आश्रित रहते है और समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार को धान बेचकर अपना आजीविका चलाते है.वही इसी मुनाफे से आगामी खेती की तैयारी भी करते है.बीजेपी के रमन सरकार में हर साल 1 नवम्बर से धान खरीदी की शुरू हो जाती थी,लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद ये व्यवस्था बदली और दिसम्बर माह में खरीदी की जाने लगी.

धान खरीदी की सीमा बढ़ने से उन किसानों को ज्यादा समस्या हो रही है,जिनके फसल जल्द ही पककर तैयार हो गए है.सरकार की धान खरीदी घोषणा के बाद अब उन किसानों में मायूसी नजर आ रही है.किसानों का कहना है कि कटे धान के रख रखाव अतिरिक्त खर्च होगा.वही चूहा धान को नुकसान पहुँचा सकता है.इसके अलावा साहूकार कर्ज वसूली को लेकर तगादा कर सकते है.
2800 रुपए में सरकार खरीदे धान, अवैध नशा की मंडी बन गया प्रदेशः धरमलाल कौशिक

दीवाली पड़ेगी फीकी
धमतरी सूबे का वो इलाका है जो बारह महीने हरियाली की चादर ओढ़े रहता है. यहां दोनों सीजन में धान की बम्पर पैदावारी होती है. जिले में इस साल एक लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर किसानों ने खरीफ सीजन में धान फसल लगाया है जो अब तैयार है. जिले में इन दिनों किसान जोर शोर से धान की कटाई कर रहे है. किसानों के साथ-साथ मजदूर भी काम में जुटे हुए है. मजदूरों को भी इस घोषणा के बाद मजदूरी देरी से मिलने की चिंता सता रही है क्योंकि किसान अपने उपज को बेचने के बाद ही मजदूरों का भुगतान करते है. मजदूरों का कहना है कि सामने दीवाली त्यौहार है ऐसे में उन्हे उधारी लेकर त्यौहार का खर्च चलाना पड़ेगा. इधर, प्रशासन भी धान खरीदी को लेकर तैयारियों में जुट गई है.

बहरहाल धमतरी जिले में पिछले साल समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए एक लाख 11 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन किया गया था. वहीं जिले के 89 उपार्जन केन्द्रों में 42 लाख 77495 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई थी. इस साल भी करीब 90 धान उपार्जन केंद्रों से धान की खरीदी की जाएगी.

धमतरीः धान खरीदी को लेकर मची सियासत के बीच छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने एक दिसम्बर से धान खरीदी की घोषणा कर दी है लेकिन इस घोषणा के बाद भी धमतरी में कई किसानों में मायूसी दिख रही है. किसानों के साथ-साथ खेतों में मजदूरी करने पहुंचे ग्रामीणों को भी अपनी मजदूरी भुगतान के लिए लंबे वक्त का इंतजार करना पड़ सकता है. किसानों का कहना है कि धान खरीदी लेट होने से उन्हे कई सारी दिक्कतों का सामना करना पडे़गा. इसके साथ ही कई किसानों को साहूकारों का सितम झेलना भी पडे़गा.

किसानों में है मायूसी

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और यहां पर धान की बंपर पैदावारी होती है.प्रदेश के ज्यादातर किसान धान की फसल पर आश्रित रहते है और समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार को धान बेचकर अपना आजीविका चलाते है.वही इसी मुनाफे से आगामी खेती की तैयारी भी करते है.बीजेपी के रमन सरकार में हर साल 1 नवम्बर से धान खरीदी की शुरू हो जाती थी,लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद ये व्यवस्था बदली और दिसम्बर माह में खरीदी की जाने लगी.

धान खरीदी की सीमा बढ़ने से उन किसानों को ज्यादा समस्या हो रही है,जिनके फसल जल्द ही पककर तैयार हो गए है.सरकार की धान खरीदी घोषणा के बाद अब उन किसानों में मायूसी नजर आ रही है.किसानों का कहना है कि कटे धान के रख रखाव अतिरिक्त खर्च होगा.वही चूहा धान को नुकसान पहुँचा सकता है.इसके अलावा साहूकार कर्ज वसूली को लेकर तगादा कर सकते है.
2800 रुपए में सरकार खरीदे धान, अवैध नशा की मंडी बन गया प्रदेशः धरमलाल कौशिक

दीवाली पड़ेगी फीकी
धमतरी सूबे का वो इलाका है जो बारह महीने हरियाली की चादर ओढ़े रहता है. यहां दोनों सीजन में धान की बम्पर पैदावारी होती है. जिले में इस साल एक लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर किसानों ने खरीफ सीजन में धान फसल लगाया है जो अब तैयार है. जिले में इन दिनों किसान जोर शोर से धान की कटाई कर रहे है. किसानों के साथ-साथ मजदूर भी काम में जुटे हुए है. मजदूरों को भी इस घोषणा के बाद मजदूरी देरी से मिलने की चिंता सता रही है क्योंकि किसान अपने उपज को बेचने के बाद ही मजदूरों का भुगतान करते है. मजदूरों का कहना है कि सामने दीवाली त्यौहार है ऐसे में उन्हे उधारी लेकर त्यौहार का खर्च चलाना पड़ेगा. इधर, प्रशासन भी धान खरीदी को लेकर तैयारियों में जुट गई है.

बहरहाल धमतरी जिले में पिछले साल समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए एक लाख 11 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन किया गया था. वहीं जिले के 89 उपार्जन केन्द्रों में 42 लाख 77495 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई थी. इस साल भी करीब 90 धान उपार्जन केंद्रों से धान की खरीदी की जाएगी.

Last Updated : Oct 28, 2021, 8:50 PM IST
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