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धमतरी में सिविल सर्जन को हटाने का फैसला कलेक्टर ने लिया वापस

धमतरी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को हटाया तो नाराज डॉक्टर हड़ताल पर उतर गए. जिला प्रशासन की समझाइश के बाद भी सभी हड़ताल पर अड़े रहे. जिसके बाद धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला वापस लेना पड़ा.

Dhamtari Collector took back decision
कलेक्टर ने अपना फैसला लिया वापस
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Published : Aug 27, 2022, 8:19 PM IST

धमतरी: धमतरी जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने आखिरकार धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला बदलने के लिए मजबूर कर ही दिया. धमतरी कलेक्टर ने अपना आदेश वापस लेते हुए फिर से डॉक्टर यू एल कौशिक को जिला अस्पताल का सिविल सर्जन बना दिया. इसके साथ ही डॉक्टरों ने भी अपनी हड़ताल वापस लेकर काम शुरू कर दिया हैै. लेकिन इस दौरान करीब 5 घंटे तक अस्पताल में जांच और इलाज का काम दोनों बंद रहा. जिससे बड़ी संख्या में मरीज परेशान होते रहे.

हड़ताल पर अड़े रहे डॉक्टर: पहले मामले को सुलझाने के लिए धमतरी एसडीएम विभोर अग्रवाल डॉक्टरों के बीच गए लेकिन डॉक्टर नहीं माने और हड़ताल पर अड़े(doctors went on strike over removal civil surgeon) रहे.इसके बाद खुद धमतरी कलेक्टर को हड़ताली डॉक्टरों के पास आना पड़ा. करीब 1 घंटे चर्चा के बाद धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला बदलने का ऐलान करना पड़ा. तभी डॉक्टर हड़ताल खत्म करने पर राजी हुए.

कलेक्टर ने अपना फैसला लिया वापस
क्या है विवाद की पूरी वजह: पूरा विवाद एक 5 दिन पुरानी लाश के पोस्टमार्टम को लेकर शुरू हुआ था. लगभग आधी सड़ चुकी महिला की लाश को पोस्टमार्टम के लिए धमतरी से रायपुर मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. इससे नाराज होकर धमतरी कलेक्टर ने सिविल सर्जन को ही बदल दिया. यह आदेश कुछ घंटे बाद धमतरी कलेक्टर को ही भारी पड़ गया. इस आदेश से नाराज डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया. डॉक्टरों ने जिला प्रशासन पर आदेश वापस लेने का दबाव बनाया. जिसके बाद धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला बदलने का ऐलान करना पड़ा. हड़ताल खत्म होने के बाद फिर से सीएस बने डॉ कौशिक ने कहा कि "अभी बात खत्म हो चुका है और सब मिलकर काम करेंगे."


यह भी पढ़ें: धमतरी जिला अस्पताल में काम ठप, कलेक्टर के आदेश के खिलाफ पूरे स्टाफ ने की हड़ताल


"निरीक्षण के दौरान दिखी खामियां, इसलिए हटाया": धमतरी कलेक्टर पीएस एल्मा भी सारे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि "डॉक्टरों की मांग पूरी कर दी गई है. अब जिला अस्पताल वापस अपने फंक्शन में लौट चुका है. प्रशासनिक नजरिये से सीएस को हटाया गया था. जिला अस्पताल में बहुत सारे कामकाज नहीं हो पा रहे थे." उन्होंने कहा कि "अस्पताल निरीक्षण के दौरान उन्हें कई सारी खामियां नजर आई थी. इस लिए सिविल सर्जन को हटाया गया था."

हड़ताल खत्म होने पर मरीजों ने ली राहत की सांस: डॉक्टरों के हड़ताल से परेशान मरीजों का कहना था कि "वह तो गांव से अपना इलाज कराने शहर के अस्पताल आए थे. लेकिन अचानक हड़ताल हो जाने से बड़ी संख्या में ऑपरेशन, जांच और ईलाज सब कुछ थम गया. लेकिन अब हड़ताल खत्म होने के बाद मरीजों को भी राहत मिली है."

धमतरी: धमतरी जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने आखिरकार धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला बदलने के लिए मजबूर कर ही दिया. धमतरी कलेक्टर ने अपना आदेश वापस लेते हुए फिर से डॉक्टर यू एल कौशिक को जिला अस्पताल का सिविल सर्जन बना दिया. इसके साथ ही डॉक्टरों ने भी अपनी हड़ताल वापस लेकर काम शुरू कर दिया हैै. लेकिन इस दौरान करीब 5 घंटे तक अस्पताल में जांच और इलाज का काम दोनों बंद रहा. जिससे बड़ी संख्या में मरीज परेशान होते रहे.

हड़ताल पर अड़े रहे डॉक्टर: पहले मामले को सुलझाने के लिए धमतरी एसडीएम विभोर अग्रवाल डॉक्टरों के बीच गए लेकिन डॉक्टर नहीं माने और हड़ताल पर अड़े(doctors went on strike over removal civil surgeon) रहे.इसके बाद खुद धमतरी कलेक्टर को हड़ताली डॉक्टरों के पास आना पड़ा. करीब 1 घंटे चर्चा के बाद धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला बदलने का ऐलान करना पड़ा. तभी डॉक्टर हड़ताल खत्म करने पर राजी हुए.

कलेक्टर ने अपना फैसला लिया वापस
क्या है विवाद की पूरी वजह: पूरा विवाद एक 5 दिन पुरानी लाश के पोस्टमार्टम को लेकर शुरू हुआ था. लगभग आधी सड़ चुकी महिला की लाश को पोस्टमार्टम के लिए धमतरी से रायपुर मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. इससे नाराज होकर धमतरी कलेक्टर ने सिविल सर्जन को ही बदल दिया. यह आदेश कुछ घंटे बाद धमतरी कलेक्टर को ही भारी पड़ गया. इस आदेश से नाराज डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया. डॉक्टरों ने जिला प्रशासन पर आदेश वापस लेने का दबाव बनाया. जिसके बाद धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला बदलने का ऐलान करना पड़ा. हड़ताल खत्म होने के बाद फिर से सीएस बने डॉ कौशिक ने कहा कि "अभी बात खत्म हो चुका है और सब मिलकर काम करेंगे."


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"निरीक्षण के दौरान दिखी खामियां, इसलिए हटाया": धमतरी कलेक्टर पीएस एल्मा भी सारे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि "डॉक्टरों की मांग पूरी कर दी गई है. अब जिला अस्पताल वापस अपने फंक्शन में लौट चुका है. प्रशासनिक नजरिये से सीएस को हटाया गया था. जिला अस्पताल में बहुत सारे कामकाज नहीं हो पा रहे थे." उन्होंने कहा कि "अस्पताल निरीक्षण के दौरान उन्हें कई सारी खामियां नजर आई थी. इस लिए सिविल सर्जन को हटाया गया था."

हड़ताल खत्म होने पर मरीजों ने ली राहत की सांस: डॉक्टरों के हड़ताल से परेशान मरीजों का कहना था कि "वह तो गांव से अपना इलाज कराने शहर के अस्पताल आए थे. लेकिन अचानक हड़ताल हो जाने से बड़ी संख्या में ऑपरेशन, जांच और ईलाज सब कुछ थम गया. लेकिन अब हड़ताल खत्म होने के बाद मरीजों को भी राहत मिली है."

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