धमतरी: धमतरी जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने आखिरकार धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला बदलने के लिए मजबूर कर ही दिया. धमतरी कलेक्टर ने अपना आदेश वापस लेते हुए फिर से डॉक्टर यू एल कौशिक को जिला अस्पताल का सिविल सर्जन बना दिया. इसके साथ ही डॉक्टरों ने भी अपनी हड़ताल वापस लेकर काम शुरू कर दिया हैै. लेकिन इस दौरान करीब 5 घंटे तक अस्पताल में जांच और इलाज का काम दोनों बंद रहा. जिससे बड़ी संख्या में मरीज परेशान होते रहे.
हड़ताल पर अड़े रहे डॉक्टर: पहले मामले को सुलझाने के लिए धमतरी एसडीएम विभोर अग्रवाल डॉक्टरों के बीच गए लेकिन डॉक्टर नहीं माने और हड़ताल पर अड़े(doctors went on strike over removal civil surgeon) रहे.इसके बाद खुद धमतरी कलेक्टर को हड़ताली डॉक्टरों के पास आना पड़ा. करीब 1 घंटे चर्चा के बाद धमतरी कलेक्टर को अपना फैसला बदलने का ऐलान करना पड़ा. तभी डॉक्टर हड़ताल खत्म करने पर राजी हुए.
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"निरीक्षण के दौरान दिखी खामियां, इसलिए हटाया": धमतरी कलेक्टर पीएस एल्मा भी सारे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि "डॉक्टरों की मांग पूरी कर दी गई है. अब जिला अस्पताल वापस अपने फंक्शन में लौट चुका है. प्रशासनिक नजरिये से सीएस को हटाया गया था. जिला अस्पताल में बहुत सारे कामकाज नहीं हो पा रहे थे." उन्होंने कहा कि "अस्पताल निरीक्षण के दौरान उन्हें कई सारी खामियां नजर आई थी. इस लिए सिविल सर्जन को हटाया गया था."
हड़ताल खत्म होने पर मरीजों ने ली राहत की सांस: डॉक्टरों के हड़ताल से परेशान मरीजों का कहना था कि "वह तो गांव से अपना इलाज कराने शहर के अस्पताल आए थे. लेकिन अचानक हड़ताल हो जाने से बड़ी संख्या में ऑपरेशन, जांच और ईलाज सब कुछ थम गया. लेकिन अब हड़ताल खत्म होने के बाद मरीजों को भी राहत मिली है."