धमतरी : छत्तीसगढ़ पुलिस दिन -ब-दिन हाईटेक होती जा रही है. हाईटेक होती पुलिस के लिए अब अपराध सुलझाना आसान है. लेकिन धमतरी जिले में प्रदेश की हाईटेक पुलिस का साथ देने वाले साथी की हालत खराब है. प्रदेश में ऐसे कई मामले में हैं, जो इस साथी ने सुलझाए हैं. लेकिन वक्त के साथ इस पर ध्यान नहीं देने से अब इसकी आंखें कमजोर हो चली है. जिसका फायदा अपराधी उठा रहे हैं.
सीसीटीवी हो गए कबाड़: हम जिस साथी की बात कर रहे हैं वो दरअसल सीसीटीवी हैं. जो शहर के कई चौक-चौराहों पर अपराध को कंट्रोल करने के लिए लगे हैं. पुलिस कभी सीसीटीवी की मदद से अपराध को सुलझाती थी. लेकिन देखरेख के अभाव में शहर के कई इलाकों के सीसीटीवी बेकार (CCTV turned into junk in Dhamtari ) हो चुके हैं. जिसका नतीजा ये है कि अपराधी अपराध करने के बाद आसानी से शहर से दूर निकल जा रहे हैं.
कई वारदातों को सीसीटीवी ने सुलझाया : आज से तीन साल पहले शहर के बाशिंदे सुकून की नींद सोते थे. क्योंकि चौक-चौराहों और व्यस्त मार्गाें पर लगे सीसीटीवी की चौकसी रहती थी. लेकिन अब ये चौकसी हवा हो गई है. पुलिस के सीसीटीवी बेकार हो चुके हैं. व्यापारियों के निजी सीसीटीवी की मदद से पुलिस केस सुलझाती हुई दिखती है.
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पुलिस का रटा-रटाया जवाब : तीन साल पहले जिस सीसीटीवी ने लोगों को अपराध से बचाया. आज वो खुद अपनी नाकामी की कहानी कह रहा है. पुलिस को भी पता है कि सीसीटीवी का खराब होना कितनी परेशानी में डाल सकता है. लेकिन जब व्यवस्था दुरुस्त करने की बात पूछी जाती है तो पुलिस अफसर रटा-रटाया जवाब दे (Dhamtari Police Negligence) देते हैं.
कब होगी व्यवस्था सही: शहर को महफूज रखने के लिए लगाए गए पुलिस की ये तीसरी आंख कब खुलेगी ये कोई नहीं जानता. अपराधियों को ये बात जरूर पता है कि शहर की चौकस निगाह अब किसी काम की नहीं. लिहाजा अपराधियों के हौसले बुलंद हैं.