धमतरी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आह्वान के बाद मजदूर दिवस के मौके पर लोगों ने बोरे बासी खाकर उत्सव मनाया. वहीं बीजेपी नेता अजय चन्द्राकर ने मुख्यमंत्री के इस आह्वान को लेकर तंज (BJP taunt on sack stale in Chhattisgarh) कसा है. अजय चन्द्राकर ने कहा है ''जो असफल सरकारें होती है, वही लोगों की भावनाओं को जगाती है. ये सरकार समरसता खत्म कर रही है और समाज को भी बांट रही है.''
'बसया गई है सरकार' : चंद्राकर ने कहा कि ''बासी खाने (sack stale day chhattisgarh) के लिए कोई दिवस मनाने की जरूरत नहीं है. सरकार ड्रेस कोड भी बना दे, क्योंकि सरकार का यही काम बाकी है. पूरे प्रदेश में खाने को लेकर विविधता है. सरकार को चाहिए कि छत्तीसगढ़ के व्यंजनों की रेसिपी बनाई जाए, जो पूरे देश में मशहूर हो. मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ की संस्कृति के बारे में मालूम ही नहीं है. जब उनको सनक चढ़ती है तो इस तरह हरकत करते हैं. उनकी बासी बसया गई है, जो खाने लायक नहीं रह गई. इसके साथ ही उनकी छवि और सरकार भी बसया गई है.''
प्रशिक्षण शिविर में चंद्राकर का आरोप : अजय चन्द्राकर (Kurud MLA Ajay Chandrakar) ने कहा कि ''छत्तीसगढ़ शांति का टापू रहा है. जो एक बार यहां आते हैं, वह कभी छोड़कर नहीं गया, लेकिन भूपेश सरकार के 3 वर्षों में स्वास्थ्य कर्मचारियों को मारा गया और उनके पंडाल फेंक दिए गए. नवा रायपुर में धरना दे रहे किसानों को खदेड़ा गया. पंडाल जब्त कर लिए गए. किसानों की राजनीति की बात करने वाले भूपेश बघेल की सरकार में मौत हुई, लेकिन उन्होने यहां के एक भी किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया. जबकि इसी सरकार ने यूपी में किसानों की मौत पर 50-50 लाख रुपए दिए.''
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सरकार ने घोषणाएं पूरी नहीं की : चंद्राकर के मुताबिक ''इस सरकार ने अपने चुनाव के पहले कई घोषणाएं की थी. कर्मचारियों से किए गए वायदे पूरे नहीं किए. जब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, तब उनके साथ दमनकारी नीति अपनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की एक भी उपलब्धि नहीं है. ये सरकार माफिया,सिंडीकेट और कर्ज लेने वाली सरकार (BJP allegation on Bhupesh Sarkar) है. आज सरकार 5 हजार करोड़ के कर्ज का ब्याज पटा रही है. प्रदेश में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. बहरहाल अजय चन्द्राकर ने प्रदर्शन, आंदोलन और अन्य आयोजनों के लिए अनुमति लेने के मामले को काला कानून बताया और उसके खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करने की बात कही.''