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बिलासपुर: महामाया मंदिर को मिला 5 लाख 51 हजार रुपए का गुप्तदान

रतनपुर के मां महामाया मंदिर की दानपेटी में किसी ने 5 लाख 51 हजार रुपए का गुप्तदान किया है. मंदिर ट्रस्ट को इसकी जानकारी दानपेटी खोलने के बाद लगी.

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Published : Sep 21, 2020, 11:07 AM IST

Secret donation of five lakh rupees found in Mahamaya temple ratanpur
महामाया

बिलासपुर: धार्मिक नगरी रतनपुर में स्थित सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर के गर्भगृह में रखी दानपेटी में गुप्तदान के रूप में 5 लाख 51 हजार रुपए नगद मिले हैं. इसकी जानकारी मंदिर ट्रस्ट को दानपेटी खोलने के बाद पता चली. ये पहला अवसर है जब ट्रस्ट को दान के रूप में इतनी बड़ी राशि प्राप्त हुई है.

पढ़ें- SPECIAL: फिर लॉक होगा बिलासपुर, कोरोना को हराने के लिए लामबंद हुए लोग

दानपेटी में 2 हजार के नोट का एक पैकेट और 500 के सात पैकेट समेत कुल 5 लाख 51 हजार रुपए मिले हैं. मंदिर के प्रमुख ट्रस्टी सुनील सोंथलिया ने बताया कि कोई भक्त मां के दर्शन करने आया होगा और गर्भगृह में रखी दानपेटी में गुप्तदान के रूप में राशि डालकर गया होगा. दानपेटी हर रविवार को ट्रस्ट के पदाधिकारियों, स्टाफ और आम लोगों की उपस्थिति में खोली जाती है और राशि की गणना की जाती है.

Mahamaya Temple Trust
महामाया मंदिर ट्रस्ट

नवरात्र में लगता है भक्तों का तांता

माना जाता है कि रतनपुर महामाया मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. पौराणिक मान्यता है कि यहां मां सती के शरीर का दाहिना स्कंध गिरा था और इस वजह से इसे शक्तिपीठ में शामिल किया गया. हर साल नवरात्र में यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर माता के दर्शन को आते हैं. ऐसी मान्यता है कि राजा रत्नदेव ने 1050 ईस्वी में महामाया देवी मंदिर का निर्माण कराया था. रतनपुर को सैकड़ों वर्ष पूर्व मराठियों ने अपनी उपराजधानी के रूप में स्थापित किया था. रतनपुर को उसके विशेष स्थापत्य कला के लिए भी जाना जाता है.

बिलासपुर: धार्मिक नगरी रतनपुर में स्थित सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर के गर्भगृह में रखी दानपेटी में गुप्तदान के रूप में 5 लाख 51 हजार रुपए नगद मिले हैं. इसकी जानकारी मंदिर ट्रस्ट को दानपेटी खोलने के बाद पता चली. ये पहला अवसर है जब ट्रस्ट को दान के रूप में इतनी बड़ी राशि प्राप्त हुई है.

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दानपेटी में 2 हजार के नोट का एक पैकेट और 500 के सात पैकेट समेत कुल 5 लाख 51 हजार रुपए मिले हैं. मंदिर के प्रमुख ट्रस्टी सुनील सोंथलिया ने बताया कि कोई भक्त मां के दर्शन करने आया होगा और गर्भगृह में रखी दानपेटी में गुप्तदान के रूप में राशि डालकर गया होगा. दानपेटी हर रविवार को ट्रस्ट के पदाधिकारियों, स्टाफ और आम लोगों की उपस्थिति में खोली जाती है और राशि की गणना की जाती है.

Mahamaya Temple Trust
महामाया मंदिर ट्रस्ट

नवरात्र में लगता है भक्तों का तांता

माना जाता है कि रतनपुर महामाया मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. पौराणिक मान्यता है कि यहां मां सती के शरीर का दाहिना स्कंध गिरा था और इस वजह से इसे शक्तिपीठ में शामिल किया गया. हर साल नवरात्र में यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर माता के दर्शन को आते हैं. ऐसी मान्यता है कि राजा रत्नदेव ने 1050 ईस्वी में महामाया देवी मंदिर का निर्माण कराया था. रतनपुर को सैकड़ों वर्ष पूर्व मराठियों ने अपनी उपराजधानी के रूप में स्थापित किया था. रतनपुर को उसके विशेष स्थापत्य कला के लिए भी जाना जाता है.

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