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Bilaspur Highcourt Decision : मुआवजा राशि पर रेफरेंस कोर्ट के फैसला बरकरार, शासन की अपील खारिज

Bilaspur Highcourt Decision : जांजगीर-चांपा में केएसके पवार प्लांट के लिए अधिग्रहित जमीन के मुवावजा अवार्ड को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया है. मुआवजा राशि की पुनर्गणना को लेकर रेफरेंस कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट ने यथावत रखा है.

Bilaspur High Court verdict
बिलासपुर हाईकोर्ट का फैसला
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Published : Apr 22, 2022, 12:41 PM IST

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने भू-अर्जन अधिनियम की धारा 18 के तहत रेफरेंस न्यायालय से पारित मुआवजा बढ़ाने के लिए अधिक निर्णय अवार्ड को यथावत रखने का आदेश दिया है. रेफरेंस कोड द्वारा पारित अधीन निर्णय के विरुद्ध शासन की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दी है.

कहां का है मामला : जांजगीर जिला स्थित ग्राम नरियारा में भूस्वामी सुरेखा सिंह की भूमि का छत्तीसगढ़ शासन उद्योग विभाग ने अधिग्रहण किया था. औद्योगिक प्रयोजन के लिए भू अर्जन अधिनियम के तहत अर्जुन कर मुआवजा अवार्ड पारित किया गया था. उद्योग विभाग ने अध्ययन के बाद भूमि को केएसके वर्धा पावर प्लांट (KSK Powar Plant at Janjgir Champa) को हस्तांतरित कर दिया.

प्रार्थी अवार्ड राशि से थी असंतुष्ट अवार्ड राशि से असंतुष्ट होकर भूस्वामी ने धारा 18 भू-अर्जन अधिनियम के तहत सक्षम जिला न्यायालय में रेफरेंस प्रस्तुत किया . रेफरेंस कोर्ट ने धारा 18 के तहत रेफरेंस स्वीकार कर अधिनिर्णय पारित किया और व्यावसायिक परिवर्तित भूमि अनुसार मुआवजा राशि की दोबारा गणना करने का आदेश पारित किया.

ये भी पढ़ें- रिटायर्ड अफसरों के NGO में करोड़ों के घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई

शासन ने की थी अपील : सक्षम न्यायालय द्वारा 18 भूअर्जन अधिनियम के तहत पारित आदेश के विरुद्ध शासन द्वारा हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत किया गया. शासन द्वारा प्रस्तुत अपील में यह आधार लिया गया कि भूमि का अर्जन के पूर्व विधिवत परिवर्तित नहीं कराया गया था. भूस्वामी द्वारा नियमित रूप से परिवर्तित भूमि का भू राजस्व भी जमा नहीं कराया गया था. भूस्वामी की ओर से अधिवक्ता सुशोभित सिंह ने पक्ष प्रस्तुत किया.

शासन की अपील खारिज : इस अपील के विरुद्ध आपत्ति और तर्क प्रस्तुत कर हाईकोर्ट में अभिलेखों और साक्ष्य के आधार पर बताया गया कि भूस्वामी ने भू अर्जन अधिनियम प्रकाशन के पूर्व ही अपनी भूमि को व्यवसायिक प्रयोजन के लिए परिवर्तित कराया था. कोर्ट ने इस मामले में शासन की अपील को खारिज (Chhattisgarh government appeal rejected ) कर दिया है.

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने भू-अर्जन अधिनियम की धारा 18 के तहत रेफरेंस न्यायालय से पारित मुआवजा बढ़ाने के लिए अधिक निर्णय अवार्ड को यथावत रखने का आदेश दिया है. रेफरेंस कोड द्वारा पारित अधीन निर्णय के विरुद्ध शासन की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दी है.

कहां का है मामला : जांजगीर जिला स्थित ग्राम नरियारा में भूस्वामी सुरेखा सिंह की भूमि का छत्तीसगढ़ शासन उद्योग विभाग ने अधिग्रहण किया था. औद्योगिक प्रयोजन के लिए भू अर्जन अधिनियम के तहत अर्जुन कर मुआवजा अवार्ड पारित किया गया था. उद्योग विभाग ने अध्ययन के बाद भूमि को केएसके वर्धा पावर प्लांट (KSK Powar Plant at Janjgir Champa) को हस्तांतरित कर दिया.

प्रार्थी अवार्ड राशि से थी असंतुष्ट अवार्ड राशि से असंतुष्ट होकर भूस्वामी ने धारा 18 भू-अर्जन अधिनियम के तहत सक्षम जिला न्यायालय में रेफरेंस प्रस्तुत किया . रेफरेंस कोर्ट ने धारा 18 के तहत रेफरेंस स्वीकार कर अधिनिर्णय पारित किया और व्यावसायिक परिवर्तित भूमि अनुसार मुआवजा राशि की दोबारा गणना करने का आदेश पारित किया.

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शासन ने की थी अपील : सक्षम न्यायालय द्वारा 18 भूअर्जन अधिनियम के तहत पारित आदेश के विरुद्ध शासन द्वारा हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत किया गया. शासन द्वारा प्रस्तुत अपील में यह आधार लिया गया कि भूमि का अर्जन के पूर्व विधिवत परिवर्तित नहीं कराया गया था. भूस्वामी द्वारा नियमित रूप से परिवर्तित भूमि का भू राजस्व भी जमा नहीं कराया गया था. भूस्वामी की ओर से अधिवक्ता सुशोभित सिंह ने पक्ष प्रस्तुत किया.

शासन की अपील खारिज : इस अपील के विरुद्ध आपत्ति और तर्क प्रस्तुत कर हाईकोर्ट में अभिलेखों और साक्ष्य के आधार पर बताया गया कि भूस्वामी ने भू अर्जन अधिनियम प्रकाशन के पूर्व ही अपनी भूमि को व्यवसायिक प्रयोजन के लिए परिवर्तित कराया था. कोर्ट ने इस मामले में शासन की अपील को खारिज (Chhattisgarh government appeal rejected ) कर दिया है.

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