बिलासपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लॉकडाउन में अन्य प्रदेशों में फंसे बाहर के मजदूरों को लाने के लिए राज्य शासन ने मुहिम चलाई है जिसके बाद अन्य प्रदेशों में फंसे मजदूर अपने गांव पहुंचने लगे हैं. इसी के तहत तखतपुर विकासखण्ड के 5854 मजदूरों को 1458 कमरों में क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. हालांकि अभी तक 1084 मजदूरों की जानकारी मिली है.
तखतपुर विकासखण्ड के 5854 मजदूर कमाने-खाने के लिए अन्य प्रदेश गये हुए थे, जिनमें अभी तक 1084 मजदूर अपने गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंच चुके हैं. वहीं बाकी मजदूर भी धीर-धीरे पहुंच रहे हैं. इन्हें व्यवस्थित क्वॉरेंटाइन करने के लिए के लिए विद्यालय प्राचार्य, प्रधान पाठक, सरपंच-सचिव, एसपीओ और मितानिनों की ड्यूटी लगाई गई है.
स्कूलों के 1458 कमरों बनाया गया क्वॉरेंटाइन सेंटर
तखतपुर विकासखण्ड के 99 ग्राम पंचायत के 5854 मजदूरों के लिए पंचायत भवनों के 272 कमरे, हायर सेकेंडरी के 133 कमरे, हाई स्कूल के 125 कमरे, माध्यमिक शाला के 344 कमरे, प्राथमिक शाला के 584 कमरे मिलाकर कुल 1458 कमरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर का रूप दिया गया है. सबसे अधिक मजदूर बेलगहना के 198, कपसियकला-179, दर्री-171,टीहुलाडीह-162, जरौंधा- 151,राजपुर-150,मुरु-145,लाखासर-136, घुटकू- 133, ढनढन-130,उड़ेला-123,मेढपार छोटा -121,सैदा-120, खरकेना-119 और लिमहा-119 मजदूर है.वहीं सबसे कम देवरीखुर्द, चोरभठिकला और सकेरी के 1-1 मजदूर हैं.
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सुविधा में कमी की शिकायत
हालांकि शासन मजदूरों के लिए विशेष सुविधा का दावा कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. 24 से अधिक स्थानों में स्कूल बाउंड्री वॉल नहीं है जिससे ग्रामीणों का दूसरों से संपर्क हो सकता है. इसकी शिकायत भी की गई है.ऐसे में संक्रमण से बचाने के उपाय खानापूर्ति के तौर पर दिख रहे हैं.