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बिलासपुर में लोगों को ठगने वाला पुलिस आरक्षक बर्खास्त - बिलासपुर में लोगों को ठगने वाला पुलिस आरक्षक बर्खास्त

Police personnel dismissed in Bilaspur: बिलासपुर में पुलिस विभाग में फर्जी नियुक्ति करने वाला पुलिस कर्मी बर्खास्त कर दिया गया है. इनका पूरा गैंग युवकों को पुलिस विभाग में नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये लूटता था.

Police personnel dismissed in Bilaspur
बिलासपुर पुलिस विभाग में फर्जीवाड़ा
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Published : Jun 23, 2022, 6:08 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की सिविल लाइन पुलिस टीम ने पुलिस विभाग में फर्जी नियुक्ति मामले का पिछले दिनों पर्दाफाश किया था. पुलिस ने मामले में निगम कर्मचारी, पुलिस जवान और बीजेपी के पार्षद को गिरफ्तार किया था. मामले में पुलिस ने पहले ही फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करने वाले गिरोह के पूरे सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. विभाग ने ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य आरक्षक को बर्खास्त कर दिया है. ( Police personnel dismissed in Bilaspur )

बिलासपुर में पुलिस की नौकरी लगाने और फर्जी नियुक्ति पत्र देकर रुपए ऐंठने वाले शहर के हाई प्रोफाइल ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पकड़े गए आरोपियों में बीजेपी पार्षद, निगमकर्मी सहित पुलिस का एक जवान शामिल था, जो फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करते थे. मामले का खुलासा तब हुआ जब एक युवक फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर ड्यूटी ज्वाइन करने एसपी ऑफिस पहुंचा. फर्जी नियुक्ति पत्र देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए. मामले में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे युवक को पुलिस अधिकारियों ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया. आरोपी से फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद किया गया था. इस मामले में शामिल आरक्षक पंकज शुक्ला को एसएसपी पारुल माथुर ने पुलिस नियम के खिलाफ काम करने के मामले में जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त कर दिया है.( Bilaspur fake appointment case in police department)

''रुको..मैं पुलिस वाला हूं गांजा कहां छिपा रखा है''.. और लूट लिए लाखों रुपए

क्या है पूरा मामला : बिलासपुर एडिश्नल एसपी उमेश कश्यप ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि "कोटा का रहने वाला युवक पीयूष प्रजापति 15 जून को 11 बजे फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर ज्वाइन करने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा. इसी दौरान शाखा प्रभारी को नियुक्ति में गड़बड़ी मिली. मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना में की गई. पुलिस ने आरोपी पीयूष प्रजापति को तत्काल अपने कब्जे में लिया. पीयूष ने बताया कि निगमकर्मी भोजराज नायडू, बिलासपुर के बीजेपी पार्षद रेणुका नगपुरे और पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला ने मिलकर उससे 8 लाख रुपए लिए और उसे एएसआई के पद पर नियुक्ति पत्र दिया. आरोपी, युवकों को पुलिस विभाग में नौकरी लगाने का झांसा दिया करते थे. जबकि पुलिस लाइन में पदस्थ सिपाही पंकज ग्राहक तलाश कर नियुक्ति पत्र बनाने का काम करता था.

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मामले में निगम के कर्मचारी, एक सिपाही समेत नियुक्ति पत्र लाए युवक पीयूष प्रजापति कुल चार लोगों ने फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया. फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे पीयूष प्रजापति समेत भाजपा नेता रेणुका प्रसाद नगपुरे, भोजराज नायडू और पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों से नियुक्ति संबधित फर्जी दस्तावेद भी बरामद किया गया है. पुलिस विभाग के कर्मचारी पंकज शुक्ला से लैपटाप बरामद किया गया.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की सिविल लाइन पुलिस टीम ने पुलिस विभाग में फर्जी नियुक्ति मामले का पिछले दिनों पर्दाफाश किया था. पुलिस ने मामले में निगम कर्मचारी, पुलिस जवान और बीजेपी के पार्षद को गिरफ्तार किया था. मामले में पुलिस ने पहले ही फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करने वाले गिरोह के पूरे सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. विभाग ने ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य आरक्षक को बर्खास्त कर दिया है. ( Police personnel dismissed in Bilaspur )

बिलासपुर में पुलिस की नौकरी लगाने और फर्जी नियुक्ति पत्र देकर रुपए ऐंठने वाले शहर के हाई प्रोफाइल ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पकड़े गए आरोपियों में बीजेपी पार्षद, निगमकर्मी सहित पुलिस का एक जवान शामिल था, जो फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करते थे. मामले का खुलासा तब हुआ जब एक युवक फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर ड्यूटी ज्वाइन करने एसपी ऑफिस पहुंचा. फर्जी नियुक्ति पत्र देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए. मामले में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे युवक को पुलिस अधिकारियों ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया. आरोपी से फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद किया गया था. इस मामले में शामिल आरक्षक पंकज शुक्ला को एसएसपी पारुल माथुर ने पुलिस नियम के खिलाफ काम करने के मामले में जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त कर दिया है.( Bilaspur fake appointment case in police department)

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क्या है पूरा मामला : बिलासपुर एडिश्नल एसपी उमेश कश्यप ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि "कोटा का रहने वाला युवक पीयूष प्रजापति 15 जून को 11 बजे फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर ज्वाइन करने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा. इसी दौरान शाखा प्रभारी को नियुक्ति में गड़बड़ी मिली. मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना में की गई. पुलिस ने आरोपी पीयूष प्रजापति को तत्काल अपने कब्जे में लिया. पीयूष ने बताया कि निगमकर्मी भोजराज नायडू, बिलासपुर के बीजेपी पार्षद रेणुका नगपुरे और पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला ने मिलकर उससे 8 लाख रुपए लिए और उसे एएसआई के पद पर नियुक्ति पत्र दिया. आरोपी, युवकों को पुलिस विभाग में नौकरी लगाने का झांसा दिया करते थे. जबकि पुलिस लाइन में पदस्थ सिपाही पंकज ग्राहक तलाश कर नियुक्ति पत्र बनाने का काम करता था.

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मामले में निगम के कर्मचारी, एक सिपाही समेत नियुक्ति पत्र लाए युवक पीयूष प्रजापति कुल चार लोगों ने फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया. फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे पीयूष प्रजापति समेत भाजपा नेता रेणुका प्रसाद नगपुरे, भोजराज नायडू और पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों से नियुक्ति संबधित फर्जी दस्तावेद भी बरामद किया गया है. पुलिस विभाग के कर्मचारी पंकज शुक्ला से लैपटाप बरामद किया गया.

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