बिलासपुरः पिछले कुछ समय से नगर निगम (Municipal council) सीमा में सड़कों (streets) की स्थिति खराब हो गई है. सड़कों में गड्ढे और गड्ढों में सड़क वाली स्थिति हो गई है. निगम सीमा में पीडब्ल्यूडी और नगर निगम दोनों की सड़क है और दोनों ही विभाग सड़कों के निर्माण (construction of roads) और मरम्मत (Repairs) को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं.
जनता परेशान हैं. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने इस मामले में न्याय मित्र (amicus curiae) नियुक्त किया है और सड़कों की सुधार के आदेश (road repair orders) दिए हैं. बिलासपुर नगर निगम की सीमा में आने वाली सड़कों की खस्ता हालत पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Acting Chief Justice) ने नाराजगी जाहिर की और pwd सेक्रेटरी (secretary) और आयुक्त नगर निगम (Commissioner Municipal Corporation) को कोर्ट ने कड़ाई के साथ सड़कों को समयबद्ध तरीके से सुधारने का आदेश दिया है.
पीडब्ल्यूडी (pwd) एवं नगर निगम (Municipal council) के कार्यों की समीक्षा कर सड़कों की स्थिति से कोर्ट को अवगत कराने की जिम्मेदारी ऐसे वकीलों को हैं जिन्हें न्यायमित्र बनाया गया है. जिनमें
राजीव श्रीवास्तव
प्रतीक शर्मा
राघवेंद्र प्रधान
कोर्ट ने न्यायमित्रों की समिति गठित करते हुए विवेकरंजन तिवारी, गगन तिवारी एवं पंकज अग्रवाल जैसे अधिवक्ताओं को उक्त समिति के साथ सड़क सुधार कार्य की प्रगति का निरीक्षण करने का आदेश दिया है.
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हाईकोर्ट में लगाई गई है जनहित याचिका
हिमांक सलूजा ने बिलासपुर नगर निगम की सीमा के भीतर सड़कों की बदहाल स्थिति (bad condition of roads) को सुधारने के लिए जनहित याचिका (Public interest litigation) उच्च न्यायालय में दायर की है. जिसमें सड़क सुधारने के लिए निश्चित तिथि बताते हुए सेक्रेटरी एवं आयुक्त को शपथ पत्र प्रस्तुत करने एवं कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कहा कि, शहर के लोग सड़क की दुर्दशा से त्रस्त हैं और खराब सड़कों पर चलने को मजबूर हैं, जिससे कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है.