गौरेला पेंड्रा मरवाही: नेशनल ट्राईबल डांस फेस्टिवल 2022 का आयोजन आज गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के गुरुकुल में किया गया. जिसमें बिलासपुर संभाग के विभिन्न जिलों से आए छात्र छात्राओं के साथ नृतक समुदायों ने परंपरागत वेषभूषा एवं संगीत के साथ अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया. पूरे कार्यक्रम के दौरान लोग मंत्रमुग्ध होकर आदिवासी नृत्य देखते रहे. छत्तीसगढ़ के परंपरागत नृत्य को प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है. National Tribal Dance Festival 2022
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परंपरागत नृत्यों की किया प्रदर्शन: छत्तीसगढ़ में पुराने समय से चले आ रहे परंपरागत आदिवासी नृत्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा नेशनल ट्राईबल डांस फेस्टिवल शुरू किया गया है. नेशनल ट्राईबल डांस फेस्टिवल 2022 का संभाग स्तरीय आयोजन आज गौरेला पेंड्रा मरवाही में किया गया. जिसमें गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के अलावा बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ सहित कई जिले के प्रतिभागियों ने भाग लिया. इन प्रतिभागियों ने छत्तीसगढ़ के परंपरागत नृत्य जिनमें कर्मा, सुआ, डंडा, सरहुल, सैला जैसे कई नृत्यों का प्रदर्शन किया.
परंपरागत वेशभूषा एवं साज सज्जा में आए प्रतिभागी: परंपरागत वेशभूषा एवं साज सज्जा में आए प्रतिभागियों ने मांदर की थाप पर नृत्य किया. इसके साथ ही कुछ नृत्य छात्र छात्राओं ने तैयार किया था. कुछ नर्तक प्रोफेशनल थे. दर्शक मंत्रमुग्ध होकर आदिवासी नृत्य देखते रहे. संभाग स्तरीय टीम ने दो नर्तक दल का चयन किया. जिसमें एक बैगा की टीम पेंड्रा की. तो वहीं बिलासपुर के दल का भी चयन प्रदेश स्तर के लिए किया गया. अलग अलग संभाग से चयनित होने के बाद इन दलों की प्रतियोगिता प्रदेश स्तर पर की जाएगी. जिसमें से चयनित नर्तक दल छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के दौरान रायपुर में नृत्य का प्रदर्शन करेगी. इस तरह के आयोजन का उद्देश्य लुप्त हो रहे परंपरागत नृत्य को जीवंत करना एवं लोगों के बीच में प्रचार प्रसार करना भी है.