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मरवाही का महासमर: प्रत्याशी घर-घर जाकर करेंगे वोट की अपील, JCCJ विधायकों के समर्थन से बदला समीकरण - renu jogi supports bjp

मरवाही विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को चुनाव प्रचार थम गया. सोमवार को प्रत्याशी घर-घर जाकर लोगों से वोट की अपील करेंगे. इस चुनाव में बीजेपी के गंभीर सिंह और कांग्रेस से केके ध्रुव के बीच अब सीधी टक्कर है. जोगी परिवार का समर्थन भाजपा को मिलने के बाद इस चुनाव में अब नया मोड़ देखने को मिल रहा है.

Congress JCCJ and BJP
कांग्रेस जेसीसीजे और बीजेपी
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Published : Nov 2, 2020, 10:27 AM IST

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले की मरवाही विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. रविवार शाम से प्रचार बंद हो गया. आज प्रत्याशी डोर-टू-डोर जनसंपर्क करेंगे. वर्षों से जोगी का गढ़ कहे जाने वाले मरवाही सीट को अपने नाम करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों पूर जोर कोशिश कर रहे हैं. जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी का नामांकन रद्द होने के बाद बीजेपी के गंभीर सिंह और कांग्रेस से केके ध्रुव के बीच अब सीधी टक्कर नजर आ रही है. दोनों ही प्रत्याशी घर-घर जाकर लोगों से वोट की अपील करेंगे.

पढ़ें- थम गया चुनावी शोरगुल, 3 नवंबर को तय होगी प्रत्याशियों की किस्मत

मरवाही में चुनाव प्रचार के लिए दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस ने जहां मरवाही में प्रचार के लिए सीएम के साथ पूरा मंत्रीमंडल उतार दिया था तो वहीं बीजेपी भी पीछे नहीं थी. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह,नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने चुनाव प्रचार की कमान संभाले रखी थी. इस बीच कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गजों ने कई सभाएं की. एक ओर जहां दोनों पार्टियां प्रचार में जुटी हुई थी तो वहीं दूसरी ओर जेसीसीजे के विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई. मतदान के तीन दिन पहले विधायक धरमजीत सिंह और रेणु जोगी ने बीजेपी के प्रत्याशी को अपना पूरा समर्थन दे दिया. जेसीसीजे के विधायकों के इस फैसले के खिलाफ 2 विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा ने कांग्रेस के प्रत्याशी को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी.

जिला प्रशासन की पूरी तैयारी

जेसीसीजे के समर्थन के बाद बीजेपी का पलड़ा जहां थोड़ा भारी लग रहा था अब पार्टी में आए दो फाड़ की वजह से कांग्रेस और बीजेपी फिर से बराबरी पर आ गए हैं. अब मरवाही की 1 लाख 90 हजार मतदाता प्रत्याशी का भविष्य तय करेंगे. जिला प्रशासन पूरी तैयारी के साथ चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने में जुटा हुआ है. उपचुनाव के मद्देनजर शांतिपूर्ण, भयमुक्त चुनाव को लेकर जीपीएम पुलिस ने फ्लैगमार्च निकाला था. मतदाताओं के बीच सुरक्षा की भावना जागृत करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों की सक्रियता बढ़ाई गई है. सुरक्षा कर्मियों ने चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण और भयमुक्त माहौल बनाए रखने के लिए कमर कस चुके हैं. फ्लैग मार्च से लेकर एरिया डोमिनेशन का कार्य भी जोरों पर किया जा रहा है.

  • मतदाताओं के सुगम मतदान के लिए 286 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
  • 237 मूल मतदान केंद्र एवं 49 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
  • इस निर्वाचन में कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोरोना प्रभावित मतदाताओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, उन्हें मतदान के अंतिम 1 घंटे में मतदान की सुविधा प्रदान की गई है.
  • मतदाता सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान कर सकेंगे.
  • 3 नवंबर को मतदान होने के बाद 10 नवंबर को परिणाम की घोषणा की जाएगी.

मरवाही में जोगी परिवार का समर्थन कहीं न कहीं बीजेपी के लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकता है. सियासी जानकारों की माने तो तीसरी शक्ति जनता कांग्रेस के बीजेपी को समर्थन के बाद रणनीति बदल रही है. मरवाही चुनाव दौड़ से जोगी कांग्रेस के बाहर हो जाने के बाद कांग्रेस की जीत लगभग तय मानी जा रही थी, लेकिन अब जोगी परिवार का समर्थन भाजपा को मिलने के बाद नया मोड़ देखने को मिल रहा है.

अमित ने कहा पिता को दुख पहुंचाया है

अमित जोगी ने कहा कि देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा मेरे भाई हैं. मैं उनका दिल से सम्मान करता हूं. मेरे पिता ने भी उनको अपना बेटा माना. मगर अपने इस आचरण से उन्होंने मेरे स्वर्गीय पिता की आत्मा को दुख पहुंचाया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जीते जी जिस प्रकार मेरे स्वर्गीय पिता को प्रताड़ित किया, उनको अंतागढ़ और झीरम और न जाने कितने और मामलों में झूठा फंसाने का लगातार षड्यंत्र रचते रहे. मेरे पिता का छत्तीसगढ़ के लिए क्या सपने थे- इन सब बातों के बारे में विस्तार से मेरे पिता ने खुद अपनी आत्मकथा में लिखा है. मैं उसे पढ़ने की सलाह दोनों को दूंगा.

नाखून काटकर शहीद होने का दिखावा न करें

विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा के मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की अपील किये जाने पर लोरमी के विधायक धरमजीत सिंह भड़क गए. उन्होंने हिदायत देते हुए कहा नाखून काट कर शहीद होने का दिखावा न करें. उन्होंने कहा कि यदि वे कांग्रेस पार्टी में जाना चाहते हैं तो स्वतंत्र है और कभी भी विधायकी से इस्तीफा देकर वे कांग्रेस में जा सकते हैं.

मैं कांग्रेस में जाने के बारे में सोच भी नहीं सकती- डॉ. रेणु जोगी

देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा पर नाराजगी जाहिर करते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की कोटा विधायक डॉ रेणु जोगी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वे कांग्रेस में जाने की इच्छा नहीं रखती. उन्होंने कहा कि अजीत जोगी के स्वर्गवास के बाद भी लगातार कांग्रेस पार्टी के नेता अभद्र टिप्पणी कर उन्हें अपमानित कर रहे हैं. इससे मैं व्यथित हूं. जोगी ने आईएएस की नौकरी छोड़कर 32 साल तक पूरी निष्ठा से कांग्रेस की सेवा की है, लेकिन उनके नेता लगातार हमें अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले की मरवाही विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. रविवार शाम से प्रचार बंद हो गया. आज प्रत्याशी डोर-टू-डोर जनसंपर्क करेंगे. वर्षों से जोगी का गढ़ कहे जाने वाले मरवाही सीट को अपने नाम करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों पूर जोर कोशिश कर रहे हैं. जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी का नामांकन रद्द होने के बाद बीजेपी के गंभीर सिंह और कांग्रेस से केके ध्रुव के बीच अब सीधी टक्कर नजर आ रही है. दोनों ही प्रत्याशी घर-घर जाकर लोगों से वोट की अपील करेंगे.

पढ़ें- थम गया चुनावी शोरगुल, 3 नवंबर को तय होगी प्रत्याशियों की किस्मत

मरवाही में चुनाव प्रचार के लिए दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस ने जहां मरवाही में प्रचार के लिए सीएम के साथ पूरा मंत्रीमंडल उतार दिया था तो वहीं बीजेपी भी पीछे नहीं थी. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह,नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने चुनाव प्रचार की कमान संभाले रखी थी. इस बीच कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गजों ने कई सभाएं की. एक ओर जहां दोनों पार्टियां प्रचार में जुटी हुई थी तो वहीं दूसरी ओर जेसीसीजे के विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई. मतदान के तीन दिन पहले विधायक धरमजीत सिंह और रेणु जोगी ने बीजेपी के प्रत्याशी को अपना पूरा समर्थन दे दिया. जेसीसीजे के विधायकों के इस फैसले के खिलाफ 2 विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा ने कांग्रेस के प्रत्याशी को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी.

जिला प्रशासन की पूरी तैयारी

जेसीसीजे के समर्थन के बाद बीजेपी का पलड़ा जहां थोड़ा भारी लग रहा था अब पार्टी में आए दो फाड़ की वजह से कांग्रेस और बीजेपी फिर से बराबरी पर आ गए हैं. अब मरवाही की 1 लाख 90 हजार मतदाता प्रत्याशी का भविष्य तय करेंगे. जिला प्रशासन पूरी तैयारी के साथ चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने में जुटा हुआ है. उपचुनाव के मद्देनजर शांतिपूर्ण, भयमुक्त चुनाव को लेकर जीपीएम पुलिस ने फ्लैगमार्च निकाला था. मतदाताओं के बीच सुरक्षा की भावना जागृत करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों की सक्रियता बढ़ाई गई है. सुरक्षा कर्मियों ने चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण और भयमुक्त माहौल बनाए रखने के लिए कमर कस चुके हैं. फ्लैग मार्च से लेकर एरिया डोमिनेशन का कार्य भी जोरों पर किया जा रहा है.

  • मतदाताओं के सुगम मतदान के लिए 286 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
  • 237 मूल मतदान केंद्र एवं 49 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
  • इस निर्वाचन में कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोरोना प्रभावित मतदाताओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, उन्हें मतदान के अंतिम 1 घंटे में मतदान की सुविधा प्रदान की गई है.
  • मतदाता सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान कर सकेंगे.
  • 3 नवंबर को मतदान होने के बाद 10 नवंबर को परिणाम की घोषणा की जाएगी.

मरवाही में जोगी परिवार का समर्थन कहीं न कहीं बीजेपी के लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकता है. सियासी जानकारों की माने तो तीसरी शक्ति जनता कांग्रेस के बीजेपी को समर्थन के बाद रणनीति बदल रही है. मरवाही चुनाव दौड़ से जोगी कांग्रेस के बाहर हो जाने के बाद कांग्रेस की जीत लगभग तय मानी जा रही थी, लेकिन अब जोगी परिवार का समर्थन भाजपा को मिलने के बाद नया मोड़ देखने को मिल रहा है.

अमित ने कहा पिता को दुख पहुंचाया है

अमित जोगी ने कहा कि देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा मेरे भाई हैं. मैं उनका दिल से सम्मान करता हूं. मेरे पिता ने भी उनको अपना बेटा माना. मगर अपने इस आचरण से उन्होंने मेरे स्वर्गीय पिता की आत्मा को दुख पहुंचाया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जीते जी जिस प्रकार मेरे स्वर्गीय पिता को प्रताड़ित किया, उनको अंतागढ़ और झीरम और न जाने कितने और मामलों में झूठा फंसाने का लगातार षड्यंत्र रचते रहे. मेरे पिता का छत्तीसगढ़ के लिए क्या सपने थे- इन सब बातों के बारे में विस्तार से मेरे पिता ने खुद अपनी आत्मकथा में लिखा है. मैं उसे पढ़ने की सलाह दोनों को दूंगा.

नाखून काटकर शहीद होने का दिखावा न करें

विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा के मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की अपील किये जाने पर लोरमी के विधायक धरमजीत सिंह भड़क गए. उन्होंने हिदायत देते हुए कहा नाखून काट कर शहीद होने का दिखावा न करें. उन्होंने कहा कि यदि वे कांग्रेस पार्टी में जाना चाहते हैं तो स्वतंत्र है और कभी भी विधायकी से इस्तीफा देकर वे कांग्रेस में जा सकते हैं.

मैं कांग्रेस में जाने के बारे में सोच भी नहीं सकती- डॉ. रेणु जोगी

देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा पर नाराजगी जाहिर करते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की कोटा विधायक डॉ रेणु जोगी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वे कांग्रेस में जाने की इच्छा नहीं रखती. उन्होंने कहा कि अजीत जोगी के स्वर्गवास के बाद भी लगातार कांग्रेस पार्टी के नेता अभद्र टिप्पणी कर उन्हें अपमानित कर रहे हैं. इससे मैं व्यथित हूं. जोगी ने आईएएस की नौकरी छोड़कर 32 साल तक पूरी निष्ठा से कांग्रेस की सेवा की है, लेकिन उनके नेता लगातार हमें अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.

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