बिलासपुरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लागू कृषि कानून के 3 विवादित कानून को वापस लेने का एलान किया है. इस एलान के बाद सभी नेताओं के अपने-अपने बयान सामने आ रहे हैं. इस मामले में प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों इस कानून को समझाने की कोशिश की लेकिन आंदोलन चलता रहा. इस लिए कानून वापस ले लिया है. जिससे किसानों की जीत हुई है.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रधानमंत्री के द्वारा 3 कृषि कानून को वापस लेने के मामले में कहा कि गुरु पर्व के मौके पर देशवासियों को सौगात दी है और इस 3 कानून को वापस लेने पर मोदी और किसानों को बधाई देते हुए कहा कि कौशिक ने कहा कि किसानों की हमेशा जीत होती है चाहे वो प्रदेश के हो या देश का. उन्होंने पहले लोगो को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन फिर भी किसान आंदोलन करते रहे इस लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु पर्व पर तीनों कृषि कानून को वापस लेने का एलान कर दिया। कौशिक ने कहा कि मोदी जी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैसे अड़ियल नहीं हैं. भूपेश बघेल जब विपक्ष में थे तो 1 नवंबर से किसानों से धान खरीदने की बात कहते थे और आज खुद नही खरीद रहे है. किसानों को मजबूरन अपने धान 13-14 सौ रुपए में बेचना पड़ रहा है.
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क्या भुपेश बघेल किसानों को देंगे समर्थन मूल्य का लाभ?
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा संभोग जो किसान 1 नवंबर से 30 नवंबर तक अपना धान बेच रहे हैं क्या उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समर्थन मूल्य का लाभ देंगे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भूपेश बघेल से सवाल किया है 3 किसानों को लाभ देंगे या नहीं वह बताएं. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जब भाजपा सरकार प्रदेश में थी तो भूपेश बघेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और वे सरकार से 1 नवंबर से धान खरीदी की मांग करते थे.
अब वह खुद प्रदेश के मुखिया हैं और क्या अब वह 1 नवंबर से धान खरीदी करना क्यों शुरू नहीं किया. अभी जो किसान 1 नवंबर से 30 नवंबर तक धान की बिक्री करें हैं उनको मजबूरन 13-14 सौ रुपए में धान बेचना पड़ा है. तो क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ देंगे.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने धान खरीदी के मामले में मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया. राकेश टिकैत के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दिया जिसमें राकेश टिकैत ने कहा है कि वो आंदोलन खत्म नही करेंगे, इस मामले में कहा कि जब मोदी जी ने बोल दिया है तो उनके बात का विश्वास करना चाहिए, आंदोलन खत्म करें या नही और इसके अलावा उनके पास कोई निराकरण का उपाय नहीं है.