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जांजगीर-चांपा मड़वा पावर प्लांट मारपीट मामला : अलग-अलग FIR दर्ज करने पर हाईकोर्ट का स्टे - assault case in chhattisgarh highcourt

जांजगीर-चांपा के मड़वा पावर प्लांट (Janjgir Madwa power plant assault case )में हुए मारपीट को लेकर दर्ज की गई 5 एफआईआर में से 4 पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है. एक ही अपराध में दर्ज हुई अलग-अलग एफआईआर करने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है.

जांजगीर चांपा में दर्ज हुई थी पांच एफआईआर
जांजगीर चांपा में दर्ज हुई थी पांच एफआईआर
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Published : Mar 22, 2022, 1:13 PM IST

बिलासपुर : जांजगीर-चांपा जिले के मड़वा पावर प्लांट (Madwa Power Plant of Janjgir Champa district) के सामने आंदोलन करने वाले ग्रामीण के खिलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज किया था. फिर पुलिस ने इसी मामले में दोबारा चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की. पुलिस के द्वारा किए गए 5 एफआईआर पर कोर्ट ने स्टे दे दिया है. जिसके बाद आंदोलन करने वाले याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है. मड़वा पावर प्लांट में भूमि अधिग्रहण के बदले समुचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग को लेकर काफी दिनों से भूस्वामी और स्थानीय निवासी हड़ताल कर रहे थे. 2 जनवरी 2022 को इसी तरह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे इन 500 लोगों पर पुलिस ने बल का प्रयोग कर हमला कर दिया. इससे माहौल खराब हुआ. जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने कई गाड़ियों को जला दिया गया. गाड़ियों की आगजनी और पत्थरबाजी को रोकने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों पर बल प्रयोग किया. जिसमे कई ग्रामीण घायल हो गए.

ये भी पढ़ें- बिलासपुर वन मंडल कार्यालय के बाहर कर्मचारियों की हड़ताल, जंगली जानवर और जंगल भगवान भरोसे

पुलिस ने मामले में दर्ज की FIR

इस हमले में दोनों पक्ष के लोग घायल हुए. इसके बाद जांजगीर पुलिस ने इन सब के खिलाफ अपराध क्रमांक 5/22 का अपराध दर्ज किया. बाद में इसी क्रम में 6,7,8,9 का जुर्म भी दर्ज कर लिया. एक ही अपराध पर कुल 5 एफआईआर दर्ज हो गए. जिसे लेकर याचिकाकर्ताओं ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिका में कहा गया कि जानबूझकर पांच बार यह अपराध कायम किया गया, ताकि इन सब को 5 बार गिरफ्तार करके पांच बार चालान पेश किया जा सके. यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के कई न्याय दृष्टांत भी पेश किए गए. जस्टिस गौतम भादुरी ने सुनवाई के बाद अपराध क्रमांक 6 से लेकर शेष सभी चारों एफआईआर पर रोक लगाने के निर्देश(Instructions to stop the four FIR) दिए हैं.

बिलासपुर : जांजगीर-चांपा जिले के मड़वा पावर प्लांट (Madwa Power Plant of Janjgir Champa district) के सामने आंदोलन करने वाले ग्रामीण के खिलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज किया था. फिर पुलिस ने इसी मामले में दोबारा चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की. पुलिस के द्वारा किए गए 5 एफआईआर पर कोर्ट ने स्टे दे दिया है. जिसके बाद आंदोलन करने वाले याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है. मड़वा पावर प्लांट में भूमि अधिग्रहण के बदले समुचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग को लेकर काफी दिनों से भूस्वामी और स्थानीय निवासी हड़ताल कर रहे थे. 2 जनवरी 2022 को इसी तरह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे इन 500 लोगों पर पुलिस ने बल का प्रयोग कर हमला कर दिया. इससे माहौल खराब हुआ. जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने कई गाड़ियों को जला दिया गया. गाड़ियों की आगजनी और पत्थरबाजी को रोकने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों पर बल प्रयोग किया. जिसमे कई ग्रामीण घायल हो गए.

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पुलिस ने मामले में दर्ज की FIR

इस हमले में दोनों पक्ष के लोग घायल हुए. इसके बाद जांजगीर पुलिस ने इन सब के खिलाफ अपराध क्रमांक 5/22 का अपराध दर्ज किया. बाद में इसी क्रम में 6,7,8,9 का जुर्म भी दर्ज कर लिया. एक ही अपराध पर कुल 5 एफआईआर दर्ज हो गए. जिसे लेकर याचिकाकर्ताओं ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिका में कहा गया कि जानबूझकर पांच बार यह अपराध कायम किया गया, ताकि इन सब को 5 बार गिरफ्तार करके पांच बार चालान पेश किया जा सके. यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के कई न्याय दृष्टांत भी पेश किए गए. जस्टिस गौतम भादुरी ने सुनवाई के बाद अपराध क्रमांक 6 से लेकर शेष सभी चारों एफआईआर पर रोक लगाने के निर्देश(Instructions to stop the four FIR) दिए हैं.

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