बिलासपुरः छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (public service Commission) द्वारा आयोजित सिविल जज भर्ती परीक्षा (civil judge recruitment Examination) में समान अंक पाने पर कम उम्र के उम्मीदवार को नियुक्ति (Appointment) देने के खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) ने राज्य शासन (state government) और लोक सेवा आयोग (public service Commission) को नोटिस (notice) जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही आगामी आदेश तक समान अंक पाने वाले कम उम्र के अभ्यर्थी को नियुक्ति देने पर रोक (ban on appointment) लगा दी है.
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2020 में सिविल जज के 32 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था. आवेदन पत्र जमा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसके लिए परीक्षा आयोजित की गई. भर्ती के लिए सामान्य वर्ग से 13 पद आरक्षित (reserve) किए गए थे. सामान्य वर्ग की रायपुर निवासी खुशबू जैन ने भी परीक्षा के लिए आवेदन पत्र (Application letter) जमा किया था.
भर्ती प्रक्रिया में शामिल होकर परीक्षा भी दी थी. परीक्षा परिणाम आने पर उन्हें 86 नंबर स्कोर (Score) किए थे. इतने ही नंबर दो अन्य अभ्यर्थियों (Candidates) को भी मिले थे. लेकिन आयोग ने दो अन्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी कर दिया और खुशबू को नियुक्ति से वंचित कर दिया.
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आयोग पर भर्ती नियमों के उल्लंघन का आरोप
आयोग के इस फैसले को चुनौती देते हुए खुशबू जैन ने अपने अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रोहित शर्मा ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि सिविल जज भर्ती नियम के अनुसार अगर अभ्यर्थियों को समान अंक प्राप्त होता है तो आयु सीमा को आधार मान कर अधिक उम्र के अभ्यर्थी का चयन (candidate selection) किया जाना है. लेकिन आयोग ने इस प्रकरण में कम उम्र के उम्मीदवार को प्राथमिकता देते हुए नियुक्ति आदेश दे दिया है. ऐसा कर आयोग ने भर्ती नियम का उल्लंघन (Violation of Recruitment Rules) किया है.
अधिवक्ता के तर्कों पर सहमति
इसी तरह याचिकाकर्ता और अन्य अभ्यर्थियों में समान अंक होने के बाद भी सूची में उन्हें नीचे के क्रम में रखा गया है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस (Justice) पीसेम कोशी की एकलपीठ में हुई. कोर्ट ने याचिकाकर्ता (petitioner) के अधिवक्ता (advocate) के तर्कों पर सहमति (Consent) जताई है. कोर्ट ने याचिका को स्वीकार (accept the petition) करते हुए राज्य शासन और आयोग के साथ ही चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही अंतरिम राहत के तौर पर समान अंक पाने वाले अभ्यर्थी की नियुक्ति आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाले सप्ताह में रखी गई है.