बिलासपुर: मनेंद्रगढ़ और सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के विरोध में दायर जनहित याचिका के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में इस मामले में लगी सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि जब तक अतिरिक्त दावा आपत्तियों का निराकरण नहीं होता तब तक नया जिला अस्तित्व में नहीं आएगा. हाईकोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को अपनी ओर से दावा आपत्ति पेश करने 2 सप्ताह का समय दिया है. (Hearing regarding new district in Chhattisgarh High Court )
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में नए जिले को लेकर सुनवाई: कोरिया जिले का विभाजन कर जिला बनाने को चुनौती देते हुए दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. राज्य शासन ने नवंबर 2021 को नया जिला बनाने नोटिफिकेशन जारी किया था. कोरिया जिले को विभाजित कर मनेंद्रगढ़, चिरमिरी और जनकपुर को एक नया जिला बनाया जा रहा था. इसका विरोध करते हुए स्थानीय निवासियों की ओर से मेवालाल निति और 5 अन्य ने एक जनहित याचिका अधिवक्ता महेंद्र दुबे, विनीत कुमार पांडेय के माध्यम से दायर की. याचिका में बताया गया है कि हजारों लोगों को बहुत परेशानी होगी. कोरिया सदियों पुराना वनवासी इलाका है. कोरिया पहाड़ को नए जिले में शामिल करने से संस्कृति और पहचान भी प्रभावित होगी. स्थानीय निवासी कहीं और नहीं जाना चाहते.
कोरिया से मनेंद्रगढ़ को अलग करने का विरोध: याचिका में यह तथ्य भी रखा गया है कि मूल जिला हमेशा बड़ा रहता है. यहां नए जिले को बड़ा आकार दिया जा रहा है जो अनुचित है. इस मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी ओर से अतिरिक्त दावा आपत्ति पेश कर सकते हैं. 2 सप्ताह में इसका उन्हें जवाब देना होगा. कोर्ट ने कहा कि अगर इसके बाद ही संतुष्ट ना हो तो याचिकाकर्ता वापस हाईकोर्ट आ सकते हैं. मामले में अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आपत्ति का निराकरण होने तक जिला अस्तित्व में नहीं आएगा इसका आदेश कोर्ट ने जारी भी कर दिया है.
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सारंगढ़ बिलाईगढ़ को नया जिला बनाते हुए इसमें सरिया को भी शामिल किए जाने का स्थानीय लोगों ने विरोध किया है. छत्तीसगढ़ शासन ने अधिसूचना जारी कर नया जिला बनाए जाने की घोषणा की थी. सरिया को भी शामिल करने की बात आई तो लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. प्रशासन में आवेदन देकर कहा कि 'सरिया रायगढ़ से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर है. इसको नए जिले में शामिल करने से सब को व्यवहारिक परेशानी होगी. इस मामले में जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो स्थानीय लोगों ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में पेश की. इसमें कहा गया कि सारंगढ़ की दूरी 90 किलोमीटर से भी अधिक है.
इसी तरह बरमकेला के याचिकाकर्ताओं ने भी पीआईएल लगाई. साथ ही जिला अधिवक्ता संघ ने भी एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की. इस मामले में भी चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए सभी याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपना अतिरिक्त दावा आपत्ति पेश कर सकते हैं. इसके लिए भी 2 सप्ताह का समय दिया गया. डिवीजन बेंच ने कहा कि जब तक सभी आपत्तियों का निराकरण नहीं होगा तब तक नया जिला नहीं बनाया जाएगा. मनेंद्रगढ़, सारंगढ़, बिलाईगढ़ जिला के मामले में कई याचिकाओं के माध्यम से आपत्तियां दर्ज कराई गई है.