बिलासपुर: तहसील कार्यालय और नगर निगम हमेशा से फर्जी दस्तावेजों को लेकर चर्चा में रहा है. कई बार निगम की फर्जी रशीद जारी (Fake documents from Bilaspur Tehsil Office) हो जाती है. तो कई बार तहसील कार्यालय से फर्जी दस्तावेज जारी हो जाते हैं. एक बार फिर एक ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी आमदनी निवास प्रमाण पत्र जारी कर फर्जीवाड़ा किया गया है. Bilaspur crime news
मोर जमीन मोर आस योजना के लिए प्रमाण पत्र: दरअसल मोर जमीन मोर आस योजना के तहत नगरनिगम 84 मकानों का आवंटन करने जा रहा है. इसके लिए जरूरतमंदों से आवेदन लिए जा रहे हैं. दस्तावेजों में प्रमुख रूप से आवेदनकर्ता को आमदनी और निवास प्रमाण पत्र देना अनिवार्य किया गया है. ऐसे में लोग आमदनी निवास के लिए तहसील कार्यालय पहुंच रहे हैं और यहां से प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं, लेकिन इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा कर गरीबों को गुमराह किया जा रहा है. जो प्रमाण पत्र यहां से जारी हो रहे हैं, वो फर्जी निकल रहे हैं.
फर्जी सील और हस्ताक्षर: तहसीलदार और अतिरिक्त तहसीलदार के फर्जी सील और हस्ताक्षर के प्रमाण पत्र फरियादियों को जारी किए जा रहे हैं. फर्जीवाड़ा ऐसा है कि, आमदनी निवास प्रमाण पत्र आवास के लिए बन रहा है लेकिन उसे शिक्षा के लिए लिखकर किया जा रहा है. तहसीलदार की सील साइन में भी बड़ा फर्जीवाड़ा है. सील साइन दोनों मैच नहीं कर रहा है. इसके अलावा भी कई गलतियां हैं, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि फर्जी दस्तावेज जारी किए जा रहे हैं.
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गरीबों को शासन की योजना का लाभ नहीं: इधर मात्र 84 मकानों के लिए करीब 4 हजार फार्म बिक चुके हैं. एक हजार लोगों ने आवेदन जमा भी कर दिया है. रोजाना आवेदन जमा करने के लिए निगम में लोगों की भीड़ लग रही है. ऐसे में लोग भी नहीं समझ पा रहे हैं कि दस्तावेजों में क्या गड़बड़ी है? निगम आवेदन जमा कर उसकी स्क्रूटनी कर रहा है, तब ये गड़बड़ी सामने आ रही है. बाद में इन्ही दस्तावेजी गड़बड़ियों के कारण इनके आवेदन रिजेक्ट कर दिए जायेंगे. जिससे गरीबों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा.
निगम में हड़कंप मचा: दस्तावेजों की गड़बड़ी के सामने आने के बाद तहसील कार्यालय के साथ निगम में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि तहसील से ही गड़बड़ी हो रही है. तहसील के अधिकारी भी सक्ते में हैं. उनके नाम, फर्जी सील, साइन का इस्तेमाल कर खुलेआम फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.
एसडीएम ने जांच के निर्देश दिए: तहसील कार्यालय से इस संबंध में निगम को पत्र जारी किया जा रहा है. एसडीएम ने बताया कि ''ये गंभीर मामला है. इसकी शिकायतें मिल रही हैं. जांच के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद आपराधिक मामला भी दर्ज कराया जाएगा.'' इधर निगम के अधिकारी दस्तावेजों के सत्यापन के लिए जांच कमेटी को दस्तावेज सौंपने की बात कह रहे हैं. जिसके बाद सत्यापित दस्तावेजों के आधार पर आबंटन किया जाएगा.