गौरेला पेंड्रा मरवाही : हाथियों का दल लगातार मरवाही वन मंडल में चहल कदमी कर रहा है. हाथियों की चहल कदमी से ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों की खेतों में खड़ी फसल भी हाथियों ने चौपट कर दिया (Elephants destroyed crops in marwahi) है. कई घरों में तोड़फोड़ से ग्रामीण दहशत में हैं और रतजगा करने को मजबूर (Elephant terror gives sleepless nights to people in Marwahi ) हैं. हालांकि अब हाथियों का दल मरवाही वन मंडल के पेंड्रा वन परीक्षेत्र में दाखिल हो चुका (Elephants broke houses of villagers in marwahi) है. लेकिन यहां भी देर रात हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों ने किसानों की खड़ी फसलों को भी बर्बाद कर दिया है.
बीयर लैंड बना अब एलिफैंट लैंड : मरवाही वन मंडल कभी बीयर लैंड के नाम से जाना जाता था. लेकिन कुछ सालों से यहां पर भालूओं के मामले कम और हाथियों की चहलकदमी ज्यादा बढ़ गई है. पिछले कुछ माह की बात की जाए तो यहां पर कई समूहों में हाथियों की आमद हुई है. हाथियों ने ग्रामीणों के खेतों में खड़ी फसलों के साथ उनके घरों में तोड़फोड़ की है. हाथियों ने घर में रखे अनाज की दावत उड़ाई है. पिछले दिनों हाथियों का दल मरवाही वन मंडल से कटघोरा वन मंडल में दाखिल हुआ और उसके बाद फिर वापस मरवाही वन मंडल के पेंड्रा वन क्षेत्र में (marwahi forest area ) पहुंचा.
एमपी से आया हाथी दल : हाथियों ने कुछ दिनों तक मरवाही में उत्पात मचाया. इसके बाद किसानों की फसलों को चौपट करने के बाद वापस कोरबा वनपरिक्षेत्र लौट गए. लेकिन अब एमपी के अनूपपुर से हाथियों का दल मरवाही वनमंडल में दाखिल होकर उत्पात मचा रहा है. पिछले 1 सप्ताह में हाथियों ने बहरी झोरखी, केशला, तिलोरा होते हुए आमारू, कोडगार और देर रात खरडी गांव के आसपास जमकर उत्पात मचाया है. हाथी दल ने किसानों की खड़ी फसलों को रौंदा. हाथियों ने ग्रामीणों के एकांत में स्थित घरों को भी तोड़ दिया और अनाज को भी चट कर दिया (gaurela pendra marwahi news) है.
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ग्रामीणों की जान को खतरा: हाथियों की आमद से ग्रामीण दहशतजदा हैं. वे रतजगा करने को मजबूर हैं. कर्मचारियों की हड़ताल के कारण भी हाथियों की सही जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही है. ग्रामीण अपने स्तर पर समूह बनाकर हाथियों की गतिविधियों पर नजर बनाकर रखे हुए हैं. हालांकि ग्रामीण अति उत्साह में हाथियों के नजदीक भी पहुंच जाते हैं. यह उनके लिए खतरा भी हो सकता है.