बिलासपुर : स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल खत्म हो गई है. सभी कर्मी को गुरुवार से अपने काम पर लौटना था, लेकिन अस्पतालों की स्थिति देखकर लगता है कि अभी भी पूरे स्वास्थ्य कर्मी अपने सेवा देने नहीं (Effect of strike still in Bilaspur cims) पहुंचे हैं. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स मेडिकल कॉलेज में हड़ताल की वजह से मरीजों की संख्या नही के बराबर हो गई है. वार्डो में पसरे सन्नाटे से ये साबित भी हो रहा है.
स्वास्थ्यकर्मी पहुंचे सेवा देने : स्वास्थ्य कर्मियों ने बुधवार से अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है और गुरुवार से सभी अपने सेवा देने अस्पताल पहुंच गए हैं, लेकिन हड़ताल के तीन दिन अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के नही रहने से मरीजों की संख्या कम होने लगी थी. गुरुवार से अस्पतालों में मरीजो की संख्या बढ़नी थी, लेकिन मरीज हड़ताल होने के आदेशों के बीच अस्पताल में नहीं (no patient in bilaspur cims) पहुंचे. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल होने के नाते सिम्स मेडिकल कॉलेज में रोजाना 22 ओपीडी और लगभग सौ से डेढ़ सौ मरीजों की भर्ती और छुट्टी होती है.
सिम्स में हड़ताल का असर : छुट्टी होने के नाते ओपीडी तो बंद रहा, लेकिन वार्डों में एक भी मरीज भर्ती नही हो रहे हैं. जो पुराने भर्ती के मरीज हैं वो भी छुट्टी लेकर घर लौट रहे हैं. सिम्स मेडिकल कॉलेज 700 बिस्तर वाला जम्बो हॉस्पिटल है. यहां कई बीमारियों के इलाज के साथ ही एमर्जेन्सी और एक्सिडेंटल केस आते हैं. सिम्स के कई वार्ड तो ऐसे हैं जिसमे एक भी मरीज भर्ती नही (no patient in bilaspur cims) हैं, आईसीयू सहित मेडिकल वार्ड में एक दो मरीज को छोड़ पूरा वार्ड खाली पड़ा रहा. सिम्स मेडिकल कॉलेज में हड़ताल का खुमार खत्म ही नही हुआ है.
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नर्सों की हड़ताल जारी : सिम्स की नर्सिंग सिस्टर्स अपनी मांगों को लेकर अड़ गई हैं. उनकी हड़ताल अब तक खत्म नही हुई हैं. वे अनिश्चितकाल तक हड़ताल पर चली गई हैं. उनका कहना है कि जब तक सिम्स में स्टाफ की भर्ती नहीं हो जाती तब तक वो रोज 12 से 2 बजे तक हड़ताल करेंगी. बुधवार को सिम्स के 450 सहित जिले के 960 कर्मचारियों ने दोपहर 2 बजे नेहरू चौक से कलेक्टोरेट तक रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और वापस धरना स्थल आए.