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कर्ज से छुटकारा पाने सरपंच ने 28 लाख की चोरी की रची कहानी

बिलासपुर के जयरामनगर की महिला सरपंच ने कर्ज से छुटकारा पाने 28 लाख रुपये की चोरी की झूठी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई. पुलिस अब इनके खिलाफ कोर्ट में मामला दायर कर करवाई की तैयारी कर रही है.

Debt troubled woman sarpanch along with husband filed false complaint of theft of 28 lakhs in bilaspur
बिलासपुर पुलिस
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Published : Sep 9, 2021, 10:35 AM IST

Updated : Sep 9, 2021, 1:04 PM IST

बिलासपुर: जिले के जयराम नगर में हुई 28 लाख रुपये की चोरी के मामले का खुलासा हो गया है. जांच में चोरी की रिपोर्ट पूरी तरह फर्जी साबित हुई. खुद को चोरी की वारदात का शिकार बताने वाले अग्रवाल दंपत्ति ने परिवारिक कलह और कर्ज के बोझ से परेशान होकर चोरी की झूठी साजिश रची थी.

बिलासपुर पुलिस ने बरामद किए रुपये

बिलासपुर जयराम नगर में हुई 30 लाख की चोरी के मामले को सुलझाने में पुलिस को सफलता मिल गई है. 4 सितम्बर को जिले में इस खबर ने हड़कंप मचा दिया था. सभी पुलिस के काम को लेकर सवाल उठा रहे थे. लेकिन पुलिस ने भी अपने दामन में लग रहे दाग को धो दिया. बुधवार को हुए खुलासे ने चोरी के पीड़ित को ही चोर साबित कर दिया. अग्रवाल परिवार ने 30 लाख की चोरी की झूठी रिपोर्ट लिखाई थी. लेकिन उनकी साजिश चल नहीं सकी. पुलिस के अफसरों और जमीनी अमले ने 4 दिन के भीतर ही अथक मेहनत कर सफलता हासिल कर ली है.

दरअसल जयरामनगर में रहने वाले कमल अग्रवाल पेशे से व्यापारी है. उनकी पत्नी गिरिजा देवी जयरामनगर में सरपंच पद पर पदस्थ है. उन्होंने थाना मस्तुरी को टेलीफोन से सूचना दी कि 3 और 4 सितंबर की दरमियानी रात्रि इनके घर का दरवाजा तोड़ कर अज्ञात चोर ने आलमारी करीब 18 लाख कैश और 10 लाख की ज्वेलरी चोरी की ली. जिसकी सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा को दी गई. उन्होंने घटना की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए तत्काल अति पुलिस अधीक्षक रोहित कुमार झा और CSP चकरभांठा श्रृष्टि चन्द्राकर के मार्गदर्शन में चार विशेष एवं सायबर की अलग-अलग टीमों का गठन किया.

स्कूलों में मौत के साये में पढ़ रहे बच्चे! 50% स्टाफ को नहीं लगी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज

वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश पर टीम ने तुरंत जांच शुरू कर दी. आस-पास के 100 से अधिक संदिग्धों, आदतन बदमाशों, निगरानी बदमाशों और घर के सदस्यों और काम गारों के मोबाईल रिकॉर्ड चेक किये. मामले में 50 से अधिक CCTV फुटेज को खंगाला गया. लेकिन पुलिस को खास सुराग नहीं मिल पाया. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि घटना के दिन ही पीड़ित ने अपने रिश्तेदार को 19 लाख रुपये दिये थे. जिसकी तस्दीक करने के लिए प्रार्थी एवं उसकी पत्नी से पूछताछ शुरू की गयी.

शुरू में दोनों ने पुलिस को अलग-अलग कहानी बता कर गुमराह करने की कोशिश की. लेकिन बाद में दोनों ने रिश्तेदार को उधार चुकाने के लिए रुपये देने की बात कही. पीड़ित दंपती ने बताया कि रिश्तेदारों और व्यापार में लाखों की उधारी होने के कारण देनदारों से काफी परेशान थे. जिसकी वजह से उन्होंने ऐसी घटना को अंजाम दिया. फिलहाल पुलिस ने रुपये बरामद कर लिए हैं.

बिलासपुर: जिले के जयराम नगर में हुई 28 लाख रुपये की चोरी के मामले का खुलासा हो गया है. जांच में चोरी की रिपोर्ट पूरी तरह फर्जी साबित हुई. खुद को चोरी की वारदात का शिकार बताने वाले अग्रवाल दंपत्ति ने परिवारिक कलह और कर्ज के बोझ से परेशान होकर चोरी की झूठी साजिश रची थी.

बिलासपुर पुलिस ने बरामद किए रुपये

बिलासपुर जयराम नगर में हुई 30 लाख की चोरी के मामले को सुलझाने में पुलिस को सफलता मिल गई है. 4 सितम्बर को जिले में इस खबर ने हड़कंप मचा दिया था. सभी पुलिस के काम को लेकर सवाल उठा रहे थे. लेकिन पुलिस ने भी अपने दामन में लग रहे दाग को धो दिया. बुधवार को हुए खुलासे ने चोरी के पीड़ित को ही चोर साबित कर दिया. अग्रवाल परिवार ने 30 लाख की चोरी की झूठी रिपोर्ट लिखाई थी. लेकिन उनकी साजिश चल नहीं सकी. पुलिस के अफसरों और जमीनी अमले ने 4 दिन के भीतर ही अथक मेहनत कर सफलता हासिल कर ली है.

दरअसल जयरामनगर में रहने वाले कमल अग्रवाल पेशे से व्यापारी है. उनकी पत्नी गिरिजा देवी जयरामनगर में सरपंच पद पर पदस्थ है. उन्होंने थाना मस्तुरी को टेलीफोन से सूचना दी कि 3 और 4 सितंबर की दरमियानी रात्रि इनके घर का दरवाजा तोड़ कर अज्ञात चोर ने आलमारी करीब 18 लाख कैश और 10 लाख की ज्वेलरी चोरी की ली. जिसकी सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा को दी गई. उन्होंने घटना की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए तत्काल अति पुलिस अधीक्षक रोहित कुमार झा और CSP चकरभांठा श्रृष्टि चन्द्राकर के मार्गदर्शन में चार विशेष एवं सायबर की अलग-अलग टीमों का गठन किया.

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वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश पर टीम ने तुरंत जांच शुरू कर दी. आस-पास के 100 से अधिक संदिग्धों, आदतन बदमाशों, निगरानी बदमाशों और घर के सदस्यों और काम गारों के मोबाईल रिकॉर्ड चेक किये. मामले में 50 से अधिक CCTV फुटेज को खंगाला गया. लेकिन पुलिस को खास सुराग नहीं मिल पाया. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि घटना के दिन ही पीड़ित ने अपने रिश्तेदार को 19 लाख रुपये दिये थे. जिसकी तस्दीक करने के लिए प्रार्थी एवं उसकी पत्नी से पूछताछ शुरू की गयी.

शुरू में दोनों ने पुलिस को अलग-अलग कहानी बता कर गुमराह करने की कोशिश की. लेकिन बाद में दोनों ने रिश्तेदार को उधार चुकाने के लिए रुपये देने की बात कही. पीड़ित दंपती ने बताया कि रिश्तेदारों और व्यापार में लाखों की उधारी होने के कारण देनदारों से काफी परेशान थे. जिसकी वजह से उन्होंने ऐसी घटना को अंजाम दिया. फिलहाल पुलिस ने रुपये बरामद कर लिए हैं.

Last Updated : Sep 9, 2021, 1:04 PM IST
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