ETV Bharat / city

सावन के आखिरी सोमवार पर ज्वालेश्वर महादेव में श्रद्धालुओं का सैलाब - नर्मदा उदगम से जल लेकर ज्वालेश्वर महादेव के दर्शन

गौरेला पेंड्रा मरवाही के ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में सावन के आखिरी सोमवार पर भक्तों की भारी भीड़ पहुंची. नर्मदा से जल लेकर सैंकड़ों कांवरिए शिव का जलाभिषेक करने पहुंचे.

devotees in Jwaleswar Mahadev
ज्वालेश्वर महादेव
author img

By

Published : Aug 8, 2022, 2:24 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही: सावन के अंतिम सोमवार पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा में आस्था की धूम देखने को मिली. यहां ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में अमरकंटक से नर्मदा उदगम से जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.

सावन सोमवार पर नर्मदा उदगम से जल लेकर सैकड़ों कांवरिए पैदल चलकर ज्वालेश्वर महादेव पहुंचे. कांवरियों और भक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग पर नर्मदा के उदगम जल के साथ ही बेलपत्र, दूध, दही से शिव का जलाभिषेक कर मनचाही मुरादें मांगी. ब्रह्ममुहूर्त से ही जलाभिषेक करने का सिलसिला शुरू हो गया. बाबा की पूजा अर्चना कर कांवरिए खुद को धन्य महसूस करने लगे. इस दौरान पूरा माहौल शिवमय हो गया.

Sawan Somvar 2022 : प्रेमाशंकर महादेव की महिमा !

सावन पर भगवान भोलेनाथ की पूजा ऐसे करें

  • भगवान शंकर के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें.
  • दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें.
  • भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीप प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.
  • आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.
  • भगवान शिव को दूध और जल अर्पित करना बहुत अच्छा माना जाता है.
  • सावन के सोमवार को हो सके तो रुद्राभिषेक कराएं.
  • शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
  • ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें

गौरेला पेंड्रा मरवाही: सावन के अंतिम सोमवार पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा में आस्था की धूम देखने को मिली. यहां ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में अमरकंटक से नर्मदा उदगम से जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.

सावन सोमवार पर नर्मदा उदगम से जल लेकर सैकड़ों कांवरिए पैदल चलकर ज्वालेश्वर महादेव पहुंचे. कांवरियों और भक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग पर नर्मदा के उदगम जल के साथ ही बेलपत्र, दूध, दही से शिव का जलाभिषेक कर मनचाही मुरादें मांगी. ब्रह्ममुहूर्त से ही जलाभिषेक करने का सिलसिला शुरू हो गया. बाबा की पूजा अर्चना कर कांवरिए खुद को धन्य महसूस करने लगे. इस दौरान पूरा माहौल शिवमय हो गया.

Sawan Somvar 2022 : प्रेमाशंकर महादेव की महिमा !

सावन पर भगवान भोलेनाथ की पूजा ऐसे करें

  • भगवान शंकर के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें.
  • दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें.
  • भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीप प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.
  • आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.
  • भगवान शिव को दूध और जल अर्पित करना बहुत अच्छा माना जाता है.
  • सावन के सोमवार को हो सके तो रुद्राभिषेक कराएं.
  • शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
  • ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.