गौरेला पेंड्रा मरवाही : धार्मिक आस्था के केंद्र एवं मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक पहुंचने के सबसे छोटे एवं सुगम रास्ते 16 मील मार्ग एक बार फिर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों एवं ठेका कंपनी की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही (Road being built between Pendra to Amarkantak) है. दरअसल पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन से पकरिया पशु प्रजनन केंद्र होते हुए दुर्गाधारा, धर्म पानी मार्ग से अमरकंटक पहुंचने के इस सबसे छोटे मार्ग की सड़क पिछले चार-पांच वर्षो में जर्जर हो चुकी थी. जिसका विभागीय टेंडर वर्ष 2019 में ही ठेका कंपनी डीसी कंस्ट्रक्शन को मिला था.
कोरोना के कारण नहीं हुआ काम : कोरोना महामारी को वजह बताते हुए ठेका कंपनी एवं विभाग ने इस सड़क पर कोई भी काम नहीं किया, हालांकि इस दौरान यही ठेका कंपनी भाड़ी से बसंतपुर पहुंच मार्ग में पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दूसरी सड़क में काम कर रही थी. यही नहीं दूसरे फर्म जिन्हें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का टेंडर मिला था वह भी लगातार कार्यरत थे. जिले में सड़कें भी बना रहे थे, बावजूद ठेका कंपनी ने ये सड़क नहीं बनाई.
अब सड़क निर्माण में लापरवाही : सड़क को बनवाने में विभाग ने भी नहीं दिया . अब ठेका कंपनी ने मानसून आने के ठीक पहले अधिकारियों के दबाव में इस सड़क पर काम करना शुरू किया तो ऐसा काम कर रही है जिसे देखकर यही कहा जा सकता है कि ये सड़क दो महीने चल जाए तो बहुत है. 5 करोड़ से रिन्यूअल हो रही सड़क पर ठेका कंपनी डीसी कंस्ट्रक्शन पिछले कई दिनों से इस क्षेत्र में दोपहर बाद से हो रही लगातार बारिश के बाद भी सड़क निर्माण में लगी हुई है.
किसकी मिलीभगत से हो रहा घटिया काम : इस काम में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जिम्मेदार अधिकारियों की पूरी सहभागिता नजर आती (Corruption in Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) है. सड़क निर्माण के दौरान संबंधित साइट इंचार्ज को मौके पर होना चाहिए, सड़क निर्माण के लिए पहुंच रहे डामर के मिक्सर की टेंपरिंग करते हुए उसका तापमान निरीक्षण के बाद साफ की हुई सूखी सड़क पर इम्मलसन की एक परत बिछाने के बाद डामर बिछाकर रोलिंग की जानी चाहिए. इन सभी मापदंडों को दरकिनार करते हुए. ठेका कंपनी बरसात से गीली हो चुकी सड़क पर बिना एमल्शन बिछाए डामर बिछाकर रोलिंग कर रही है.
कीचड़ वाली रोड पर हो रहा निर्माण : इस दौरान सड़क पर वाहनों के कीचड़ के साथ-साथ बरसात का पानी भी साफ नजर आ रहा है.यही नहीं डामर की सड़क पर रोलिंग के वक्त उसका तापमान कम से कम 100 डिग्री सेल्सियस होना ही चाहिए. तब कहीं मिक्सचर सड़क पर अच्छे से पकड़ बनाते हुए चिपकता (construction on mud road) है.
मौके पर पकड़ी गई चोरी : मिक्सचर के ठंडा होना प्रतीत होने पर हमने जब ठेका कंपनी के कर्मचारी से थर्मामीटर मांगा तो उसने थर्मामीटर होने से इनकार कर दिया. बाद में उसके तापमान की जांच के लिए हमने मिक्सर हाथ में लिया तो पता चला बमुश्किल 30 से 40 डिग्री ही गर्म रहा होगा. क्योंकि यदि उसका तापमान 60 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होता तो वैसे ही हमारे हाथ की चमड़ी निकल जाती और फफोले पड़ जाते.. हालांकि ठेका कंपनी के कर्मचारी ने अपनी चोरी पकड़ी जाने पर मौके से भाग खड़े हुए.
अधिकारियों का क्या है कहना : अमरकंटक पहुंचने के सबसे छोटे मार्ग में बनने वाली सड़क पर हो रही इस लापरवाही की जानकारी जब हमने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता को दी. तब उन्होंने रात होने के बाद डामर बिछाने के काम को गलत बताते हुए कहा कि "'यदि गिरते पानी में काम किया गया है तो यह गलत है. साइट का परीक्षण कराते हुए काम को निरस्त भी किया जा सकता है.'' वहीं साइट पर विभाग के कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर किए गए सवाल के जवाब में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने कहा कि ''इसका भी परीक्षण करा लिया जाएगा यदि कर्मचारी मौजूद नहीं है तो वह निगरानी कैसे करता होगा. जांच के बाद कर्मचारी एवं ठेकेदार दोनों पर कार्रवाई की जाएगी.''
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सड़क के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार : गुणवत्तापूर्ण सड़क बनाने का दावा सरकारें लाख करती हो पर विभाग के अधिकारियों की उदासीनता एवं ठेकेदार कंपनी से उनकी सांठगांठ से होने वाले भ्रष्टाचार ने सड़कों की गुणवत्ता खराब कर रखी है. इसका दुष्परिणाम स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ इन सड़कों से आवाजाही करने वाले लोगों को उठाना पड़ता है. ऐसे में सरकार अब इन ठेकेदारों और अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करेगी ये देखने वाली बात होगी.