बिलासपुर: दोषमुक्त होने के बाद भी सेवा से बर्खास्त एएसआई को बहाल नहीं करने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीजीपी अशोक जुनेजा को नोटिस जारी किया. जस्टिस पी सेम कोशी की कोर्ट ने डीजीपी को सीधे तौर पर नोटिस भेजा. साथ ही जवाब जल्द पेश करने को कहा है. (Chhattisgarh High Court notice to DGP Ashok Juneja)
ये है पूरा मामला: बीजापुर जिले के भैरमगढ़ का रहने वाला आनंद जाटव सुकमा में ASI के पद पर पदस्थ था. स दौरान जाटव के खिलाफ पुलिस थाना सुकमा में अपराध पंजीबद्ध हुआ. क्रिमिनल ट्रायल के दौरान आईजी बस्तर ने जाटव को सेवा से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 13 अप्रैल 2021 को एएसआई जाटव को पूरी तरह से दोषमुक्त करार दिया. जिसके बाद जाटव ने सेवा बहाली की अपील की. जिसे डीजीपी ने खारिज कर दिया. (Notice to DGP of Chhattisgarh on contempt petition)
नक्सल विरोधी अभियान के दौरान ग्रामीणों के मारे जाने की जांच की मांग वाली याचिका खारिज
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हुई सेवा बहाली: सेवा बहाली की याचिका खारिज होने पर ASI जाटव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 4 जनवरी 2022 को DGP को 60 दिनों के अंदर याचिकाकर्ता का पुनर्विलोकन आवेदन निराकरण करने को कहा. डीजीपी ने समय सीमा के अंदर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. जिसके बाद आनंद जाटव ने अपने वकील अभिषेक पांडेय और लक्ष्मण कश्यप के जरिए हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. जिस पर जस्टिस पी सेम कोशी ने सुनवाई की. कोर्ट ने मामले में गंभीर नाराजगी जाहिर करते हुए डीजीपी को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द जवाब पेश करने को कहा है.
हाईकोर्ट में बताया गया कि पुलिस रेगुलेशन 1861 के पैरा 241 में प्रावधान है कि शासकीय सेवक के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले में यदि वह पूरी तरह से दोषमुक्त हो जाता है तो वह फिर से सेवा में बहाली का पात्र है.