बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग की 27 सप्ताह की प्रेगनेंसी को खत्म कर गर्भपात की अनुमति दी थी. नाबालिग की प्रेगनेंसी टर्मिनेट करने हाईकोर्ट ने सिम्स मेडिकल कॉलेज की विशेषज्ञ चिकित्सकों को सावधानीपूर्वक पूरी प्रक्रिया करने का निर्देश भी जारी किया था. जिसके बाद नाबालिग रेप पीड़िता का गर्भपात (Chhattisgarh High Court allows minor to abortion ) करया गया.
SI की गवाही नहीं होने पर युवक चार साल से जेल में बंद, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी !
रिश्तेदार ने नाबालिग के साथ किया था दुष्कर्म: 14 साल की नाबालिग लड़की को उसके एक रिश्तेदार ने गर्भवती कर दिया था. लड़की के गर्भवती होने की जानकारी लगने के बाद परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. इस केस में पुलिस ने दो लोगों आरोपी बनाया था.
मां ने हाईकोर्ट से गर्भपात की मांगी अनुमति: नाबालिग की मां ने हाईकोर्ट में गर्भावस्था को खत्म करने की अनुमति मांगी थी. इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पहले सिम्स मेडिकल कॉलेज को लड़की का मेडिकल जांच कर गर्भपात करने लायक होने की जानकारी के लिए चेकअप करने के निर्देश दिए थे.
नाबालिग को सिम्स अस्पताल में कराया गया भर्ती: नाबालिग रेप पीड़िता का सकुशल गर्भपात कराया गया है. गर्भपात की पूरी प्रक्रिया बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों के माध्यम से पूरी की गई है. इस केस में मुख्य आरोपी ने जमानत की अर्जी निचली अदालत में दाखिल की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. पीड़िता की तरफ से अधिवक्ता मलय श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में पैरवी की थी.