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RPF की मुस्तैदी से बची दो महिलाओं की जिंदगी, नहीं तो...

बिलासपुर आरपीएफ टीम की मुस्तैदी से ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने में सफलता हासिल हुई(human trafficking in chhattisgarh) है. तस्करों के चंगुल से दो महिलाओं को छुड़ाया गया है.

Bilaspur RPF team stopped human trafficking
RPF की मुस्तैदी से बची दो महिलाओं की जिंदगी
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Published : Jun 29, 2022, 6:01 PM IST

बिलासपुर : SECR आरपीएफ की टीम दुर्ग अजमेर एक्सप्रेस में बुधवार को गश्त कर रही थी. टीम के सदस्यों ने 2 पुरुषों के साथ 2 महिलाओं को देखा. टीम को महिलाए घबराई हुई लगी. टीम को शक हुआ कि महिलाओं को जबरदस्ती कही ले जाया जा रहा है. शक पर आरपीएफ टीम ने महिलाओं से पूछताछ की. पूछताछ में महिलाओं ने कहा कि ''उन्हें नही मालूम कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है. इस बात पर टीम ने चारों यात्रियों को अनूपपुर स्टेशन पर उतार दिया. स्टेशन में पूछताछ पर आरपीएफ को ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शक हो गया. आरपीएफ पोस्ट अनूपपुर ले जाकर सभी से सम्पूर्ण जानकारी ली गई. और महिलाओं को ले जा रहे व्यक्तियों को पकड़ा (Bilaspur RPF team caught two human smugglers) गया.

कैसे हुई कार्रवाई : बुधवार को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अनूपपुर आरपीएफ की टीम ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में बड़ी कार्यवाही की (human trafficking in chhattisgarh) है. आरपीएफ की टीम ने तस्करों के चंगुल से दो महिलाओं को सकुशल छुड़ा लिया है. आरपीएफ के सीनियर डीएससी ऋषि शुक्ला से मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग अजमेर एक्सप्रेस में टीम गश्त कर रही थी. तभी दो पुरुषों के साथ दो महिलाएं बैठी थी. उन्हें देखकर पुरुष घबराने लगे और महिलाओ के चेहरे देखकर लग रहा था कि उन्हें जबरदस्ती ले जाया जा रहा हो. आरपीएफ की टीम ने चारों को अनूपपुर स्टेशन में उतार (human trafficking with the help of rail ) लिया. अनूपपुर आरपीएफ पोस्ट में महिलाओं की काउंसलिंग की गई. काउंसलिंग के दैरान महिलाओं ने बताया कि '' वो रायगढ़ और जशपुर इलाके की रहने वाली हैं. और उन्हें कहीं ले जाया जा रहा है. उन्हें मालूम भी नही है कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है. वो अपने घर वापस जाना चाहती है. महिलाओं के बयान के आधार पर आरपीएफ ने रायगढ़ और जशपुर पुलिस से महिलाओं की जानकारी ली और पूरे मामले के बारे में बताया है.

कहां जा रहे थे सभी : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे आरपीएफ (Bilaspur RPF team ) के सीनियर डीएससी ऋषि शुक्ला ने बताया कि '' महिलाओं के साथ सफर कर रहे दोनों पुरुषों से पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि वे दोनों महिलाओं को जयपुर राजस्थान ले जा रहे थे. वहां वे उनका सौदा 20 हजार रुपए में कर देते. पकड़े गए दोनों आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है.महिलाओं को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. पकड़े गए आरोपी में पत्थलगांव जशपुर का रहने वाला हीरालाल चौहान और धरमजयगढ़ रायगढ़ का रहने वाला हीरालाल तिग्गा है. पकड़े गए दोनों आरोपियों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज कर लिया गया है.''

जशपुर से हो रही है लंबे समय से मानव तस्करी : पिछले कुछ सालों से जशपुर और पत्थलगांव की महिलाओं और लड़कियों को बड़े शहरों में अच्छी नौकरी दिलाने का लालच देकर उनकी तस्करी की जा रही है. इस मामले में लड़कियों के परिवार वालों को लालच दिया जाता है कि उनके घर की महिलाएं यदि बड़े शहरों में जाकर काम करेंगी तो उन्हें अच्छे पैसे मिलेंगे. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी और महिलाओं की जिंदगी भी बन जाएगी. उनकी लालच में आकर जशपुर पत्थलगांव की कई महिलाएं मेट्रो सिटी में बंधक बना ली गई हैं और उन से काम लिया जाता है.उन्हें पैसे भी नहीं दिए जाते. लगातार ट्रेन के माध्यम से ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकायत आरपीएफ बिलासपुर को मिलती रही है. जिस पर ज़ोन स्तर पर ऑपरेशन आहट चलाया जा रहा है. इसी के तहत ट्रेनों में गश्ती के दौरान महिला पुरुषों पर शक होने पर उनसे जानकारी ली जाती है और ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकने की कोशिश की जाती है.

बिलासपुर : SECR आरपीएफ की टीम दुर्ग अजमेर एक्सप्रेस में बुधवार को गश्त कर रही थी. टीम के सदस्यों ने 2 पुरुषों के साथ 2 महिलाओं को देखा. टीम को महिलाए घबराई हुई लगी. टीम को शक हुआ कि महिलाओं को जबरदस्ती कही ले जाया जा रहा है. शक पर आरपीएफ टीम ने महिलाओं से पूछताछ की. पूछताछ में महिलाओं ने कहा कि ''उन्हें नही मालूम कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है. इस बात पर टीम ने चारों यात्रियों को अनूपपुर स्टेशन पर उतार दिया. स्टेशन में पूछताछ पर आरपीएफ को ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शक हो गया. आरपीएफ पोस्ट अनूपपुर ले जाकर सभी से सम्पूर्ण जानकारी ली गई. और महिलाओं को ले जा रहे व्यक्तियों को पकड़ा (Bilaspur RPF team caught two human smugglers) गया.

कैसे हुई कार्रवाई : बुधवार को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अनूपपुर आरपीएफ की टीम ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में बड़ी कार्यवाही की (human trafficking in chhattisgarh) है. आरपीएफ की टीम ने तस्करों के चंगुल से दो महिलाओं को सकुशल छुड़ा लिया है. आरपीएफ के सीनियर डीएससी ऋषि शुक्ला से मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग अजमेर एक्सप्रेस में टीम गश्त कर रही थी. तभी दो पुरुषों के साथ दो महिलाएं बैठी थी. उन्हें देखकर पुरुष घबराने लगे और महिलाओ के चेहरे देखकर लग रहा था कि उन्हें जबरदस्ती ले जाया जा रहा हो. आरपीएफ की टीम ने चारों को अनूपपुर स्टेशन में उतार (human trafficking with the help of rail ) लिया. अनूपपुर आरपीएफ पोस्ट में महिलाओं की काउंसलिंग की गई. काउंसलिंग के दैरान महिलाओं ने बताया कि '' वो रायगढ़ और जशपुर इलाके की रहने वाली हैं. और उन्हें कहीं ले जाया जा रहा है. उन्हें मालूम भी नही है कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है. वो अपने घर वापस जाना चाहती है. महिलाओं के बयान के आधार पर आरपीएफ ने रायगढ़ और जशपुर पुलिस से महिलाओं की जानकारी ली और पूरे मामले के बारे में बताया है.

कहां जा रहे थे सभी : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे आरपीएफ (Bilaspur RPF team ) के सीनियर डीएससी ऋषि शुक्ला ने बताया कि '' महिलाओं के साथ सफर कर रहे दोनों पुरुषों से पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि वे दोनों महिलाओं को जयपुर राजस्थान ले जा रहे थे. वहां वे उनका सौदा 20 हजार रुपए में कर देते. पकड़े गए दोनों आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है.महिलाओं को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. पकड़े गए आरोपी में पत्थलगांव जशपुर का रहने वाला हीरालाल चौहान और धरमजयगढ़ रायगढ़ का रहने वाला हीरालाल तिग्गा है. पकड़े गए दोनों आरोपियों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज कर लिया गया है.''

जशपुर से हो रही है लंबे समय से मानव तस्करी : पिछले कुछ सालों से जशपुर और पत्थलगांव की महिलाओं और लड़कियों को बड़े शहरों में अच्छी नौकरी दिलाने का लालच देकर उनकी तस्करी की जा रही है. इस मामले में लड़कियों के परिवार वालों को लालच दिया जाता है कि उनके घर की महिलाएं यदि बड़े शहरों में जाकर काम करेंगी तो उन्हें अच्छे पैसे मिलेंगे. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी और महिलाओं की जिंदगी भी बन जाएगी. उनकी लालच में आकर जशपुर पत्थलगांव की कई महिलाएं मेट्रो सिटी में बंधक बना ली गई हैं और उन से काम लिया जाता है.उन्हें पैसे भी नहीं दिए जाते. लगातार ट्रेन के माध्यम से ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकायत आरपीएफ बिलासपुर को मिलती रही है. जिस पर ज़ोन स्तर पर ऑपरेशन आहट चलाया जा रहा है. इसी के तहत ट्रेनों में गश्ती के दौरान महिला पुरुषों पर शक होने पर उनसे जानकारी ली जाती है और ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकने की कोशिश की जाती है.

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