बिलासपुर: निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में युवती से गैंगरेप के मामले में एक मोड़ आया है. शनिवार को मजिस्ट्रेट और सिविल लाइन पुलिस संदेहियों की शिनाख्त के लिए अस्पताल पहुंची थी. जिसके बाद आरोपियों की पहचान किए जाने की बात सामने आ रही थी. अब पीड़िता के परिजन ने इस बात से साफ इंकार कर दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पीड़िता का बयान दर्ज नहीं किए जाने की बात कही है.
पीड़िता को अस्पताल से डिस्चार्ज कराने के बाद परिजन उसे लेकर रवाना हो गए हैं. बता दें कि सिविल लाइन थाना प्रभारी शनिवार को मजिस्ट्रेट के साथ बयान दर्ज करने गए थे. इस मामले में अब लीपापोती की संभावना जताई जा रही है.
बिलासपुर गैंगरेप केस: पीड़िता ने आरोपियों को पहचाना, मजिस्ट्रियल बयान दर्ज
दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया था.जहां अस्पताल के 3 संदेही वार्डब्वॉय को पुलिस पहचान के लिए पीड़िता के पास लेकर आई थी. इस दौरान मजिस्ट्रेट ने डॉक्टरों से बात कर पीड़िता का बयान दर्ज किया था, लेकिन अब पीड़िता के परिजन इस बात से साफ इंकार कर रहे हैं.
ये था पूरा मामला
21-22 मई की रात एक निजी अस्पताल में युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया था. आरोप में 2 वार्ड ब्वॉय हिरासत में लिए गए थे. युवती ने इस बात की जानकारी नोट में लिखकर दी थी. इसके बाद पीड़िता के पिता ने इसकी शिकायत सिविल लाइन पुलिस से की थी. युवती के पिता की शिकायत के बाद सिविल लाइन पुलिस लगातार अस्पताल में मौजूद रहकर पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही थी. वारदात के बाद से पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई थी.