बिलासपुरः छत्तीसगढ़ नगरीय निकायों में उपचुनाव की घोषणा होते ही वार्डो की समस्या से दो चार होते नागरिकों को उम्मीद जाग रही है कि उनके वार्ड को पार्षद मिलने पर समस्या का समाधान हो जाएगा.
प्रदेश में नगरी निकाय चुनाव के बाद जनप्रतिनिधियों के आकस्मिक निधन होने के बाद बाद से वार्ड में पार्षद नहीं होने से हो रही समस्याओं को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने अब प्रदेश के नगरीय निकायों में चुनाव कराने की घोषणा कर दी है.
नेताओं के चेहरे पर लौटी रौनक
ऐसे में वार्डों में जहां उम्मीदवार चुनाव लड़ने और टिकट पानी को लेकर सक्रिय हो गए हैं वहीं चुनाव होने के बाद वार्ड वासियों को भी अब वार्डों की समस्याओं से निजात मिलने की उम्मीदें जग गई है. बिलासपुर नगर निगम (Bilaspur Municipal Corporation) में मात्र 1 वार्ड में चुनाव होना है. बिलासपुर के तारबाहर वार्ड नंबर 29 संजय गांधी नगर में मतदान के बाद यहां के पार्षद शेख गफ्फार की मौत हो गई थी और तब से लेकर आज तक यह वार्ड पार्षद विहीन हो गया है. मतदान के बाद और काउंटिंग के पहले ही शेख गफ्फार की आकस्मिक निधन हो गई थी.
कोरोना काल होने की वजह से अब तक चुनाव नहीं हो पाया था, लेकिन अब चुनाव होने की घोषणा के बाद वार्डों में नेताओं की रौनक नजर आने लगी है. उम्मीदवारी के लिए नेता वार्ड वासियों से संपर्क करना भी शुरू कर दिए हैं, और बड़े नेताओं के बंगले के चक्कर भी काटने लगे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने वार्ड नंबर 29 संजय गांधी नगर जाकर जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की. पार्षदविहीन होने से वार्ड में किस तरह की समस्या सामने आ रही है और वार्ड वासी इससे कैसे दो-चार हो रहे हैं.
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समस्याओं के जूझ रहा है वार्ड
आम नागरिकों से ईटीवी भारत ने जब बात की तो उन्होंने पार्षद विहीन वार्ड होने की वजह से कई तरह की समस्याएं बताई. जैसे रोड, नाली, पानी, स्ट्रीट लाइट के साथ ही राशन कार्ड और कई छोटी-छोटी समस्याओं के बारे में लोगों ने बताया. यह काम पहले पार्षद होने की वजह से आसानी से हो जाता था लेकिन अब यही काम उनके लिए पहाड़ साबित हो रहा है और समस्याओं के बीच उन्हें रहने मजबूर होना पड़ रहा है. हालांकि इस वार्ड में कई पूर्व पार्षद हैं जो बीच-बीच में आकर जनता से जुड़ी समस्याओं को दूर तो करते हैं लेकिन चुने हुए प्रतिनिधि के नहीं होने पर उन्हें भी शासकीय कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं और काम नहीं हो पाता है.
परिणाम आने से पहले हो गया था उम्मीदवार का निधन
वार्ड नंबर 29 वैसे तो कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और यहां अब तक कांग्रेस के ही पार्षद रहे हैं. सन 1999 से 2004 तक शेख गफ्फार पार्षद रहे. इसके बाद 2004 से 2009 तक फिर शेख गफ्फार ही पार्षद रहे. 2009 से 2014 तक दिनेश ध्रुव पार्षद रहे. 2014 से 2019 तक रेडू स्टैंड फॉर कार्टन पार्षद रहे. 2019 में हुए चुनाव में कांग्रेस की सीट से शेख गफ्फार ने चुनाव लड़ा था, लेकिन परिणाम आने से पहले ही उनकी आकस्मिक निधन हो गई और परिणाम आने के बाद शेख गफ्फार ने 2000 से भी ज्यादा वोटों से लीड की थी.
एक नजर में
संजय गांधी तारबाहर वार्ड नंबर 29
- मतदाता-7107
- पुरुष मतदाता-3538
- महिला मतदाता-3567
- पिछले चुनाव मतदान-70 फीसदी
- कांग्रेस को मिला था-3061 मत
- भाजपा को मिला था- 657 मत