बिलासपुर: शहर में पहले कोरोना काल से लेकर अब तक सिटी बस सेवा शुरू नहीं (Municipal Corporation failed to start city bus) हो सकी है. बिलासपुर नगर निगम के बार बार टेंडर जारी करने के बावजूद कोई ठेकेदार सिटी बस संचालन के लिए दिलचस्पी नहीं ले रहा है. सिटी बस का रोड टैक्स माफ होने के बाद भी बस संचालन करने वाली कंपनियां टेंडर नहीं भर रहे हैं. निगम प्रशासन ने दो बार टेंडर भी जारी किया है. अब 10 सितंबर को तीसरा टेंडर निकाला जाएगा. इधर लोग निजी बसों का उपयोग कर रहे हैं, जो काफी खर्चीला है. जिससे लोगों की जेब भी ढीली होने लगी है.
सिटी बस संचालन शुरू करने की उठी मांग: रूरल व अर्बन डेवलपमेंट के तहत शहर में सिटी बस सेवा शुरू की गई थी. बस सेवा शुरू करने के पीछे का उद्देश्य था कि सस्ती यातायात व्यवस्था की जाए. जिसका लाभ शहरी लोगों के साथ ही ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी मिल सके. इस योजना के तहत शहर में लगभग 50 सिटी बस चल रही थी. लेकिन अब इसका फायदा शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को नहीं मिल रहा है. सिटी बस में 40 नॉन एसी और 10 एसी बसें शामिल थी. लेकिन कोरोना संक्रमण फैलने के कारण इसका परिचालन बंद कर दिया गया था. कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद अब इसका संचालन शुरू करने की मांग उठने लगी है.
दो बार टेंडर जारी, ठेकेदार नहीं ले रहे दिलचस्पी: बिलासपुर नगर निगम (Bilaspur Municipal Corporation) ने लोगों को सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासन इसके लिए पिछले 1 साल से तैयारी कर रहा था. लेकिन अब तक शुरू नहीं हो पाया है. निगम प्रशासन ने दो बार इसके लिए टेंडर भी जारी किया है. पहला 10 अगस्त को निकालने की घोषणा की,लेकिन किसी भी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. बाद में टेंडर की अवधि 17 अगस्त निर्धारित की गई.
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तीसरी बार टेंडर जारी करेगा निगम: इसके साथ ही मुख्यमंत्री से अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक कुल 24 महीने का रोड टैक्स माफ करने का प्रस्ताव भेजा था, जो पास हो गया है. इसके बाद भी कंपनियां टेंडर नहीं भर रहीं है. निगम प्रशासन ने फिर तीसरी बार टेंडर जारी करने की बात कही है. इसे 10 सितंबर को निकाला जाएगा.
आम नागरिकों को हो रही परेशानी: सिटी बस संचालन का मुख्य उद्देश्य सस्ता और सुलभ यातायात देना है. जिसका फायदा ग्रामीण इलाकों से शहरी क्षेत्र में रोजगार या नौकरी के लिए आने वाले ग्रामीणों को सीधे मिलेगा. पिछले 3 सालों से सिटी बस सेवा बंद होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा अधिक पैसे देकर निजी बस या ऑटो में यात्रा करने को लोग मजबूर हैं. निजी बसों में यात्रा करने के दौरान यात्रियों को शहर के आसपास के इलाकों में जाने में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. आम लोग भी अब यह चाहते हैं कि किसी भी तरह सिटी बस दोबारा शुरू हो जाए.
इन क्षेत्रों में सिटी बस का होता था संचालन: कोरोना काल के पहले सिटी बस संचालन की जिम्मेदारी निगम प्रशासन ने बिलासपुर जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी को सौंपी थी. इसके द्वारा एसी और नॉन एसी को मिलाकर 50 बसों का संचालन किया जा रहा था. इन बसों का संचालन शहर के अलग अलग 35 किलोमीटर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा था. इनमें सीपत, लूथरा, मल्हार, रतनपुर, सेंदरी, तखतपुर, कोटा, चकरभाटा, बिल्हा और हैरीमाइंस क्षेत्र में किया जा रहा था. इन बसों में रोजाना हजारों लोग सफर करते थे. लेकिन सिटी बस संचालन बंद होने के बाद लोगों को अब निजी बसों में सफर करना पड़ रहा है. इससे सबसे बड़ी परेशानी यह है कि समय पर निजी बस उन्हें नहीं मिलती. बसों के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है.