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लखनऊ से 14 दिनों तक पैदल चल कर बिलासपुर पहुंचे मजदूर, प्रशासन ने नहीं ली सुध

लखनऊ से 14 दिनों की पदयात्रा कर मजदूर बिलासपुर पहुंचे जहां घंटों इंतजार के बाद भी प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा. काफी समय इंतजार के बाद भी जब कोई नहीं पहुंचा तो मजदूर भूखे-प्यासे पैदल ही मुंगेली निकल गए.

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Published : May 4, 2020, 1:18 PM IST

administration didn't take care of the labourers who reached Bilaspur on foot from Lucknow
14 दिनों की पदयात्रा कर बिलासपुर पहुंचे मजदूर

बिलासपुर: अभी भी प्रदेश में बाहर से पैदल चलकर आनेवाले मजदूरों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. मजदूरों का एक जत्था जब बिलासपुर पहुंचा तो देखने वाले देखते ही रह गए. लखनऊ से बिलासपुर की 14 दिन की पदयात्रा के बाद ये मजदूर जब बिलासपुर पहुंचे तो काफी थके हुए नजर आए लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई भी कर्मचारी इन तक नहीं पहुंचा और ये मजदूर दोबारा फिर से पैदल ही मुंगेली जिले की ओर निकल गए.

पदयात्रा कर मजदूरों की प्रशासन ने नहीं ली सुध

ये तमाम मजदूर शहर के मंगला चौकी के पास इक्कठा दिखे. इनकी चाहत थी कि प्रशासनिक अमला इनकी तात्कालिक मदद करें लेकिन घंटों बीतने के बाद भी इन्हें प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली. इनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे जो भूख-प्यास से परेशान नजर आ रहे थे. मजदूरों ने बताया कि वो लखनऊ में मजदूरी का काम कर रहे थे और इस बीच काम छूटने के कारण उन्होंने घर जाने का निर्णय लिया. इन मजदूरों तक प्रशासनिक अमले का ना पहुंचना प्रशासनिक स्तर पर एक बड़ी लापरवाही के रूप में देखी जा रही है.

administration didn't take care of the labourers who reached Bilaspur on foot from Lucknow
14 दिनों की पदयात्रा कर पहुंचे मजदूर

पढ़ें- मुंगेली: आधी-तूफान, ओलावृष्टि से रबी की फसल को नुकसान

बिलासपुर: अभी भी प्रदेश में बाहर से पैदल चलकर आनेवाले मजदूरों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. मजदूरों का एक जत्था जब बिलासपुर पहुंचा तो देखने वाले देखते ही रह गए. लखनऊ से बिलासपुर की 14 दिन की पदयात्रा के बाद ये मजदूर जब बिलासपुर पहुंचे तो काफी थके हुए नजर आए लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई भी कर्मचारी इन तक नहीं पहुंचा और ये मजदूर दोबारा फिर से पैदल ही मुंगेली जिले की ओर निकल गए.

पदयात्रा कर मजदूरों की प्रशासन ने नहीं ली सुध

ये तमाम मजदूर शहर के मंगला चौकी के पास इक्कठा दिखे. इनकी चाहत थी कि प्रशासनिक अमला इनकी तात्कालिक मदद करें लेकिन घंटों बीतने के बाद भी इन्हें प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली. इनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे जो भूख-प्यास से परेशान नजर आ रहे थे. मजदूरों ने बताया कि वो लखनऊ में मजदूरी का काम कर रहे थे और इस बीच काम छूटने के कारण उन्होंने घर जाने का निर्णय लिया. इन मजदूरों तक प्रशासनिक अमले का ना पहुंचना प्रशासनिक स्तर पर एक बड़ी लापरवाही के रूप में देखी जा रही है.

administration didn't take care of the labourers who reached Bilaspur on foot from Lucknow
14 दिनों की पदयात्रा कर पहुंचे मजदूर

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