बिलासपुर: हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आईपीएस अधिकारी पवन देव को बड़ी राहत देते हुए मानवाधिकार आयोग के बाद अब उनके खिलाफ महिला आयोग की कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
बता दें कि 2016 में महिला आरक्षक ने IPS अधिकारी पवन देव पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, तब पवन देव बिलासपुर रेंज के आईजी थे. पीड़ित महिला कॉन्स्टेबल के साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटना की शिकायत की जांच सीनियर महिला आईएएस अधिकारी रेणु पिल्लई की अध्यक्षता में गठित विशाखा कमेटी ने की थी. इस कमेटी में तीन महिला आईपीएस अधिकारी शामिल थीं. जांच के लिए गठित विशाखा कमेटी ने पीड़ित लेडी कॉन्स्टेबल के आरोपों को सही पाया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने 27 फरवरी 2018 को आईजी पवन देव के खिलाफ 45 दिनों के अंदर वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन आईपीएस लॉबी के दबाव में राज्य की बीजेपी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.
महिला आरक्षक ने महिला आयोग में दर्ज कराई थी शिकायत
इधर संभावित कार्रवाई से बचने के लिए पवन देव ने कैट की शरण ली थी, जहां उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामले में फिलहाल स्टे ले लिया है. पवन देव के खिलाफ राज्य शासन की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होने पर वर्तमान में मुंगेली जिले में पदस्थ महिला आरक्षक ने उनके खिलाफ महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके खिलाफ पवन देव ने अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच ने की सुनवाई
याचिका पर सुनवाई के दौरान पवन देव के वकील की ओर से कोर्ट में बताया गया कि मामला एक साल से ज्यादा पुराना है, इसलिए महिला आयोग जांच नहीं कर सकता. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पहले मानवाधिकार आयोग में भी इस मामले की शिकायत की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने पहले से ही रोक लगाकर रखी है. याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और महिला आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही महिला आयोग की कार्रवाई पर आगामी सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. इस पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच ने की है.