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छत्तीसगढ़ में साक्षरता की दर चिंताजनक, साक्षर भारत कार्यक्रम है बंद - साक्षर भारत कार्यक्रम है बंद

छत्तीसगढ़ में साक्षरता का स्तर काफी चिंताजनक है.कहने के लिए तो देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है.लेकिन छत्तीसगढ़ की आधी आबादी आज भी निरक्षर है. ईटीवी भारत ने इस बारे में पड़ताल की तो पता चला कि गांवों में आज भी कई लोग बुनियादी शिक्षा से महरुम हैं.sarguja news

छत्तीसगढ़ में साक्षरता की दर चिंताजनक
छत्तीसगढ़ में साक्षरता की दर चिंताजनक
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Published : Sep 8, 2022, 3:47 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 5:21 PM IST

सरगुजा : देश और प्रदेश में साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है. इधर देश को आजाद हुए 75 वर्ष हुये तो हमने आजादी का अमृत महोत्सव भी मना (Worrying literacy rate in Chhattisgarh ) लिया. लेकिन छत्तीसगढ़ की लगभग आधी आबादी आज भी निरक्षर है. मतलब इतने लोगों को अक्षर का ज्ञान नही है. ऐसे लोग आज भी अपना नाम हिंदी में नही लिख पाते हैं. वसीयत, बैंक या जमीन संबंधी दस्तावेज में अंगूठा लगाकर काम चलाते(Chhattisgarh Saakshar Bharat program is closed ) हैं.

छत्तीसगढ़ में साक्षरता की दर चिंताजनक, साक्षर भारत कार्यक्रम है बंद
अब पढ़ने का समय गया : ETV भारत ने सरगुजा जिले में पड़ताल की तो ऐसे लोग मिले जिन्हें अपना नाम तक लिखना नही आता . खुद के शौचालय में लिखा स्वच्छ भारत मिशन भी ये लोग नहीं पढ़ सकते हैं. सबसे पहले हमने एक महिला सोनकेरिया से बात की सोनकेरिया कहती हैं " ना वो पढ़ी हैं ना ही लिख सकती हैं. कभी कोई पढ़ाने भी नही आया. ननद लोग पढ़ाती थी. लेकिन पढ़ना नही आया. अब पढ़ने का समय गया अब क्या पढूंगी " शौचालय का स्लोगन भी नहीं पढ़ सकते : एक अन्य ग्रामीण समन साय कहते हैं " पढ़े लिखे नही हैं, शौचालय में लिखा स्वच्छ भारत मिशन भी वो नहीं पढ़ सके. कभी कोई पढ़ाने भी नहीं आया. गरीबी के कारण नहीं पढ़ पाये. आज भी पढ़ सकता हूं अगर कोई पढ़ाने आये" सरगुजा की 40 प्रतिशत आबादी निरक्षर : गांव की पड़ताल के बाद हम जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण पहुंचे और जिले में साक्षरता का प्रतिशत जाना आंकड़े निराशाजनक थे. सरगुजा जिले में साक्षरता दर 60.68 % ही है. मतलब करीब 40% लोग जिले में अक्षर तक नही पहचान सकते. ये हम नही कह रहे हैं बल्कि ये सरकारी आंकड़े ही कह रहे हैं. प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति : इसके बाद हमने प्रदेश के अन्य जिलों के आंकड़े निकाले तो पता चला की प्रदेश के कुल 18 जिलों में ही साक्षर भारत कार्यक्रम चल रहा था. इन 18 जिलों में स्थित और बदतर है. बस्तर संभाग के बीजापुर में साक्षरता का प्रतिशत 40.86 है वही दंतेवाड़ा में 42.12, नारायणपुर में 48.62, बस्तर में 54.40, इसी तरह 18 जिलों में यह प्रतिशत थोड़ा थोड़ा बढ़ता हुआ मिलता है. लेकिन इन 18 जिलों में जहां साक्षर भारत कार्यक्रम चलाए गए उनमें सबसे अधिक साक्षरता दर दुर्ग जिले की है जहां 79.06% साक्षरता दर है. वहीं धमतरी में 78.36 राजनांदगांव में 75.96 और प्रदेश की राजधानी रायपुर जिले में साक्षरता का प्रतिशत 75.56% है. साक्षरता के लिये कई कार्यक्रम : इस विषय पर साक्षरता मिशन प्राधिकरण के परियोजना अधिकारी गिरीश गुप्ता कहते हैं " साक्षर भारत कार्यक्रम 2009 में पूरे देश मे शुरू किया गया. इसके पहले उत्तर साक्षरता, पढ़ना लिखना अभियान, सतत शिक्षा इस तरह के कई कार्यक्रम आते रहे. लेकिन बड़ा कार्यक्रम साक्षर भारत कार्यक्रम था जो 2009 से 2012 तक पूरे भारत वर्ष में संचालित हुआ. जिसमे महिलाओं की साक्षरता दर को बढ़ाने का प्रयास किया गया. इसमें टारगेट रखा गया था की 6 करोड़ महिला और 1 करोड़ पुरुषों को साक्षर बनाना है"नई शिक्षा नीति में हैं प्रावधान : गिरीश गुप्ता बताते हैं " पूरे छत्तीसगढ़ में भी यह कार्यक्रम जोर शोर से चलाया गया. लेकिन 2018 से साक्षरता की गतिविधियां बिल्कुल बंद हैं. क्योंकी यह सेंट्रल गवर्मेंट के माध्यम से ही संचालित थे इसलिए छत्तीसगढ़ में भी साक्षरता की गतिविधियां पूरी तरह से संचालित नही हैं. नई शिक्षा नीति जो लागू किया जाना है उसमें प्रौढ़ शिक्षा का भी एक प्वाइंट रखा गया है. जिससे भविष्य में नवभारत शिक्षा कार्यक्रम संचालित किया जाना है. वर्तमान में सरगुजा जिले में साक्षरता दर 60.86% है, जिसमे पुरुषों की साक्षरता दर 69% और महिलाओं की साक्षरता दर 51% है. पूरे भारत मे जो सबसे कम साक्षरता वाले जिले हैं उनमें सरगुजा जिले भी आता है. जिसमे महिलाओं की साक्षरता दर महिलाओं की साक्षरता दर से कम (sarguja news) है"

सरगुजा : देश और प्रदेश में साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है. इधर देश को आजाद हुए 75 वर्ष हुये तो हमने आजादी का अमृत महोत्सव भी मना (Worrying literacy rate in Chhattisgarh ) लिया. लेकिन छत्तीसगढ़ की लगभग आधी आबादी आज भी निरक्षर है. मतलब इतने लोगों को अक्षर का ज्ञान नही है. ऐसे लोग आज भी अपना नाम हिंदी में नही लिख पाते हैं. वसीयत, बैंक या जमीन संबंधी दस्तावेज में अंगूठा लगाकर काम चलाते(Chhattisgarh Saakshar Bharat program is closed ) हैं.

छत्तीसगढ़ में साक्षरता की दर चिंताजनक, साक्षर भारत कार्यक्रम है बंद
अब पढ़ने का समय गया : ETV भारत ने सरगुजा जिले में पड़ताल की तो ऐसे लोग मिले जिन्हें अपना नाम तक लिखना नही आता . खुद के शौचालय में लिखा स्वच्छ भारत मिशन भी ये लोग नहीं पढ़ सकते हैं. सबसे पहले हमने एक महिला सोनकेरिया से बात की सोनकेरिया कहती हैं " ना वो पढ़ी हैं ना ही लिख सकती हैं. कभी कोई पढ़ाने भी नही आया. ननद लोग पढ़ाती थी. लेकिन पढ़ना नही आया. अब पढ़ने का समय गया अब क्या पढूंगी " शौचालय का स्लोगन भी नहीं पढ़ सकते : एक अन्य ग्रामीण समन साय कहते हैं " पढ़े लिखे नही हैं, शौचालय में लिखा स्वच्छ भारत मिशन भी वो नहीं पढ़ सके. कभी कोई पढ़ाने भी नहीं आया. गरीबी के कारण नहीं पढ़ पाये. आज भी पढ़ सकता हूं अगर कोई पढ़ाने आये" सरगुजा की 40 प्रतिशत आबादी निरक्षर : गांव की पड़ताल के बाद हम जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण पहुंचे और जिले में साक्षरता का प्रतिशत जाना आंकड़े निराशाजनक थे. सरगुजा जिले में साक्षरता दर 60.68 % ही है. मतलब करीब 40% लोग जिले में अक्षर तक नही पहचान सकते. ये हम नही कह रहे हैं बल्कि ये सरकारी आंकड़े ही कह रहे हैं. प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति : इसके बाद हमने प्रदेश के अन्य जिलों के आंकड़े निकाले तो पता चला की प्रदेश के कुल 18 जिलों में ही साक्षर भारत कार्यक्रम चल रहा था. इन 18 जिलों में स्थित और बदतर है. बस्तर संभाग के बीजापुर में साक्षरता का प्रतिशत 40.86 है वही दंतेवाड़ा में 42.12, नारायणपुर में 48.62, बस्तर में 54.40, इसी तरह 18 जिलों में यह प्रतिशत थोड़ा थोड़ा बढ़ता हुआ मिलता है. लेकिन इन 18 जिलों में जहां साक्षर भारत कार्यक्रम चलाए गए उनमें सबसे अधिक साक्षरता दर दुर्ग जिले की है जहां 79.06% साक्षरता दर है. वहीं धमतरी में 78.36 राजनांदगांव में 75.96 और प्रदेश की राजधानी रायपुर जिले में साक्षरता का प्रतिशत 75.56% है. साक्षरता के लिये कई कार्यक्रम : इस विषय पर साक्षरता मिशन प्राधिकरण के परियोजना अधिकारी गिरीश गुप्ता कहते हैं " साक्षर भारत कार्यक्रम 2009 में पूरे देश मे शुरू किया गया. इसके पहले उत्तर साक्षरता, पढ़ना लिखना अभियान, सतत शिक्षा इस तरह के कई कार्यक्रम आते रहे. लेकिन बड़ा कार्यक्रम साक्षर भारत कार्यक्रम था जो 2009 से 2012 तक पूरे भारत वर्ष में संचालित हुआ. जिसमे महिलाओं की साक्षरता दर को बढ़ाने का प्रयास किया गया. इसमें टारगेट रखा गया था की 6 करोड़ महिला और 1 करोड़ पुरुषों को साक्षर बनाना है"नई शिक्षा नीति में हैं प्रावधान : गिरीश गुप्ता बताते हैं " पूरे छत्तीसगढ़ में भी यह कार्यक्रम जोर शोर से चलाया गया. लेकिन 2018 से साक्षरता की गतिविधियां बिल्कुल बंद हैं. क्योंकी यह सेंट्रल गवर्मेंट के माध्यम से ही संचालित थे इसलिए छत्तीसगढ़ में भी साक्षरता की गतिविधियां पूरी तरह से संचालित नही हैं. नई शिक्षा नीति जो लागू किया जाना है उसमें प्रौढ़ शिक्षा का भी एक प्वाइंट रखा गया है. जिससे भविष्य में नवभारत शिक्षा कार्यक्रम संचालित किया जाना है. वर्तमान में सरगुजा जिले में साक्षरता दर 60.86% है, जिसमे पुरुषों की साक्षरता दर 69% और महिलाओं की साक्षरता दर 51% है. पूरे भारत मे जो सबसे कम साक्षरता वाले जिले हैं उनमें सरगुजा जिले भी आता है. जिसमे महिलाओं की साक्षरता दर महिलाओं की साक्षरता दर से कम (sarguja news) है"
Last Updated : Sep 8, 2022, 5:21 PM IST
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