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भालू के नन्हे-नन्हे शावकों का ध्यान रख रहे ग्रामीण, पिला रहे बोतल से दूध, देखिए तस्वीरें

सरगुजा जिले के उदयपुर में एक मादा भालू ने शावकों को जन्म देने के बाद उन्हें गांव में ही छोड़ दिया. वन विभाग की निगरानी में इन शावकों का ग्रामीण पूरा ध्यान रख रहे हैं. इन नन्हे-नन्हे शावक गांव में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

Villagers taking care of bear cub in Udaipur Surguja
भालू के शावकों का ध्यान रख रहे ग्रामीण
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Published : Dec 24, 2020, 8:40 AM IST

Updated : Dec 24, 2020, 10:10 AM IST

सरगुजा : जिले के उदयपुर क्षेत्र में कभी हाथी तो कभी भालुओं का आतंक रहता है. आए दिन ग्रामीण इन जंगली जानवरों के हमले के शिकार भी हो रहे हैं, लेकिन खरसुरा के गामीणों ने मानवता की मिसाल पेश की है. जन्म के बाद अपने बच्चों को बस्ती किनारे छोड़ गई मादा भालू के दो शावकों का ग्रामीण वन विभाग की निगरानी में पूरा ख्याल रख रहे हैं. ग्रामीण शावकों को बोतल से दूध पिला रहे हैं और उनकी देखभाल कर रहे हैं.

Villagers taking care of bear cub in Udaipur Surguja
भालू के बच्चे

उदयपुर विकासखंड से लगे ग्राम खरसुरा में 16 दिसम्बर को एक मादा भालू ने खेत में दो शावकों को जन्म दिया था. भालू शावकों को जन्म देने के बाद जंगल में चली गई थी. बस्ती किनारे भालू के शावक को जन्म देने से ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल था. भालू के शावक तीन दिनों तक वन विभाग की निगरानी में बस्ती किनारे ही रह रहे थे. इस बीच 19 दिसम्बर को मादा भालू अपने शावकों को लेकर जंगल में चली गई थी, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन अब फिर से मादा भालू दोनों शावकों को बस्ती किनारे छोड़कर चली गई है. सुबह जब ग्रामीणों की नजर शावकों पर पड़ी, तो गांव में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने के लिए पहुंच गए.

पढ़ें-जंगल में छोड़ा गया भालू लौटा वापस, हादसे में बाइक के नीचे दबा, वन विभाग ने किया रेस्क्यू


वन विभाग की निगरानी में देखभाल

वन विभाग का कहना है कि मादा भालू अपने शावकों को बस्ती किनारे छोड़कर जंगल में भोजन की तलाश में चली जाती है और रात को वापस बस्ती किनारे आती है. शावकों की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे थे. वन विभाग की निगरानी में ग्रामीणों ने भालू के शावकों को दूध पिलाया. शावक काफी छोटे और कमजोर हैं. इसके कारण ग्रामीण ही उनकी देखभाल कर रहे हैं.

Villagers taking care of bear cub in Udaipur Surguja
भालू के बच्चे को दूध पिलाते ग्रामीण
कभी भी कर सकती है हमला

मादा भालू अपने शावकों को लेकर काफी संवेदनशील होती है. जिस तरह ग्रामीण शावक के नजदीक जा रहे हैं, उससे उन्हें खतरा भी बना हुआ है. यदि ग्रामीणों की मौजूदगी के समय मादा भालू अपने शावकों के पास लौटी, तो निश्चित रूप से वह ग्रामीणों पर हमला कर सकती है. हालांकि वन विभाग भी लोगों को भालू के शावकों से दूर रहने और उनसे ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करने की सलाह दे रहा है.

सरगुजा : जिले के उदयपुर क्षेत्र में कभी हाथी तो कभी भालुओं का आतंक रहता है. आए दिन ग्रामीण इन जंगली जानवरों के हमले के शिकार भी हो रहे हैं, लेकिन खरसुरा के गामीणों ने मानवता की मिसाल पेश की है. जन्म के बाद अपने बच्चों को बस्ती किनारे छोड़ गई मादा भालू के दो शावकों का ग्रामीण वन विभाग की निगरानी में पूरा ख्याल रख रहे हैं. ग्रामीण शावकों को बोतल से दूध पिला रहे हैं और उनकी देखभाल कर रहे हैं.

Villagers taking care of bear cub in Udaipur Surguja
भालू के बच्चे

उदयपुर विकासखंड से लगे ग्राम खरसुरा में 16 दिसम्बर को एक मादा भालू ने खेत में दो शावकों को जन्म दिया था. भालू शावकों को जन्म देने के बाद जंगल में चली गई थी. बस्ती किनारे भालू के शावक को जन्म देने से ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल था. भालू के शावक तीन दिनों तक वन विभाग की निगरानी में बस्ती किनारे ही रह रहे थे. इस बीच 19 दिसम्बर को मादा भालू अपने शावकों को लेकर जंगल में चली गई थी, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन अब फिर से मादा भालू दोनों शावकों को बस्ती किनारे छोड़कर चली गई है. सुबह जब ग्रामीणों की नजर शावकों पर पड़ी, तो गांव में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने के लिए पहुंच गए.

पढ़ें-जंगल में छोड़ा गया भालू लौटा वापस, हादसे में बाइक के नीचे दबा, वन विभाग ने किया रेस्क्यू


वन विभाग की निगरानी में देखभाल

वन विभाग का कहना है कि मादा भालू अपने शावकों को बस्ती किनारे छोड़कर जंगल में भोजन की तलाश में चली जाती है और रात को वापस बस्ती किनारे आती है. शावकों की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे थे. वन विभाग की निगरानी में ग्रामीणों ने भालू के शावकों को दूध पिलाया. शावक काफी छोटे और कमजोर हैं. इसके कारण ग्रामीण ही उनकी देखभाल कर रहे हैं.

Villagers taking care of bear cub in Udaipur Surguja
भालू के बच्चे को दूध पिलाते ग्रामीण
कभी भी कर सकती है हमला

मादा भालू अपने शावकों को लेकर काफी संवेदनशील होती है. जिस तरह ग्रामीण शावक के नजदीक जा रहे हैं, उससे उन्हें खतरा भी बना हुआ है. यदि ग्रामीणों की मौजूदगी के समय मादा भालू अपने शावकों के पास लौटी, तो निश्चित रूप से वह ग्रामीणों पर हमला कर सकती है. हालांकि वन विभाग भी लोगों को भालू के शावकों से दूर रहने और उनसे ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करने की सलाह दे रहा है.

Last Updated : Dec 24, 2020, 10:10 AM IST
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