सरगुजा: 3 जनवरी से देश में 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को कोरोना टीका लगना शुरू हुआ. बड़े उत्साह के साथ यह टीकाकरण शुरू किया गया, लेकिन बीतते वक्त के साथ बच्चों का टीकाकरण ठंडा पड़ चुका है. इसके पीछे स्कूलों का बंद होना प्रमुख कारण निकलकर सामने आ रहा है. हालांकि प्रशासन की गाइडलाइन में साफ लिखा है कि कोरोना की तीसरी लहर में स्कूल बंद होने के बाद भी टीकाकरण के लिए स्कूल खोले जा सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग और स्कूल प्रबंधन के उदासीन रवैये के कारण बच्चों का वैक्सीनेशन प्रभावित हो रहा है.
स्कूल बंद होने के बाद 15 से 18 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन को लेकर स्कूल प्रबंधन कोई खास रूचि नहीं ले रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी स्कूलों की मांग का इंतजार कर रहे हैं. जिन स्कूलों में टीकाकरण की मांग की जा रही है. सिर्फ उन्हीं स्कूलों में कैंप लगाकर बच्चों को टीका लगाया जा रहा है. यही वजह है कि अब भी टीकाकरण का प्रतिशत उम्मीद से काफी कम है. जिले में पिछले 14 दिनों में 52600 में से महज 33000 बच्चों को ही टीका लगाया जा सका है.
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स्कूल बंद होने से टीकाकरण प्रभावित (Vaccination of children affected due to closure of school in Surguja)
15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीका लगाने के लिए शुरूआती दौर में तो बड़े पैमाने पर कैंप लगाए गए. स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने टीकाकरण किया लेकिन स्कूलों के बंद होने के बाद अब एक से दो स्कूलों में ही हर रोज टीका लगाया जा रहा है.
इस संबंध में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. राजेश भजगावली का कहना है कि 'रोजाना स्कूलों की मांग के हिसाब से स्कूलों में कैंप लगाए जा रहे हैं. टीकाकरण के लिए भीड़ करना उचित नहीं है. हमारी प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की टीम बेहतर ढंग से बच्चों का टीकाकरण कर रही है'.