सरगुजा : संत गहिरागुरू विश्व विद्यालय अम्बिकापुर में बड़ा ही अजीब मामला देखने को मिला है. कोर्ट के आदेश से पूर्व कुलपति जब ज्वाइन करने पहुंचे तो मौजूदा कुलपति का पता नही चल रहा है. बताया गया कि वो वीसी आफिस की चाबी और शासकीय वाहन के साथ गायब हैं. इधर इस घटना क्रम के बीच रजिस्ट्रार विनोद एक्का की तबीयत अचानक बिगड़ गई है और वो हॉलीक्रॉस अस्पताल अम्बिकापुर में एडमिट हो गये हैं.
सरगुजा विश्वविद्यालय में कुलपतियों के बीच ठनी हाईकोर्ट का आदेश लेकर पहुंचे कुलपति : यहां कुलपति डॉ रोहणी प्रसाद (Vice Chancellor Dr Rohini Prasad) को विभागीय जांच के पद से हटा दिया गया था. डॉ रोहणी प्रसाद ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर लंबे समय से यह मामला लटका हुआ था. अब पूर्व कुलपति रोहणी प्रसाद के पक्ष में हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया. डॉ रोहणी प्रसाद हाईकोर्ट का आदेश और राज्यपाल कार्यालय से जारी पत्र लेकर सरगुजा (Old Vice Chancellor brought stay order from High Court) पहुंचे. यहां रजिस्ट्रार को पत्र सौंपकर ज्वाइनिंग ले ली है.
कहां हो रही परेशानी : अब कुलपति डॉ रोहणी प्रसाद के कक्ष में ताला लगा हुआ है. वो गेस्ट वेटिंग रूम में बैठकर काम काज कर रहे हैं. इस मामले में हमने डॉ रोहणी प्रसाद से बातचीत की उन्होंने बताया कि "मौजूदा कुलपति प्रोफेसर अशोक सिंह ना तो कार्यालय में हैं और ना ही बंगले में हैं. वीसी ऑफिस की चाबी और वीसी का शासकीय वाहन भी उन्हीं के पास है. रजिस्ट्रार ने उनसे फोन पर चाबी मांगी जिस पर उन्होंने चाबी देने से इनकार कर दिया (Struggle between Vice Chancellors in Surguja University) है. मैंने ज्वाइन कर लिया है, रजिस्ट्रार ने इस मामले में शासन ने मार्गदर्शन मांगा है. जैसा आदेश आएगा वो आगे की कार्रवाई करेंगे. रजिस्ट्रार बीमार हैं. मैं भी उनसे मिलने अस्पताल गया था"
क्या है राजभवन का आदेश : हाईकोर्ट में रोहणी प्रसाद ने अपने विरुद्ध हुई कार्रवाई को गलत बताते हुये चैलेंज किया था. इस मामले में न्यायालय ने 13 जून को फैसला देते हुये उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई को गलत माना है. इसके बाद विवि के कुलसचिव ने हाईकोर्ट के आदेश के संबंध में मार्गदर्शन मांगा था. इस सबंध में 17 जून को राज्यपाल के हवाले से उनके अवर सचिव के हस्ताक्षर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया कि, उच्च न्यायालय द्वारा दायर याचिका के संबंध में पारित निर्णय के सबंध में नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें.
सशर्त हुई थी अशोक सिंह की पदस्थापना : डॉ रोहणी प्रसाद को हटाए जाने के बाद 2 अगस्त 2021 को बनारस के अशोक सिंह को कुलपति नियुक्त किया गया (Ashok Singh of Banaras was appointed as the Vice Chancellor)था.इनकी नियुक्ति आदेश में लिखा था कि, प्रोफेसर अशोक सिंह की नियुक्ति का आदेश बिलासपुर में दायर याचिका 180/2020 और 973/2020 में अपेक्षित निर्णय/आदेश के अध्ययीन होंगे.
क्यों हटाए गए थे रोहणी प्रसाद : बहरहाल डॉ रोहणी प्रसाद का कार्यकाल 10 जुलाई को समाप्त हो रहा है, लेकिन उन पर गंभीर आरोप लगाये गये थे. तमाम मामलों में जांच करते हुये उन्हें पद से हटा दिया गया था. लेकिन न्यायालय से क्लीन चिट पाने के बाद उनकी छवि और रिकॉर्ड पर उठ रहे सवालों पर विराम लग जायेगा.