सरगुजा: ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे किसके सहारे' अभियान से वृक्षमित्र ओपी अग्रवाल भी जुड़ चुके हैं. 40 वर्षों से पर्यावरण सरंक्षण पर कार्य कर रहे ओपी अग्रवाल ने ETV भारत की मुहिम की तारीफ की और पर्यावरण बचाने के लिए किस तरह की सावधानी या प्रयास करने की जरूरत है इस विषय में खास बातचीत की.
'पौधे को पोषण की जरूरत होती है'
पौधों के संवर्धन के लिए उन्होंने जगदीश चंद्र बसु के सिद्धांत पर बल देते हुए बताया कि 'पौधों में जान होती है, जैसे की एक मां बच्चे को जन्म देती है और जन्म के बाद बच्चे को प्यार-दुलार के साथ पोषण आहार की जरूरत पूरी करती है उसी तरह पौधों को रोपने के बाद उस पौधे को पोषण की जरूरत होती है. आवश्यक खाद और पानी समय पर देना पौधों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता हैं'.
कौन है ओपी अग्रवाल ?
ओपी अग्रवाल को वृक्ष मित्र का सम्मान 1991 में मिला, तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने अग्रवाल को वृक्षमित्र के सम्मान से नवाजा था. ओपी अग्रवाल ने अपना पूरा जीवन वृक्षों के संरक्षण और संवर्धन में समर्पित कर दिया है. आज भी वे अपना ज्यादातर समय वृक्षों के साथ ही गुजारते हैं.
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'सार्थक लगा प्रयास'
उन्होंने कहा कि 'ETV भारत का यह अभियान पर्यावरण संतुलन की ओर सार्थक प्रयास लगा इसलिए वे इस मुहिम से जुड़े हैं और अपने लक्ष्य को ETV भारत की मुहिम के साथ जोड़कर संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के प्रांगण में रोपे गए पौधों की प्रगति अपने मार्गदर्शन में करने का फैसला लिया है'.