सरगुजाः प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर सरगुजा (Surguja rich in natural resources) वनों और पर्वतों से घिरा हुआ है. यही वजह है की सरगुजा के शहर भी बेहद खूबसूरत और स्वस्थ होते हैं. ऐसे में यहां के वन, पर्वत, झरने पर्यावरण हितैषी के साथ-साथ पर्यटन का केंद्र (tourist center) भी बनाते हैं. यहां कई ऐसे अद्भुत स्थान हैं जहां जाने के बाद आप या तो हैरत में पड़ जायेंगे या फिर प्रकृति के अनुपम रूप (nature's unique) को देख रोमांचित हो उठेंगे.
नए वर्ष में आगे आप छुट्टियां बिताने निकल रहे हैं तो सरगुजा की इन जगहों पर अपना वक्त बिता सकते हैं. आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं सरगुजा के मैनपाट की तस्वीरें. यहां स्थित उल्टा पानी जो पर्यटकों को हैरत में डाल देता है. यहां पानी का उल्टा बहना, गाड़ियों का चढ़ान की ओर लुढ़कना एक अद्भुत घटना प्रतीत होती है.
इसके साथ ही जलजली पहुंचने पर कुदरत का एक और नायाब नमूना देखने को मिलता है. यहां जमीन हिलती है. वो भी ऐसे जैसे कोई रबर की बॉल उछलती है. इसके बाद मैनपाट में प्रकृति के नायाब उदाहरण के तौर पर टाइगर प्वाइंट स्थित है. इसे देखने के बाद सारी थकान दूर हो जाती है. घनघोर वन क्षेत्र के बीच से बहती नदी और नदी के तेज प्रवाह का तीव्र गति से नीचे गिरना बेहद रोमांचक लगता है.
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उल्टा पानी का अजूबा
मैनपाट में यूं तो बहुत से ऐसे स्थान हैं जो देखने और घूमने लायक हैं लेकिन मुख्य रूप से यहां तीन स्थान बेहद रोमांचक हैं. इनमें सबसे पहले उल्टा पानी नामक स्थान है जहां पानी की धार ढलान से चढ़ान की ओर चढ़ती है. यहां एक स्थान पर गाड़ियां भी बंद कर देने पर खुद चढ़ान की ओर लुढ़कने लगती हैं. ये नजारा लोगों को अचरज में डाल देता है. कुछ लोग इसे मैग्नेटिक फील्ड कहते हैं तो वहीं भू-गर्भ शास्त्री इसे ऑप्टिकल इल्यूजन बताते हैं. सच चाहे जो भी हो, पर्यटकों को ये नजारा बेहद पसंद आता है.
हिलती है जमीन
कुछ ही दूरी पर जलजली नामक प्वाइंट है. जहां जमीन हिलती है. इस जमीन पर जम्प करने पर जमीन ऐसे हिचकोले खाती है. मानो जमीन की सतह रबर से बनी हो. यह स्थान पर्यटकों को और खासकर बच्चों को बहुत भाता है. जानकार बताते हैं की इस जमीन के नीचे पानी का बहाव (underground water flow) है और ऊपर वन वनस्पति, डूब, मिट्टी की मोटी सतह जम गई है. जिस कारण यहां जमीन हिलती है. हालांकि सरगुजा में ऐसे अद्भुत नजारों के पीछे की मुख्य वजह ज्वालामुखी उद्गार माना जाता है. सरगुजा छोटा नागपुर पठार (Chota Nagpur Plateau) का हिस्सा है और यह पठार ज्वालामुखी उद्गार से बना है. ऐसे पठारों पर इस तरह की घटनाओं का होना सामान्य बात है.
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टाइगर प्वॉइंट
यह स्थान घनघोर जंगल के बीच है. यहां पानी का तेज बहाव और फिर काफी ऊंचाई से गिरता झरना बेहद आकर्षक लगता है. प्रकृति के अनुपम नजारे लोगों को बेहद पसंद आते हैं. इस वाटर फॉल को ऊपर और नीचे दोनों ही स्थानों से देखा जा सकता है. हालांकी नीचे से देखने के लिये काफी नीचे सीढ़ियों इसे उतर कर जाना होता है लेकिन नीचे का नजरा बेहद रोमांचक है.
महेशपुर का विशेष महत्व
अम्बिकापुर से 60 किलोमीटर दूर अम्बिकापुर बिलासपुर मुख्य मार्ग में उदयपुर से करीब 7 किलोमीटर अंदर महेशपुर नाम की जगह है. यहां पुरातत्व विभाग ने प्राचीन मूर्ति व अवशेषों का विशाल संग्रह (Huge collection of ancient sculptures and relics) रखा है. रेण नदी के किनारे प्राचीन शिव मंदिर और पुरातात्विक महत्व के अवशेष देखने योग्य हैं. सरगुजा में दर्जन भर से अधिक ऐसे स्थान हैं जहां जहां प्रकृति के अनुपम नजारे देखे जा सकते हैं. तो अगर आप नए साल की छुट्टियों में सरगुजा जा रहे हैं तो इन जगहों पर परिवार के साथ जाकर मस्ती कर सकते हैं.