बीते कई सालों से जन स्वास्थ्य रक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में जहां चिकित्सा व्यवस्था नहीं होती ऐसे गांव में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं. जन स्वास्थ्य रक्षक द्वारा उल्टी दस्त, बुखार, लू ,छोटी-मोटी चोट लगने पर मरीज को तत्काल प्राथमिक उपचार देते हैं.
2003 में जन स्वास्थ्य रक्षकों को निकाला गया
अविभाजित मध्यप्रदेश शासन द्वारा इस हेतु प्रशिक्षण भी दिया गया था और इलाज को मान्यता दी गई थी. लेकिन साल 2003 में जन स्वास्थ्य रक्षकों को निकाल दिया गया जिसके कारण सरगुजा संभाग के लगभग 4 हजार जन स्वास्थ रक्षक बेरोजगार हो गए.
पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपा था ज्ञापन
छतीसगढ़ में लगातार जन स्वास्थ्य रक्षकों द्वारा नियमितीकरण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाता रहा. लेकिन नियमितीकरण पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. विपक्ष में रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा था की यदि कांग्रेस की सरकार बनने पर जन स्वास्थ्य रक्षकों को सेवा में लिया जाएगा.
सरगुजा संभाग में लगभग 4 हाजार जन स्वास्थ्य रक्षक बेरोजगार घूम रहे हैं. वे उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कांग्रेस की सरकार ने जो वादा किया था वो पूरा करेगी. बहरहाल सरगुजा संभाग के जन स्वास्थ्य रक्षक उम्मीदें पूरी न होने पर आंदोलन करने की बात कह रहे हैं.