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अंबिकापुर में बनवा रहे हैं मकान तो पढ़ लीजिए ये खबर

अंबिकापुर में मकान निर्माण के नए नियम लागू किए गए हैं. दरिमा एयरपोर्ट की 20 किलोमीटर एरिया में घर बनाने वालों को नगर निगम के साथ-साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी की भी परमिशन लेनी होगी.

For construction of house in Ambikapur permission of Airport Authority is also necessary along with Municipal Corporation
अंबिकापुर में मकान निर्माण के लिए नगर निगम के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी की भी परमिशन जरूरी
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Published : Sep 19, 2021, 10:30 AM IST

सरगुजा: अंबिकापुर को एयरपोर्ट की सौगात मिले लंबा समय बीत चुका है. लेकिन अब तक यहां हवाई सेवा शुरू नहीं हो सकी है. लेकिन एयर टैक्सी से बदलकर बड़े विमान की स्वीकृति मिलने से इस क्षेत्र में भवन निर्माण के नियमों में बड़ा बदलाव हो चुका है. जिसके बाद एयरपोर्ट की 20 किलोमीटर की परिधि में भवन निर्माण के नियम बदल (House construction rules in Ambikapur) चुके हैं. अब चिन्हांकित स्थलों पर भवन निर्माण की अनुमति नगर निगम के अलावा एयरपोर्ट अथॉरिटी (Ambikapur Airport Authority) से भी लेनी होगी और उनके नियमों का पालन करना होगा. ETV भारत ने नगर निगम के भवन शाखा के अधिकारी विवेक सैनी से बात की.

अंबिकापुर में मकान निर्माण के लिए नगर निगम के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी की भी परमिशन जरूरी

तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह (raman singh ) ने इसकी कार्ययोजना बनाई और सरगुजा से एयर टैक्सी यानी कि छोटे प्लेन शुरू किये जाने की घोषणा की. छोटे प्लेन के लिए रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग भी बनकर तैयार हो गई. लेकिन सरकार बदलने के बाद एयर टैक्सी संचालन के लिये वेंडर तैयार नहीं हुये. लिहाजा केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने बड़े प्लेन से हवाई सेवा शुरू करने की अनुमति दी. जिसके बाद दरिमा एयरपोर्ट (darima airport) का रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग का दोबारा निर्माण कराया गया. अब विमान से सेवा शुरू होने के बाद विमान के उड़ने और उतरने में एयरपोर्ट अथॉरिटी के नियमों के तहत सेफ्टी रूल फॉलो किये जा रहे हैं. जिसके बाद अब एयरपोर्ट की 20 किलोमीटर की परिधि में भवन निर्माण के नियम अलग होंगे. इस एरिया में घर बनाने के लिए नगर निगम के साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी की भी परमिशन लेनी होगी.

अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation ) और आस-पास के कुछ ग्राम पंचायत में क्षेत्र को नक्शे में सेक्टर के हिसाब से बांटा गया है. अलग-अलग जोन में अलग-अलग नियम होंगे. इसके लिये ऑनलाइन साइट नगर निगम को उपलब्ध कराई गई है. जिसमे समुद्र तल से भवन की ऊंचाई का हिसाब लगाया जा सकता है. एयरपोर्ट की 20 किलोमीटर की परिधि में आने वाले क्षेत्रों को 8 जोन में बांटा गया है. जिनमे ग्रीन, पिंक, ऑरेंज, यलो, ग्रे, स्काई ब्लू, लाइट पिंक और रेड जोन में बांटा गया है. इन सातों में भवन निर्माण करने की अलग-अलग शर्ते हैं. एरिया को मैप करते हुये उन्हें कलर में बांटा गया है. जहां अलग-अलग ऊंचाई के भवनों को अनुमति दी जानी है. इसमें रेड जोन में निर्माण की अनुमति सिर्फ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ही दे सकती है. इसमें ऊंचाई का कोई मापदंड तय नहीं किया गया है.

रायपुर नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने खड़े किए सवाल

पिंक कलर वाले क्षेत्र में समुद्र तल से कुल ऊंचाई 610 मीटर, यलो में 620 मीटर, स्काई ब्लू में 630 मीटर, ग्रे में 640 मीटर, ऑरेंज में 670 मीटर, लाइट पिंक में 700 मीटर और ग्रीन जोन में समुद्र तल से भवन की ऊंचाई 730 मीटर तक हो सकती है. एयरपोर्ट अथॉरिटी के इस नियम के बाद अब इन क्षेत्रों में निर्धारित ऊंचाई से ज्यादा ऊंचे मकान या मोबाइल टावर नहीं लगाये जा सकेंगे.

फिलहाल अंबिकापुर नगर निगम का पूरा क्षेत्र ग्रीन जोन में है. इससे लगे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऊंचे मकान नहीं है. लिहाजा एयरपोर्ट के नियमों के तहत किसी भवन को गिराने जैसी स्थिति निर्मित नहीं होगी. हालांकि अब बनाने वाले मकानों के स्वामियों को इन नियमों से होकर गुजरना पड़ेगा.

सरगुजा: अंबिकापुर को एयरपोर्ट की सौगात मिले लंबा समय बीत चुका है. लेकिन अब तक यहां हवाई सेवा शुरू नहीं हो सकी है. लेकिन एयर टैक्सी से बदलकर बड़े विमान की स्वीकृति मिलने से इस क्षेत्र में भवन निर्माण के नियमों में बड़ा बदलाव हो चुका है. जिसके बाद एयरपोर्ट की 20 किलोमीटर की परिधि में भवन निर्माण के नियम बदल (House construction rules in Ambikapur) चुके हैं. अब चिन्हांकित स्थलों पर भवन निर्माण की अनुमति नगर निगम के अलावा एयरपोर्ट अथॉरिटी (Ambikapur Airport Authority) से भी लेनी होगी और उनके नियमों का पालन करना होगा. ETV भारत ने नगर निगम के भवन शाखा के अधिकारी विवेक सैनी से बात की.

अंबिकापुर में मकान निर्माण के लिए नगर निगम के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी की भी परमिशन जरूरी

तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह (raman singh ) ने इसकी कार्ययोजना बनाई और सरगुजा से एयर टैक्सी यानी कि छोटे प्लेन शुरू किये जाने की घोषणा की. छोटे प्लेन के लिए रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग भी बनकर तैयार हो गई. लेकिन सरकार बदलने के बाद एयर टैक्सी संचालन के लिये वेंडर तैयार नहीं हुये. लिहाजा केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने बड़े प्लेन से हवाई सेवा शुरू करने की अनुमति दी. जिसके बाद दरिमा एयरपोर्ट (darima airport) का रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग का दोबारा निर्माण कराया गया. अब विमान से सेवा शुरू होने के बाद विमान के उड़ने और उतरने में एयरपोर्ट अथॉरिटी के नियमों के तहत सेफ्टी रूल फॉलो किये जा रहे हैं. जिसके बाद अब एयरपोर्ट की 20 किलोमीटर की परिधि में भवन निर्माण के नियम अलग होंगे. इस एरिया में घर बनाने के लिए नगर निगम के साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी की भी परमिशन लेनी होगी.

अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation ) और आस-पास के कुछ ग्राम पंचायत में क्षेत्र को नक्शे में सेक्टर के हिसाब से बांटा गया है. अलग-अलग जोन में अलग-अलग नियम होंगे. इसके लिये ऑनलाइन साइट नगर निगम को उपलब्ध कराई गई है. जिसमे समुद्र तल से भवन की ऊंचाई का हिसाब लगाया जा सकता है. एयरपोर्ट की 20 किलोमीटर की परिधि में आने वाले क्षेत्रों को 8 जोन में बांटा गया है. जिनमे ग्रीन, पिंक, ऑरेंज, यलो, ग्रे, स्काई ब्लू, लाइट पिंक और रेड जोन में बांटा गया है. इन सातों में भवन निर्माण करने की अलग-अलग शर्ते हैं. एरिया को मैप करते हुये उन्हें कलर में बांटा गया है. जहां अलग-अलग ऊंचाई के भवनों को अनुमति दी जानी है. इसमें रेड जोन में निर्माण की अनुमति सिर्फ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ही दे सकती है. इसमें ऊंचाई का कोई मापदंड तय नहीं किया गया है.

रायपुर नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने खड़े किए सवाल

पिंक कलर वाले क्षेत्र में समुद्र तल से कुल ऊंचाई 610 मीटर, यलो में 620 मीटर, स्काई ब्लू में 630 मीटर, ग्रे में 640 मीटर, ऑरेंज में 670 मीटर, लाइट पिंक में 700 मीटर और ग्रीन जोन में समुद्र तल से भवन की ऊंचाई 730 मीटर तक हो सकती है. एयरपोर्ट अथॉरिटी के इस नियम के बाद अब इन क्षेत्रों में निर्धारित ऊंचाई से ज्यादा ऊंचे मकान या मोबाइल टावर नहीं लगाये जा सकेंगे.

फिलहाल अंबिकापुर नगर निगम का पूरा क्षेत्र ग्रीन जोन में है. इससे लगे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऊंचे मकान नहीं है. लिहाजा एयरपोर्ट के नियमों के तहत किसी भवन को गिराने जैसी स्थिति निर्मित नहीं होगी. हालांकि अब बनाने वाले मकानों के स्वामियों को इन नियमों से होकर गुजरना पड़ेगा.

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