सरगुजा: केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना महामारी से निपटने में लगी हुई हैं. कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगने के बाद से ही पूरे देश में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था. अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूर पैदल ही घर लौटने लगे थे. इसे लेकर देश में सियासत भी जोरों पर है. छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वजह से श्रमिकों जो हालत हुई, वो किसी से छिपी नहीं है. भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 3 सौ से ज्यादा राहत कैंप चलाए जा रहे हैं. भोजन और राहत की व्यवस्था की जा रही है. सबसे महत्वपूर्ण छत्तीसगढ़ में कोई भूखा न सोए इसके इंतजाम किए जा रहे हैं. खाद्य विभाग ने अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया है.
ETV भारत से बातचीत में खाद्य मंत्री ने कहा कि मजदूरों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने देश में सबसे अच्छी व्यवस्था की है. अमरजीत भगत ने कहा कि मजदूरों का पलायन भारत-पाकिस्तान बंटवारे की याद दिला गया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को श्रमिकों के घर जाने की व्यवस्था करनी थी.
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छत्तीसगढ़ के संदर्भ में खाद्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निर्देश था कि कोई भूखा न सोए और छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरी कोशिश की कि प्रदेश में कई खाली पेट न रहे. खाद्य विभाग ने इस लक्ष्य को पूरा किया. चाहे मजदूरों को भेजने की बात हो या फिर उन्हें यहां लाने की सबकी समुचित व्यवस्था की गई.
राशनकार्ड बनाने का काम जल्द होगा शुरू
राशनकार्ड निर्माण बंद होने के सवाल पर मंत्री ने बताया की आवंटन में अंतर न आए इसलिए पोर्टल बंद था. 1 जून से वितरण प्रारंभ हो चुका है. जल्द ही राशन कार्ड बनाने का काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार राज्य में पहुंचने वाले सभी मजदूरों के खाद्यान्न की उचित व्यवस्था की जा रही है.
छत्तीसगढ़ में अब तक करीब एक लाख प्रवासी मजदूर वापस लौट चुके हैं. सभी को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही पीडीएस के तहत खाद्यान्न की व्यवस्था की जा रही है.