अंबिकापुर:उदयपुर विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्र इन दिनों हाथियों की चिंघाड़ से थर्रा उठे है.हाथी जंगल से निकलकर फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाथियों के आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. पिछले तीन से चार दिनों में हाथियों ने 20 एकड़ से भी ज्यादा जमीन पर लगी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है.
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सरगुजा के उदयपुर विकासखंड में 7 हाथियों का दल कोरिया जिले से प्रेमनगर होते हुए सरगुजा के खरसुरा जंगल में पहुंच गया था. इस दल में 2 शावक भी शामिल है. हाथी लगातार जंगल से निकलकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है. हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए वन विभाग ने प्रभावित गांव के ग्रामीणों को बस्ती से निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने का काम शुरू कर दिया है. हाथियों ने अब तक डोई, फुलचुही, लक्ष्मणगढ़, फुनगी, महेशपुर, मानपुर, मोहनपुर, करमकठरा में उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों की 20 एकड़ से अधिक जमीन पर लगी फसलों को नुकसान पहुंचाया है. इसके साथ ही ग्रामीणों के मकान को भी क्षतिग्रस्त किया है.
लोगों को सतर्क रहने की जरूरत
हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए वन विभाग प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी करा रहा है. खतरे को देखते हुए वन विभाग ग्रामीणों को बस्ती से दूर शासकीय भवनों, स्कूलों के पक्के भवनों में रुकवाया है. सभी ग्रामीणों को सलाह दी जा रही है कि वे हाथियों से छेड़छाड़ न करें और उनसे दूरी बनाए रखे. बता दें कि अब तक क्षेत्र में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है.
कम मुआवजे से आक्रोश
हाथी लगातार किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचा रहे है. हाथियों का दल जिस खेत से गुजरता है वह खेत पूरी तरह बर्बाद हो जाता है. वन विभाग हाथियों के किए गए फसल नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण तैयार कर रहा है. इससे किसानों में आक्रोश नजर आ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के दिए गए मुआवजे की रकम नुकसान से कम है, इस राशि से उनकी लागत भी पूरी नहीं निकल पा रही है. धान की खेती के लिए खरीदे गए खाद, बीज की भरपाई भी मुआवजे की इस रकम से नहीं हो पाती है ऐसे में किसानों को आर्थिक संकट की चिंता सता रही है.