सरगुजा: गुरुवार की शाम डीआईजी और 2 जिलों के एसपी पूरे दलबल के साथ सड़क पर पैदल मार्च के लिए निकल पड़े. डीआईजी, एसपी और पुलिस के आला अधिकारी खुद एक प्रधान आरक्षक की एएसआई के पद पर प्रमोशन के लिए फिजिकल परीक्षा लेने सड़क पर निकले थे. बड़ी बात तो यह है कि प्रधान आरक्षक का एक पैर सड़क दुर्घटना में चोटिल हो चुका है, इसके बाद भी जब प्रधान आरक्षक ने दक्षता परीक्षा देने की इच्छा जाहिर की, तो ये एग्जाम लेने खुद आला अधिकारियों को सड़क पर उतरना पड़ा.
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कोरिया जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक रघुनन्दन सिंह के सेवानिवृत्ति के लगभग 4 साल बचे हैं और इस दौरान उन्हें प्रधान आरक्षक से एएसआई के पद पर पदोन्नति भी देनी है, लेकिन इन सब के बीच एक बाधा यह थी कि प्रधान आरक्षक का एक पैर सड़क दुर्घटना में चोटिल हो गया. उन्हें चलने में दिक्कत होती है, ऐसे में उनके लिए यह दक्षता परीक्षा पास करना सम्भव नहीं था. लिहाजा उच्च अधिकारियों के निर्देश पर बनाई गई समिति में शामिल सरगुजा के डीआईजी आरपी साय, सरगुजा एसपी टीआर कोशिमा, सूरजपुर एसपी राजेश कुकरेजा, आरआई मुकेश जोशी सहित अन्य पुलिस अधिकारी-कर्मचारी खुद उनकी परीक्षा लेने निकले थे.
प्रधान आरक्षक ने पूरी की परीक्षा
इस दौरान प्रधान आरक्षक ने भी साहस का परिचय देते हुए 5 किलोमीटर दौड़ कर अपनी परीक्षा को सफलतापूर्वक पूरा किया. इस दौरान प्रधान आरक्षक के साथ एक एम्बुलेंस, मेडिकल टीम के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी साथ चलते रहे. एक प्रधान आरक्षक को पदोन्नति का लाभ दिलाने के लिए पुलिस की ये संवेदनशीलता काबिलेतारीफ है, हालांकि इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है और ऐसी परीक्षाएं समय-समय पर हर वर्ग के पुलिसकर्मी के लिए आयोजित की जाती रहती है, लेकिन पहली बार शहर में एक प्रधान आरक्षक के लिए सड़क पर डीआईजी और दो जिलों के एसपी को सड़क पर मार्च करता देख लोग हैरान रह गए.
इस संबंध में एसपी टीआर कोशिमा ने बताया कि प्रधान आरक्षक के सहायक उपनिरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए फिजिकल टेस्ट आयोजित किया गया था, जिसमें 5 किमी दौड़, गोला फेंक और अन्य परीक्षा ली गई.