अंबिकापुर: केंद्रीय जेल में फैलते कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को जेल परिसर में कैम्प लगाया. यहां कैदियों और बंदियों की कोरोना जांच की गई. फिलहाल संक्रमितों की संख्या सामने नहीं आ सकी है, लेकिन बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमितों के मिलने की आशंका जताई जा रही है.
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केंद्रीय जेल अंबिकापुर में पिछले कुछ दिनों में 3 कैदियों के कोरोना संक्रमित होने की पहचान की गई है. जेल प्रबन्धन के कर्मचारी भी संक्रमण की चपेट में आए थे. संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए जेल के अंदर साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन के साथ ही कैदी-बंदियों को मास्क का वितरण किया जा रहा था. जेल अधीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर जेल के अंदर ही कैदियों की कोविड-19 जांच कराने का अनुरोध किया था. जेल प्रबन्धन का तर्क है कि इतनी बड़ी संख्या में कैदियों को जांच के लिए जेल से बाहर सुरक्षागत कारणों से नहीं ले जाया जा सकता है. जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड़ के पत्र के बाद सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए केंद्रीय जेल पहुंची थी.
कैदियों का रैपिड एंटीजन टेस्ट
केंद्रीय जेल में कैदियों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया है. पहले दिन टीम ने 200 से 300 कैदियों का कोविड-19 टेस्ट करने का लक्ष्य रखा है. टीम के अनुसार रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट दो से तीन घंटे में मिल जाती है. इस दौरान ऐसे कैदियों और बंदियों को प्राथमिकता दी गई जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण थे. हालांकि टीम को कैदियों की जांच में लंबा समय लग गया और अब तक जांच की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं आई है. ऐसे में अब देखना यह है कि जेल में कितनी संख्या में संक्रमित सामने आते हैं.
क्षमता से अधिक कैदी
केंद्रीय जेल प्रबन्धन के अनुसार जेल में कैदियों की क्षमता 1,020 है, लेकिन जेल में वर्तमान में 2 हजार 127 कैदी मौजूद हैं. क्षमता से अधिक कैदी होने के कारण बैरक में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाता है. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, हालांकि जेल प्रबन्धन का दावा है कि उनकी ओर से हरसम्भव सावधानियां बरती जाती हैं.