सरगुजा : जिले में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश किया गया है. इसके बाद से ही व्यवसायियों में हड़कंप मचा हुआ है. पान दुकान और गुमटी संचालकों ने गुरुवार को अपनी दुकानें बंद रखी. सभी ने कैट के साथ बैठक कर कोटपा के नोडल अधिकारी से इस विषय में चर्चा की. कोटपा के नोडल अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि तम्बाकू उत्पादों पर बिक्री पर प्रतिबंध का आदेश जिला दंडाधिकारी संजीव कुमार झा ने दिया है. कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन किसी भी व्यवसायी की रोजी-रोटी छीनना नहीं चाहता है, महामारी अधिनियम के तहत ये निर्णय लिया गया है.
सरगुजा नाइट कर्फ्यू : दुकानें बंद लेकिन आना-जाना बेखौफ जारी
सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा ने 1 अप्रैल से जिले में तम्बाकू उत्पादों, गुटका, पान मसाला, गुड़ाखु जैसे सामग्रियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह निर्णय जिले में तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लिया गया है. वर्तमान में कोटपा एक्ट तहत भी जिले को तम्बाकू मुक्त बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. तम्बाकू उत्पादों के खुले में सेवन पर प्रतिबंध है. इस आदेश के जारी होने के बाद पान दुकान, गुमटी और पान मसाला के थोक विक्रेताओं में हड़कंप मच गया. व्यवसायियों ने अपनी प्रतिष्ठानों को बंद रखा और कैट के जिलाध्यक्ष रविंद्र तिवारी के साथ बैठक की.
महामारी की वजह से लगी रोक
बैठक के दौरान उन्होंने कोटपा के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता से फोन से चर्चा भी की. इस दौरान डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने स्पष्ट किया कि तम्बाकू उत्पादों पर बिक्री के प्रतिबंध का आदेश महामारी की रोकथाम के लिए जारी किया गया है. इस तरह की पाबंदियों का उद्देश्य संक्रमण फैलने से रोकना है.उन्होंने कहा कि कोटपा एक्ट के तहत दुकानों और गुमटियों में तंबाकू उत्पाद के सेवन से कैंसर होने का खतरा, 18 वर्ष से कम वाले व्यक्ति को तंबाकू उत्पाद विक्रय नहीं करने का निर्देश का बोर्ड लगाना है.